अक्सर हम रोज मर्रा के काम में बहुत अधिक व्यस्त रहते हैं जिस वजह से अपने खान-पान का सही से ध्यान नहीं रख पते हैं। लेकिन अगर आप उन लोगों में से हैं जो अपने सेहत के प्रति बहुत सचेत रहतें हैं और अपने भोजन पर बहुत ध्यान देते हैं, इसके बावजूद भी अधिक चांश है की आप अलग-अलग खाद्य पदार्थों की प्रकृति, खाने के सही तरीके, और किस भोजन के साथ किस भोजन को नहीं खाना चाहिए यानी गलत खाद्य संयोजनों के बारे में पूर्ण जानकारी से अनजान होंगे।
आयुर्वेद के अनुसार प्रत्येक खाद्य पदार्थ जैसे फल, सब्जियां आदि की प्रकृति और तासीर भिन्न होती है इसलिए कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ होते हैं जिनको एक दुसरे के साथ खाये जाने पर सेहत सम्बन्धी नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं जिसमें अक्सर हमारा पेट खराब रहना, गैस बनाना, कच्ची ढकार, आलस होना, जी मचलना और विभिन्न खाद्य एलर्जी होना आदि परेशानियां देखने को मिल सकती हैं।
तो चलिए आज के इन ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से अपने द्वारा खाये जाने वाले भोजन को थोड़ा और नजदीक से समझते हैं और जानने की कोशिश करते हैं की किस खाद्य पदार्थ के साथ किस खाद्य को खा सकते हैं और किनको एक दूसरे के साथ नहीं खाना चाहिए। ताकि हम गलत खाद्य पर्दार्थों के संयोज से बच सकें और अपने समग्र स्वस्थ को बढ़ा सकें।
किन खाद्य संयोजनों से बचना चाहिए?
प्रचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद के द्वारा शरीर को रोग मुक्त रखने के लिए खाद्य पदार्थों और उनके सही स्तेमाल पर बहुत अधिक महत्त्व दिया जाता है। इसलिए आयुर्वेदाचार्यों का मानना है कि स्वस्थ शरीर और दिमाग के लिए संतुलित चयापचय का होना अनिवार्य है।
आयुर्वेद के अनुसार अग्नि वह धातु है जो भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित करती है और जब सही भोजन संयोजन का पालन नहीं किया जाता है तो यह असंतुलित होती है जिससे स्वस्थ सम्बन्धी दिक्क्तें देखने को मिलती हैं।
ऐसा क्यों हैं क्योकि प्रत्येक खाद्य पदार्थों की प्रकृति भिन्न होती है उनकी तासीर भिन्न होती है इसलिए विपरीत खाद्य पदार्थों के उपयोग से नकारत्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। ऐसे खाद्य संयोजनों को समान्यतः “विरुद्ध आहार” के नाम से पुकारा जाता है।
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क्या दूध और मछली साथ में लेना चाहिए?
दूध की तासीर ठंडी होती है और मछली (फिश) की तासीर गर्म होती है, जो की एक गलत खाद्य संयोजक हैं। इसलिए अगर हम मछली और दूध को साथ में खाते हैं तो नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकतें हैं। हालाँकि दोनो ही प्रोटीन के उच्य स्रोत हैं लेकिन दोनों का डाइजेशन एंजाइम बिलकुल अलग होता है इसलिए इनका सयोजन हमारे डाइजेस्टम सिस्टम पर प्रभाव डाल सकता है और पेट फूलना और गैस जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
कई लोगों का मानन है की दूध और मछली को साथ में खाने से स्किन खराब होती है और स्किन सफ़ेद चक्क्ते पड़ जातें हैं। इस तथ्य की पुष्टि करने के लिए अभी पर्याप्त साबुत मौजूद नहीं हैं, और इसपर अधिक शोध की जरूरत है।
क्या तला भोजन और सोडा साथ में खाना चाहिए?
हालाँकि प्रोसैसेड फ़ूड यानी बहुत अधिक ताली चीजें हमारे सेहत पर वैसे भी बुरा प्रभाव डालती है इसलिए इनके उपयोग से बचाना चाहिए। लेकिन अगर समोसा, बर्गर, चीज़, फ्रेंच फ्राइज़ आदि कोई भी अधिक ताली हुई चीजों का उपयोग सोडा या कोल्ड्रिंक के साथ करते हैं तो यह आपके सेहत के लिए और भी अधिक हानिकारक है।
क्योंकि सोडा और कोल्ड्रिंक कार्बोनेटेड होती हैं, और इनका PH लेवल न्यूट्रल होता है और एल्कलाइन होता है। जिस वजह से अगर आप तली हुई चीजों के साथ कार्बोनेटेड ड्रिंक्स लेते हैं, भले ही उनमें ज़ीरोकैलरी होती हैं फिर भी लीवर को पाचन प्रकिरिया करने में बहुत दिक्कत होती है। इसलिए बदहजमी हो जाती है, शुगर लेवल बढ़ने की संभावना है और कैलेस्ट्रोल भी बढ़ सकता है। इसलिए तली हुई चीजें सोडा के साथ बिलकुल नहीं लेनी चाहिए।
क्या केला और दूध साथ में लेना चाहिए?
