परिचय
लोबान एक लारयुक्त सुगंधित लासा या गोंद (Resin) है जिसका ना केवल धार्मिक अनुष्ठानों और सुगन्धित धुप के पौर पर उपयोग किया जाता है बल्कि इसका औषधीय महत्व भी बहुत अधिक है।
लोबान को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है जिसमें शल्लकी (sallaki), सलाई गुग्गल, लोबान, ओलिबानम (Olibanum), फ्रेंकिनसेन्स (Frankincense) प्रमुख हैं।
लोबान (शल्लकी) को बोस्वेलिया जीनस (Boswellia genus) के पेड़ों से निकाला जाता है जिसमें इसकी चार मुख्य प्रजातियां बोसवेलिया सेराट, बोसवेलिया कार्टेरी, बोसवेलिया फ्रेरेना, बोसवेलिया सैक्रा है। लोबान का पेड़ बरसेरेसी परिवार (Burseraceae family) से संबंधित है।1
लोबान (शल्लकी) का पेड़ आमतौर पर छोटे से मध्यम आकार के होते हैं जो लगभग 18 मीटर तक ऊँचा हो सकता है। इसके पत्ते नीम के पत्ते की तरह प्रतीत होते हैं। इसके पत्तों को हाथी बड़े चाव से खाते हैं, इसलिए इसे गजभक्ष्या भी कहते हैं। इस पेड़ में फैली हुई शाखाएं और ढेर सारे पत्ते होते हैं। इसका तना पतला और चिकना होता है, जिस पर पतली, चिकनी छाल होती है, जो कागज के समान छूटने वाली होती है। इसके तनो पर चीरा लगाने से दूध जैसा पर्दार्थ निकलता है इसे ही लोबान कहा जाता है।
यहाँ आपको लोबान के फायदों और संभावित दुष्प्रभाव के बारे में विस्तृत जानकारी मिलेगी।
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लोबान के फायदे | loban ke fayde
पारंपरिक चिकित्सा में लोबान का उपयोग सदियों से विभिन्न रोगों के उपचार में किया जाता रहा है। लोबान पर किए गए शोध भी इसके विभिन्न स्वास्थ्य लाभों की पुष्टि करते हैं।
1. लोबान गठिया के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है
ऑस्टियोआर्थराइटिस एक सामान्य स्थिति है जिसमें जोड़ों में उपास्थि (कार्टिलेज) खराब हो जाती है, जिससे दर्द, सूजन और गतिशीलता में कमी होती है। कुछ अध्ययनों में यह पाया गया है लोबान ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षणों को कम करने में मदत कर सकता है।
ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित 545 रोगियों पर किए गए सात परीक्षणों से प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर यह कहा जा सकता है की लोबान और इसका अर्क ऑस्टियोआर्थराइटिस के उपचार के लिए एक प्रभावी और सुरक्षित विकल्प हो सकता है।2
एक अध्ययन में पाया गया कि सामयिक (टॉपिकल) बोसवेलिक एसिड से 12 सप्ताह तक इलाज करने के बाद, चूहों में उपास्थि (cartilage) की हानि, सिनोवाइटिस (घुटने की सूजन), और ऑस्टियोफाइट (हड्डी का असामान्य विकास) कम हो गया। संभवतः लोबान ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।3
14 महत्वपूर्ण परीक्षणों की जांच में यह पाया गया की हल्दी में पाया जाने वाला एक सक्रिय यौगिक “कर्क्यूमिनॉइड” और लोबान के फार्मूलेशन घुटने के ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षणों को कम करने में प्लेसबो से अधिक प्रभावी हैं और इनके साथ सुरक्षा जोखिम कम हैं।4
2. लोबान पाचन तंत्र से संबंधित विकारों में मदद कर सकता है
लोबान पाचन तंत्र (Digestive Disorders) से जुड़े विभिन्न विकारों को दूर करने के लिए उपयोगी हो सकता है।
सूजन आंत्र रोग (IBD), पाचन तंत्र में सूजन पैदा करने वाली बीमारियों (क्रोहन रोग और अल्सरेटिव कोलाइटिस) का एक समूह है। इसमें दर्द, ऐंठन, दस्त जैसी पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis): एक अध्ययन में अल्सरेटिव कोलाइटिस के रोगियों को छह सप्ताह तक दिन में तीन बार 350 मिग्रा लोबान (Boswellia serrata gum resin) दिया गया। परिणामों में स्टूल गुण, आंत्र की हिस्टोपैथोलॉजी और रक्त पैरामीटर (जैसे हीमोग्लोबिन और सीरम आयरन) में महत्वपूर्ण सुधार देखा गया। लोबान के उपचार से 82% रोगियों को आराम मिला। आमतौर पर सूजन संबंधी आंत्र रोगों, जैसे अल्सरेटिव कोलाइटिस और क्रोहन रोग, के उपचार में उपयोग की जाने वाली दवा सल्फासालजिन (Sulfasalazine) के प्रभाव के बराबर था।5
