एलोवेरा जेल का इस्तेमाल त्वचा संबधी समस्याओं को दूर करने के लिए सदियों से होता आया है और इसका उपयोग कॉस्मेटिक समाग्री के तौर पर भी काफी होता है। परन्तु अधिकतर समय एलोवेरा जेल का इस्तेमाल हम त्वचा पर एक लेप की तरह करते हैं।
लेकिन जूस के माध्यम से एलोवेरा का सेवन करने से हमारे सेहत पर किस प्रकार के प्रभाव देखने को मिल सकते हैं, और क्या इसके सेवन से कोई नुकसान भी हो सकता है, यह सवाल उत्त्पन होना स्व्भविक है। तो चलिए एलोवेरा जूस के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से समझते हैं ताकि अपने समग्र स्वास्थ का विकास कर पाएं।
एलोवेरा जूस के फायदे
एलोवेरा अपने औषधीय गुणों के कारण विख्यात है इसलिए इसके स्वास्थ्य फायदे कई हो सकते हैं, भले ही इसके उपयोग के माध्यम कई हों। कई शोधों में भी यह पाया गया की सेवन करने से एलोवेरा जूस के फायदे कई हो सकते हैं।
एंटीऑक्सीडेंट और सूजनरोधी गुणों से भरपूर
एलोवेरा में फ्लेवोनोइड्स और पॉलीफेनोल्स जैसे कई प्रकार के एंटीऑक्सिडेंट और सूजनरोधी गुण पाए जाते हैं जो मुक्त कणों के असर को कम करने और ऑक्सीडेटिव तनाव से होने वाले नुकसान से बचाने में मदत करते हैं। ऑक्सीडेटिव तनाव हृदय रोग, प्रतिरक्षा प्रणाली की कमजोरी, कैंसर, और उम्र बढ़ने में तेजी आदि के लिए जिम्मेदार कारक होते हैं।1
एंटीऑक्सीडेंट और सूजनरोधी गुण:-
पॉलीसेकेराइड्स:- एलोवेरा में पॉलीसेकेराइड्स होते हैं जो शरीर में सूजन और लालिमा को कम करने में मदद करता है।
सैलिसिलिक एसिड:- एलोवेरा में पाया जाने वाला सैलिसिलिक एसिड एक एंटी-इंफ्लेमेटरी यौगिक है जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद करता है।
गिबरेलिन्स:- एलोवेरा में गिबरेलिन्स ग्रोथ हार्मोन पाए जाते हैं जिनमें सूजन-रोधी प्रभाव होते हैं, जो सूजन को कम करने मदद करते हैं।
शरीर को हाइड्रेट रखता है
एलोवेरा जेल एक प्राकृतिक मॉइस्चराइजर के रूप में कार्य करता है क्योकि इसमें पॉलीसेकेराइड होते हैं जो त्वचा में नमी को बनाये रखने में मदत करते हैं। इसके अतिरक्त एलोवेरा पौधे के जेल में विभिन्न विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सिडेंट के साथ उच्च पानी की मात्रा (90% से अधिक) होती है जिसका जूस के माध्यम से सेवन करने से शरीर हाइड्रेट रहता है।
एलोवेरा में पाए जाने वाले इलेक्ट्रोलाइट जैसे पोटैसियम, मेग्नाशम और कैल्सियम शरीर में इलेक्ट्रोलाइट स्तर को संतुलित करने ओर हाइड्रेशन बनाए रखने में मदद करते हैं। इसलिए एलोवेरा जूस के सेवन करने से निर्जलीकरण के लक्षण जैसे मुंह सूखना, थकान और सिरदर्द में कमी आती है।
पेट सम्बन्धी समस्याओं के लिए फायदेमंद
एलोवेरा जूस पाचन और कब्ज जैसी समस्याओं में लाभकारी हो सकता है क्योकि इसमें एंथ्राक्विनोन ग्लाइकोसाइड्स पाए जातें हैं, यह ग्लाइकोसाइड्स प्राकृतिक लैक्चेटिव (पेचिशन उत्तेजक) और पेचक होते हैं, जो अक्सर कब्ज, पाचन संबंधी समस्याओं, और बार-बार मल न जाने की समस्या को दूर करने में मदद कर सकते हैं। लेकिन इसके अधिक उपयोग से अवसाद, दस्त, पेट में दर्द जैसी समस्याएं भी देखने को मिल सकती हैं।2
हालाँकि पाचन और कब्ज की समस्याओं के लिए एलोवेरा के उपयोग को लेकर अभी विस्तृत शोध होना बाकि है।
मधुमेह में फायदेमंद हो सकता है
प्री-डायबिटीज या टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों में फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में एलोवेरा जूस के संभावित लाभ हो सकते हैं।3
हालाँकि एलोवेरा का मधुमेह सम्बन्धित फायदों को लेकर पूर्ण नतीजे पर पहुंचने के लिए अभी विस्तृत शोध की आवश्यकता है।
प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत कर सकता है