आयुर्वेदा के अनुसार केला और दूध का प्रयोग साथ में करने से हमारे शरीर की अग्नि पर असर पहुँचता है और यह हमारे शरीर में टॉक्सिन बनाता है जिससे पेट सम्बन्धी दिक्क्तें देखने को मिल सकती हैं, इसके अतरिक्त साइनस कंजेशन और शर्दी खंशी की दिक्क्तें भी हो सकती हैं।
लेकिन कई लोग शारीरिक प्रोटीन की जरूरत को पूरा करने के लिए बनाना सेक पीते है और उनको किसी भी प्रकार के नकारात्मक प्रभाव महसूस नहीं होते हैं। इसके पीछे का कारण उनकी शारीरिक पाचन छमता का अधिक होना हो सकता है या लक्षण बहुत हल्के होने कारण उनको महसूस नहीं हो सकतें हैं।
क्या खीरा और टमाटर साथ में खाना चाहिए?
खीरा खनिज पदार्थों से भरपूर होता है जो शरीर को हाइड्रेटेड रखने में सहायता करता है। लेकिन इसमें कैटालेज एंजाइम पाया जाते हैं, जो अन्य खाद्य पदार्थों में पाए जाने वाले विटामिन सी के अवशोषण में बाधा डाल सकते हैं। इसलिए ज्यादातर समय खीरे और टमाटर के कॉम्बिनेशन से परहेज करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावां इन दोनों का पाचन करने का तरीका बिल्कुल अलग है, इसलिए इनके संयोजन से बचने की सलाह दी जाती है और इससे पेट खराब होने की संभावना जताई जाती है।
क्या दूध और संतरा साथ में लेना चाहिए?
दूध और संतरा या किसी अन्य खट्टे पदार्थ के सेवन से बचना चाहिए क्योकि खट्टे पदार्थों में विटामिन सी और साइट्रिक एसिड अधिक मात्रा में होते हैं जो दूध के साथ मिलकर एसिडिक रिएक्शन पैदा कर सकते हैं। इनका सयोजन कई शारीरिक दिक्क्तें उजागर कर सकती हैं जैसे पेट खराब होना, गैस, सीने में जलन, एलर्जी, छाती में जमाव और सर्दी खांसी आदि।
क्या जूस या दूध के साथ दवा लेनी चाहिए?
दूध और जूस के साथ दवाई लेना हानिकारक साबित हो सकता है क्योंकि दूध या जूस में पाए जाने वाले एंजाइम, और खनिज पदार्थ जैसे कैल्शियम आदि का दवाई में पाए जाने वाले कॉम्पोनेन्ट के साथ इंटरैक्शन हो सकता है जिससे एलर्जिक प्रतिकिरिया देखने को मिल सकती है। और यह संभावना भी होती है की दवाई में मौजूत कॉम्पोनेन्ट हो छति पहुंचे जिससे इसका पूरा फायदा नहीं मिले। दूध और जूस के साथ दवाई का प्रयोग करने से उल्टा नुकसान की संभावना परस्पर बानी रहेगी इसलिए दवाई को पानी के साथ ही लेना उचित होगा।
क्या खाने के साथ पानी पीना चाहिए?
अगर कुछ खाते समय एकदम से खासी आ जाती है, या गले में खाना फस जाता है, तो थोड़ा सा पानी पी सकते हैं। लेकिन खाना खाने के साथ पानी, चाय, या कॉफी पीना नहीं चाहिए।
तरल पदार्थ और ठोस आहार लेने में थोड़ा अंतराल जरूर होना चाहिए। अगर हमलोग ऐसा नहीं करते हैं, तो हमें खाना पचाने के लिए जो असेडिक मीडियम चाहिए उसको पानी एल्कलाइन कर देता है यानी बहा देता है, जिससे खाना सही से पच नहीं पता है, इसलिए खाने के साथ पानी नहीं लेना चाहिए।
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निष्कर्ष
क्योकि प्रत्येक खाद्य पदार्थ की प्रकृति भिन्न होती है इसलिए खाद्य पदार्थों के सयोजन में बहुत सावधानी बरतने की जरूरत होती है। कई खाद्य पदार्थों का सयोजन हमारे सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं जिसमें पाचन समस्याएं, गैस, दस्त, एलर्जी आदि प्रमुख हैं।
इसलिए नए खाद्य पदार्थों के सयोंजन का प्रयोग और प्रयोग करने के बाद किसी भी प्रकार की शरीरिक समस्या का अनुभव होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।