क्रोहन रोग (Crohn’s disease): एक अध्ययन में क्रोहन रोग के उपचार के लिए बोसवेलिया (लोबान) अर्क की तुलना अल्सरेटिव कोलाइटिस और क्रोहन रोग जैसे सूजन संबंधी आंत्र रोगों के लिए इस्तेमाल होने वाली दवा मेसालजीन से की गई। दोनों ने क्रोहन रोग के लक्षणों में सुधार करने में मदद की, लेकिन दोनों की प्रभावशीलता में कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं देखा गया। इसके अलावा, मेसालजीन की तुलना में लोबान अर्क के कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं देखे गए।6
एक अन्य अध्ययन में यह पाया गया कि क्रोहन रोग के इलाज में लोबान अर्क के इस्तेमाल से कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं देखे गए। हालांकि, रोग के लक्षणों में विशेष सुधार नहीं हुआ।7
चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम (Irritable Bowel Syndrome): इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) से हल्के से मध्यम लक्षणों से पीड़ित 60 रोगियों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि जिन प्रतिभागियों का इलाज लोबान और अन्य हर्बल दवाओं से किया गया, उनमें IBS के लक्षणों के साथ-साथ चिंता और अवसाद में भी कमी आई।8
ध्यान दें: लोबान पाचन तंत्र से संबंधित विभिन्न विकारों के उपचार में उपयोगी हो सकता है, लेकिन इस पर सीमित शोध उपलब्ध है। सटीक परिणामों के लिए अधिक अध्ययन की आवश्यकता है।
3. लोबान अस्थमा के लक्षणों को कम कर सकता है
हाल के वैज्ञानिक अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि लोबान श्वसन मार्ग में सूजन को कम करने और अस्थमा के लक्षणों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
18 से 60 साल के 63 क्रोनिक ब्रोन्कियल अस्थमा से पीड़ित मरीजों पर हुए एक अध्ययन में पाया गया कि चार हफ्तों तक बोसवेलिया युक्त हर्बल कैप्सूल लेने से उनके शरीर में सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव बढ़ाने वाले यौगिकों (ल्यूकोट्राइन C4, मेलोनडायल्डीहाइड और नाइट्रिक ऑक्साइड) में कमी आई। ये यौगिक अस्थमा और अन्य सूजन संबंधी बीमारियों को बढ़ा सकते थे। बोसवेलिया की सूजन-रोधी विशेषताएं अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मददगार हो सकती हैं।9
ब्रोन्कियल अस्थमा से पीड़ित 40 मरीजों (23 पुरुष और 17 महिलाएँ, आयु 18 से 75 वर्ष) पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि 6 सप्ताह तक प्रतिदिन तीन बार 300 मिलीग्राम गोंद (Boswellia serrata) लेने से 70% मरीजों में अस्थमा के लक्षण, जैसे सांस फूलना और घरघराहट, में सुधार हुआ।10
चूहों पर हुए एक अध्ययन में पाया गया की लोबान एसिड (boswellic acids) ऐसे प्रोटीन (Th2 साइटोकाइन्स) जो अस्थमा और एलर्जी के दौरा श्वसन मार्ग की अतिसंवेदनशीलता को बढ़ा देते हैं उनके प्रभाव को कम कर सकता है, जिससे अस्थमा के लक्षणों में कमी देखि जा सकती है।11
4. लोबान मौखिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है
लोबान मौखिक स्वच्छता को बेहतर बनाने और मौखिक संक्रमण को रोकने तथा उनका इलाज करने में मदद करता है। इसमें जीवाणुरोधी गुण होते हैं, जो मुंह में समस्या पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में प्रभावी होते हैं।12
एक अध्ययन में पाया गया की लोबान दांतों की सफाई के साथ मिलकर मसूड़ों की सूजन को कम करने में प्रभावी हो सकता है।13
एक अन्य अध्ययन में यह पाया गया की प्रतिभागियों द्वारा केवल एक घंटे तक लोबान गम चबाने के बाद लार में बैक्टीरिया का स्तर काफी कम हो गया और समय के साथ कम होता रहा। परिणामस्वरूप यह कहा जा सकता है की मौखिक स्वच्छता में सुधार और संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए लोबान गोंद एक सुरक्षित, किफायती और प्रभावी तरीका है।14
