सालम पंजा: 9 फायदे और कुछ संभावित नुकसान

सालम पंजा में पोषक तत्वों के साथ जीवाणुरोधी, सूजन रोधी, कैंसर रोधी जैसे गुण भी पाए जाते हैं, इसलिए सेहत पर इसके फायदे अनेक हैं। - चलिए इसके फायदों की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करें।

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Anshika Sharma

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सालम पंजा (Salam Panja) उन दिव्य जड़ी बूटियों में से एक है जिसका उपयोग चिकित्सा पद्धतियों में रोगों से लड़ने और सेहत से जुड़े फायदों के लिए लम्बे समय से होता आया। कुछ शोध भी सालम पंजा में मौजूद पोषक तत्वों और औषधीय गुणों का समर्थन करते हैं, और हमारे स्वास्थ्य पर सालम पंजा के फायदों के बारे में भी विस्तार से बताते हैं।

यहाँ आपको सालम पंजा के फायदे और नुकसान की सम्पूर्ण जानकारी मिलेगी।

सालम पंजा का संछिप्त परिचय

“सालम पांजा” या “सालब पंजा ” एक पौधा है जो की हिमालय क्षेत्रों (भारत, नेपाल, और भूटान) में पाया जाता है। इस पौधे का वैज्ञानिक नाम “डैक्टिलोरिज़ा हतागिरिया” (Dactylorhiza hatagirea) है जो की पौधों के ऑर्किड (Orchid) परिवार से सम्बन्धित है।

सालम पंजा को कई नामों से जाना जाता है जैसे संस्कृत में “बीजगन्ध” या “मुञ्जातक” के नाम से जाना जाता है। नेपाली भाषा में इसे “पंचौंले” कहा जाता है। इंग्लिश में इसको “सालेप” नाम से पुकारा जाता है, और हट्टा हड्डी” भी इसका एक प्रचलित नाम है। सालम पंजा के अधिकतर नामों का अर्थ कहीं ना कहीं हथेली या पंजा होता है क्योकि इसकी जड़ का अकार हाथ या पंजा के जैसा प्रतीत होता है।

सालम पंजा का पौधा 10 से 50 सेंटीमीटर की ऊँचाई तक बढ़ता है। इसके पत्ते लंबे और संकरे होते हैं, और फूल गुलाबी या बैंगनी रंग के होते हैं। अमूमन इसके कंद यानी जड़ का उपयोग एक औषधि के तौर पर किया जाता है जिसे यौन स्वास्थ्य, ऊर्जा वृद्धि, और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाला माना जाता है।

Salam panja ke fayde

सालम पंजा और सालम मिश्री के बीच अंतर

अक्सर लोग “सालम पंजा” और “सालममिश्री” को लेकर भ्रमित रहते हैं और इन दोनों नामों को एक दूसरे के लिए उपयोग करते हैं। हालाँकि यह दोनों ही पौधे एक ही परिवार के सदस्य हैं यानी यह दोनों ऑर्किड परिवार से संबंधित हैं, लेकिन यह अलग अलग पौधे हैं।

एक अन्य पौधा जिसे हम “सालम गट्टा” के नाम से जानते हैं यह भी इसी परिवार का सदस्य है लेकिन एक अलग पौधा है। इसका जड़ सालम पंजे के जड़ (कंद) के आकर का नहीं होता है, इसका कंद का आकर मुन्नके जैसा होता है लेकिन मुन्नके से थोड़ा बड़ा और बहुत कठोर होता है।

इनका वर्गीकरण निम्नलिखित दिया गया है:

सालम हिंदी नामसालम इंग्लिश नामवानस्पतिक नाम
सालम पंजाHimalayan Marsh OrchidDactylorhiza Hatagirea
सालम मिश्रीBroad-leaved HelleborineOrchis Latifolia
सालम गट्टाEarly Purple OrchidOrchis Mascula

सालम पंजा के फायदे | Salam Panja Benefits

चरक-संहिता में सालम पंजा के पौधे, विशेषकर इसकी जड़, को शक्ति बढ़ाने वाला, ठंडक प्रदान करने वाला, भारी, वातहर, तृप्तिदायक, बलवर्धक, और वात-पित्त को शांत करने वाला बताया गया है। साथ ही इसे मधुर और कामोत्तेजक गुणों से युक्त माना गया है।