एलोवेरा में पाए जाने वाले खनिज, विटामिन जैसे विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट गुण शारीरिक प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए फायदेमंद हो सकते हैं जिसके कारण विभिन्न प्रकार के रोगों और वायरल इन्फेक्शन के होने का खतरा कम हो जाता है।
मौखिक समस्याओं के लिए फायदेमंद हो सकता है
एलोवेरा जूस का माउथवॉश के रूप में उपयोग करने से यह मसूड़ों की सूजन, दर्द और कई प्रकार की सम्बन्धित समस्याओं को दूर कर सकता है क्योकि इसमें रोगाणुरोधी और जीवाणुरोधी गुणों की विस्तृत श्रंखला पाई जाती है।
कुछ अध्यन इस और संकेत करते हैं की ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस जो की मुंह में दर्द और सूजन का कारण बनता है से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है।4
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एलोवेरा जूस के नुकसान
एलोवेरा जूस के फायदों की लम्बी श्रेणी को देखते हुए हम इसके संभावित नुकसान को नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन इस बात से अवगत रहना बहुत जरूरी है की एलोवेरा जूस के नुकसान भी हो सकते हैं।
पेट सम्बन्धी समस्याएं:- एलोवेरा में एन्थ्राक्विनोन होने से इसके जूस का अधिक सेवन के कारण पेचिस, पेट दर्द जैसी समस्याएं हो सकती है।
एलर्जी:- एलोवेरा से एलर्जी की समस्याएं कम ही देखने को मिलती हैं लेकिन इसकी संभावनाएं से इंकार नहीं किया जा सकता है। एलोवेरा जूस के सेवन के बाद खुजली, जलन, लालिमा आदि लक्षण हो सकते हैं।
सावधानियां
स्तनपान और गर्भवती महिलाओं को एलोवेरा जूस के उपयोग के सवधानी बरतनी चाहिए क्योकि इससे कुछ नुकसान की आशंका है हालाँकि विस्तृत शोध का आभाव है।
आँतों से सम्बन्धित किसी गंभीर समस्याएं जैसे क्रोहन रोग, एपेंडीसिटीस, डायवर्टीकुलोसिस, से जूझ रहे लोगों को एलोवेरा जूस के सेवन करने में अधिक सावधानी बरतनी चाहिए या उपयोग नहीं करना चाहिए।
इन एलोवेरा जूस से संबधित नुकसान को देखते हुए यह अनुमान लगाना बहुत मुश्किल नहीं होगा की एलोवेरा जूस को अपने आहार श्रंखला में शामिल करने से पहले एक्सपर्ट सलाह लेने की जरूरत है।
निष्कर्ष
एलोवेरा में मौजूद पोषक तत्व, एंटी इन्फ्लैमटॉरी, और एंटी ऑक्सीडेंट गुण के कारण एलोवेरा जूस के फायदे कई देखे जा सकते हैं जिसमें मधुमेह, मिनरल की कमी, पेट सम्बन्धित समस्याओं में सुधार आदि महत्वपूर्ण फायदे हैं।
हालाँकि फायदों की विस्तृत श्रखला होने के बावजूद एलोवेरा जूस के नुकसान की भी संभावना होती हैं जैसे पेट सम्बन्धी परेशानियां, एलर्जी, आदि। नुकसान की संभावनाओं को मद्देनजर रखते हुए इसके उपयोग में सावधानियाँ बरनते की जरूरत होती है खासकर स्तनपान व गर्भवती महिलाओं और पेट सम्बन्धित समस्याओं से पीड़ित व्यक्तिओं को इसके सेवन करने से पहले डॉक्टर की परामर्श की जरूरत होती है।
संदर्भ
- Yagi, A., et al. “Antioxidant, free radical scavenging and anti-inflammatory effects of aloesin derivatives in Aloe vera.” Planta medica 68.11 (2002): 957-960. ↩︎
- Foster, Meika, Duncan Hunter, and Samir Samman. “Evaluation of the nutritional and metabolic effects of Aloe vera.” Herbal Medicine: Biomolecular and Clinical Aspects. 2nd edition (2011). ↩︎
- Suksomboon, N., N. Poolsup, and S. Punthanitisarn. “Effect of Aloe vera on glycaemic control in prediabetes and type 2 diabetes: a systematic review and meta‐analysis.” Journal of clinical pharmacy and therapeutics 41.2 (2016): 180-188. ↩︎
- Anuradha, Ardra, Bharati Patil, and Venkataswamy Reddy Asha. “Evaluation of efficacy of Aloe vera in the treatment of oral submucous fibrosis–a clinical study.” Journal of Oral Pathology & Medicine 46.1 (2017): 50-55. ↩︎