ध्यान दें: मौखिक स्वास्थ्य पर लोबान के प्रभाव को सटीकता से समझने के लिए अधिक शोध की आवश्यकता है।
5. लोबान में कैंसर रोधी गुण हो सकते हैं
अध्ययनों में यह पाया गया है लोबान में कैंसर रोधी गुण पाया जाता है जो कैंसर कोशिकाओं के रोकने में मदत कर सकता है।15
एक अध्ययन में पाया गया कि लोबान के अर्क ने उन जीनों की गतिविधि को कम कर दिया जो कोलन कैंसर कोशिकाओं के विकास में भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा, इस अर्क ने कैंसर कोशिकाओं की मृत्यु दर को बढ़ा दिया और नई रक्त वाहिकाओं के निर्माण और फैलने की उनकी क्षमता को भी कम कर दिया। इन निष्कर्षों से पता चलता है कि लोबान का अर्क कोलोरेक्टल कैंसर को रोकने में एक प्रभावी प्राकृतिक उपचार हो सकता है।16
अध्ययन से पता चला है कि लोबान में मौजूद प्राकृतिक यौगिक (एसिटाइल-11-कीटो-β-बोस्वेलिक एसिड), विशेष प्रकार के प्रोटीन (CXCR4) की मात्रा को कम कर सकता है जो कैंसर कोशिकाओं को शरीर के अन्य भागों में फैलने में मदद करता है। जिससे सम्भवः अग्न्याशय, ल्यूकेमिया, मायलोमा और स्तन कैंसर कोशिकाओं उपचार में मदत कर सकता है।17
ध्यान दें: कैंसर कोशिकाओं के रोकथाम में लोबान के प्रभावों की सटीक जानकारी के लिए विस्तृत शोध की आवश्यकता है।
6. लोबान के अन्य फायदे
चयापचय विकार में फायदेमंद: अध्ययनों से पता चला है कि लोबान चयापचय विकारों के इलाज में सहायक हो सकती है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण शरीर के चयापचय को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। यह मोटापा, रक्त शर्करा को कम करने, रक्तचाप को नियंत्रित करने और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित करने में सहायक हो सकती है।18
अवसाद और चिंता से राहत: चूहों पर हुए अध्ययन में पाया गया कि लोबान अर्क अवसाद और चिंता जैसे व्यवहारों को कम करने में मदद कर सकता है।19
अल्जाइमर रोग में फायदेमंद: लोबान का नियमित सेवन अल्जाइमर रोग के लक्षणों में सुधार कर सकता है।20
लोबान के नुकसान और सावधानियां
आमतौर पर लोबान के उपयोग से किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिलते हैं यह अधिकतर लोगों के लिए सुरक्षित माना जाता है।
हालाँकि इसकी अधिक खुराक कुछ स्वास्थ्य परेशानियों का कारण बन सकता है जिसमें शामिल है अपच, कब्ज और मतली आदि। इसलिए चिकित्सक के परामर्श पर ही इसकी खुराक का निर्धारण करें।
ध्यान दें: लोबान के स्वास्थ्य जोखिमों के सटीक जानकारी के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।
गर्भवती महिलाओं को लोबान के प्रयोग में विशेष सावधानी बरतने की जरूर है क्योकि यह गर्भवती महिलाओं में गर्भपात को प्रेरित कर सकता है।
गर्भवती महिलाओं को यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि बोसवेलिया मासिक धर्म प्रवाह को तेज कर सकता है और गर्भवती महिलाओं में गर्भपात को प्रेरित कर सकता है।21
कुछ विशेष दवाओं जैसे खून को पतला करने वाली दवाओं के साथ लोबान का उपयोग परस्पर प्रतिक्रिया कर सकता है, इसलिए किसी दवा के साथ इसके उपयोग से पहले चिकित्सक से परामर्श करें।
निष्कर्ष
लोबान (शल्लकी) गोंद या लासा है जो की लोबान के पेड़ (Boswellia Tree) से प्राप्त किया जाता है। इस गोंद में एंटीऑक्सीडेंट और सूजनरोधी जैसी गतिविधि पाई जाती है जो विभिन्न स्वास्थ्य फायदे प्रदान कर सकता है।
लोबान का उपयोग सामान्यतः सुरक्षित माना जाता है और इसके उचित प्रयोग से दुष्प्रभाव नहीं देखने को मिलते। हालांकि, अत्यधिक या अनुचित उपयोग से कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, इसका प्रयोग करने से पहले चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें।
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