यूनानी चिकित्सा पद्धत्ति में भी इसका जिक्र मिलता है जिसमें इसको कामोत्तेजक और तंत्रिका तंत्र को बेहतर करने वाला टॉनिक बताया गया है।

हालिया शोध से भी यह पता चलता है कि सालम पांजा में कई औषधीय गुण होते हैं, जैसे एंटीऑक्सीडेंट, सूजन-रोधी, जीवाणुरोधी, और कैंसर-रोधी गुण, जो संभवतः हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है।1

1. पुरुष यौन समस्याओं में फायदेमंद: सालम पांजा का उपयोग पुरुष यौन समस्याओं के निवारण के लिए प्राचीन समय से ही होता आया है, और इसके कामोत्तेजक गुणों की पुष्टि हालिया शोधों द्वारा भी की गई है।2

दिलचस्प बात यह है की पुरुष यौन समस्याओं अलावां सालम पंजा महिला यौन विकारों के उपचार में भी प्रभावी पाया गया है।3 

2. तंत्रिका तंत्र का टॉनिक: प्राचीन यूनानी विशेषज्ञों ने सालम पंजा को तंत्रिका तंत्र के लिए एक प्रभावी टॉनिक के रूप में उल्लेख किया है। सालम पंजा प्राकृतिक रूप से सेरोटोनिन और डोपामिन जैसे हार्मोन के स्तर को बढ़ाकर मूड में सुधार कर सकता है। यह कोर्टिसोल के स्तर को नियंत्रित करके तनाव को कम करने में भी मदद कर सकता है। साथ ही, यह एसिटाइलकोलाइन के स्तर को बढ़ाकर संज्ञानात्मक कार्यों में सुधार ला सकता है। इन सभी कारणों से सालम पंजा तंत्रिका तंत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, और पार्किंसन रोग से राहत दिलाने में भी सहायक हो सकता है।

3. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद: सालम पंजा में मौजूद पोषक तत्व, इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण और एडाप्टोजेनिक गुण हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर करने में मदत कर सकते हैं जिससे रोगों से लड़ने की शारीरिक क्षमता में विकास हो सकता है।

4. त्वचा समस्याओं में फायदेमंद: सालम पंजा त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए फायदेमंद हो सकता है क्योंकि यह त्वचा कोशिकाओं के पुनर्जनन की गति को बढ़ा सकता है। घाव और अल्सर जैसी त्वचा समस्याओं को तेजी से ठीक करने में इसका पेस्ट महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

5. उम्र बढ़ने की दर में कमी: सालम पंजा में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट गुण कोशिकाओं की क्षति को कम करके बुढ़ापे की प्रक्रिया को धीमा कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, यह एंटीऑक्सीडेंट मुक्त कणों को बेअसर करके और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करके भी उम्र बढ़ने की रफ्तार को धीमा करने में मदद कर सकते हैं।

6. गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं से राहत: सालम पंजा का पारंपरिक रूप से पाचन समस्याओं के उपचार में उपयोग किया जाता रहा है। इसमें ऐसे गुण हो सकते हैं जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम को शांत करने और समर्थन देने में सहायक होते हैं। यह संभावित रूप से अपच, सूजन, और दस्त जैसी सामान्य पेट संबंधी समस्याओं से राहत प्रदान कर सकता है।

7. हानिकारक मुक्त रेडिकल्स से सुरक्षा: सालम पंजा में पॉलीफेनोल और फ्लेवोनोइड जैसे एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो शरीर को हानिकारक मुक्त कणों से बचाने में मदद कर सकते हैं। एंटीऑक्सिडेंट इन मुक्त कणों को बेअसर करते हैं, कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव क्षति से बचाते हैं और पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करते हैं।

8. सामान्य कमज़ोरी का समाधान: समान्य शारीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए सालम पंजा का उपयोग पारम्परिक रूप से होता आया है। हालाँकि इसमें पाए जाने वाले नुट्रिएंट और एंटीऑक्सिडेंट सहनशक्ति, ऊर्जा और समग्र जीवन शक्ति को बढ़ाने में मदद कर कर सकते हैं।

9. मधुमेह में फायदेमंद: एक शोध में यह पाया गया की सालम पंजा की पत्तियों के मेथनॉलिक अर्क में संभावित मधुमेहरोधी गतिविधि हो सकती है जो मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक हो सकती है और मधुमेह से राहत दिला सकती है।4

यह भी पढ़ें:- अपराजिता के फायदे और नुकसान

सालम पंजा के नुकसान | Salam Panja Side Effects

सालम पांजा के नुकसान को लेकर अभी पर्याप्त शोध उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसके कुछ संभावित नुकसान देखने को मिल सकते हैं जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता है।

1. एलर्जी:-  कुछ व्यक्तियों को सालम पंजा में मौजूद कुछ यौगिकों से एलर्जी हो सकती है जिससे कुछ एलर्जिक लक्षण देखने को मिल सकते हैं जिसमें त्वचा पर चकत्ते, खुजली, सूजन और श्वसन संबंधी समस्याएं शामिल हो सकती हैं।

2. पेट सम्बन्धी समस्याएं:- कुछ लोगों को सालम पांजा के सेवन से पेट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे मतली, उल्टी, दस्त या अन्य पाचन से जुड़ी परेशानियां। ये समस्याएं अक्सर सालम पांजा के गलत प्रयोग या अधिक सेवन के कारण उत्पन्न होती हैं।

3. दवाओं के प्रति प्रतिक्रिया:- सालम पांजा अन्य दवाओं, जैसे रक्त को पतला करने वाली दवाएं, मधुमेह की दवाएं, और गर्भनिरोधक गोलियों के साथ परस्पर प्रतिक्रिया कर सकता है, जिससे विभिन्न दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इसलिए इसका सेवन डॉक्टर की देखरेख में करना अत्यंत आवश्यक है।

सालम पांजा के कई अन्य नुकसान भी हो सकते हैं, यहाँ केवल कुछ प्रमुख नुकसानों का ही उल्लेख किया गया है। इसलिए इसके उपयोग के दौरान किसी भी स्वास्थ्य समस्या का अनुभव होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

निष्कर्ष

सालम पंजा भारत, नेपाल, और भूटान के हिमालय क्षेत्रों में पाया जाता है जिसमें औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसलिए सालम पंजा के फायदे अनेक देखने को मिलते हैं। मुख्य रूप से यौन संबंधी समस्याओं के समाधान में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसके अतिरिक्त प्रतिरक्षा प्रणाली, त्वचा समस्याओं, पाचन समस्याओं, मधुमेह, कमजोरी आदि दूर करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।

सालम पंजा के कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, लेकिन इसके नुकसान संबंधी प्रभावों पर विस्तृत शोध की आवश्यकता है। इसके शारीरिक नुकसान में एलर्जी, पाचन संबधी दिक्क्तें आदि देखने को मिल सकती हैं। इसलिए सालम पंजा का उपयोग करने के लिए डॉक्टर से परामर्श लेना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है।

संदर्भ

  1. Wani, Ishfaq Ahmad, et al. “Dactylorhiza hatagirea (D. Don) Soo: A critically endangered perennial orchid from the North-West Himalayas.Plants 9.12 (2020): 1644. ↩︎
  2. Thakur, Mayank, and V. K. Dixit. “Aphrodisiac activity of Dactylorhiza hatagirea (D. Don) Soo in male albino rats.” Evidence-Based Complementary and Alternative Medicine 4 (2007): 29-31. ↩︎
  3. Dunn, Kate M., Peter R. Croft, and Gaoffrey I. Hackett. “Sexual problems: a study of the prevalence and need for health care in the general population.Family Practice 15.6 (1998): 519-524. ↩︎
  4. Alsawalha, Murad, et al. “Anti-diabetic activities of Dactylorhiza hatagirea leaf extract in 3T3-L1 cell line model.Pharmacognosy Magazine 15.Suppl 2 (2019): S212-S217. ↩︎

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