सेंधा नमक – इतिहास, परिचय, फायदे और नुकसान

सेंधा नमक के बारे में तो सभी जानते हैं लेकिन इसके विभिन्न लाभों के बारे में लोग अक्सर अनजान होते हैं। तो चलिए इसके फायदों की इस अधभूत श्रंखला को विस्तार से समझते हैं ताकि स्वास्थ्य संबधी फायदे प्राप्त कर सकें।

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Brijesh Yadav

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नमक की अपनी एक सभ्यता, एक इतिहास रहा है। हमारे खाने में स्वाद भरने के अलावा परिरक्षक (Preservative), क्लीनिंग एजेंट (Cleaning agent) आदि अन्य कई चीजों के रूप में इनका इस्तेमाल होता आया है।

नमक कई प्रकार के हो सकते हैं, जो इसके स्वाद, खनन, इस्तेमाल, गंध पर निर्भर करता है। एक मत के अनुसार नमक की 10 से 12 प्रकार या किस्में हो सकती हैं, इसलिए इनके इस्तेमाल के तरीके भी भिन्न हो सकते हैं।

उन्ही किस्मों में से, नमक की एक किस्म, जिसे हम सेंधा नमक के नाम से जानते हैं, जिसकी चर्चा हम इस ब्लॉग पोस्ट में विस्तार से करेंगे। तो चलिए इसके इतिहास से लेकर, फायदों और नुकसान को विस्तृत तरीके से समझते हैं।

सेंधा नमक क्या है?

सेंधा नमक जिसे विश्व भर में पिंक साल्ट, रॉक साल्ट (Rock Salt) हिमालियन साल्ट (Himalayan Rock Salt), सैंधव नमक, लाहौरी नमक, पहाड़ी नमक, आदि अन्य कई नामों से जाना जाता है।

सेंधा नमक जब प्राप्त किया जाता है तो यह एक गुलाबी पत्थर के जैसा दिखाई देता है शायद इसीलिए इसे पिंक रोक साल्ट भी कहा जाता है।

सेंधा नमक का गुलाबी रंग और स्वाद अन्य नमाकों में इसे एक अलग पहचान देते हैं। संभवतः इसका अनोखा रंग और अनोखा स्वाद इसमें मौजूद खनिजों और पोषक तत्वों के कारण ही आता है। इसलिए खनिजों की मात्रा में बदलाव हो जाने से इसके रंग में भी बदलाव देखने को मिल सकता है जैसे हल्का गुलाबी या गहरा गुलाबी आदि।

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सेंधा नमक प्राप्त कहां से किया जाता है?

जैसा कि इसके नाम से ही प्रतीत होता है, सेंधा नमक यानी वह नमक जिसे सिंध या सिन्धु के इलाक़े से प्राप्त किया गया हो। इसके अन्य नाम भी इसकी उत्पत्ति की कहानी बयां करते हैं जैसे रॉक साल्ट यानी पत्थर के जैसा दिखने वाला नमक, हिमालियन साल्ट यानी वह नमक जो हिमालय से प्राप्त किया गया हो। इसको लाहौरी नमक भी कहा जाता है क्योंकि इसका ज्यादातर आयात लाहौर मार्ग से ही किया जाता है।

सेंधा नमक मुख्य रूप से सिंधु नदी के आस पास के निचली हिमालय पर्वत श्रंखला से प्राप्त किया जाता है। यानी मुख्य रूप से इसका खनन पश्चिमोत्तरी पंजाब और पाकिस्तान से ही किया जाता है, जहां पर स्थित नमक कोह (Salt Mauntain) नाम की मशहूर पहाड़ी श्रंखला हैं और इन्ही पहाड़ियों में सेंधा नमक की प्रसिद्ध खेवड़ा नमक खान (Khewra Salt Mines) भी मौजूद है जो सेंधा नमक के खनन के लिए प्रसिद्ध है, और यह विश्व की सबसे बड़ी नमक की खान है। जहां से कई सालों से सेंधा नमक निकाला जा रहा है। और एक अनुमान के अनुसार, यह खान लगभग 500 वर्षों तक हमें सेंधा नमक दे सकती है।

सेंधा नमक का संक्षिप्त इतिहास

कई मतों के अनुसार, सेंधा नमक का इतिहास लगभग 250 मिलियन वर्ष पहले का है, यानी इसके पहाड़ों का निर्माण की सुरुआत जुरासिक युग में ही प्राचीन समुद्री तल के वास्पिकरण से हुआ।

हालांकि इसे प्रयोग में लाने का पहला श्रेय स्थानीय जंजुआ कबीले को माना जाता है, जिन्होंने 1200 ई. के आसपास के दशकों में खेवड़ा खदान और उसके आस पास से नमक निकलकर इस्तेमाल में लाना शुरू किया।

कई लोगों का यह मानना है की 256 ई.पू. में भारत पर आक्रमण के दौरान, सिकंदर ने सेंधा नमक का विश्व से पहचान कराया, जब उसके सैनिकों ने पाया कि झेलम नदी के आस पास के इलाकों के कुछ पत्थर नमकीन स्वाद के हैं और उनके घोड़े उन्हें बड़े चाव से चाट रहे हैं। हालांकि इस मत के विश्वनीयता का अभी अभाव है।

इसके बाद सेंधा नमक के इन भंडारों पर कई शासकों का दावा रहा, जिसमे मुगल, सिख और अंग्रेज शासक प्रमुख हैं, और उनके द्वारा इन नमक का एक बाहुल्य वस्तु के रूप में व्यापार भी किया जाता था।

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सेंधा नमक में मौजूद पोषक तत्व

सेंधा नमक में पाया जाने वाला मुख्य तत्व सोडियम क्लोराइड (NaCl) होता है, जिसकी मात्रा इसमें 90% से भी ज्यादा आंकी जाती है।

इसके अतरिक्त सेंधा नमक में अन्य कई प्रकार के खनिज और पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो इसके विशेष रंग, गंध और स्वाद के लिए जिम्मेदार होते हैं, जैसे इसमें मौजूद आयरन आक्साइड के कारण ही सेंधा नमक का रंग गुलाबी हो जाता है, इसमें अन्य पोषक तत्व जैसे मैग्नीशियम (Mg), पोटेशियम (k), कैल्शियम (Ca), तांबा (Cu), जस्ता (Zn), क्रोमियम (Cr), मैंगनीज (Mn) आदि भी पाए जाते हैं।

सेंधा नमक के फायदे क्या होते हैं?

खदानों से निकलने वाला यह नमक पूरी तरह से प्राकृतिक, शुद्ध और प्रोसेस मुक्त होता है। प्रोसेस मुक्त होने की वजह से इसके खनिज और पोषक तत्व नष्ट नहीं होते हैं, इसलिए यह पूरी तरह से शुद्ध नमक होता है जिसका उपयोग खदानों से निकालकर सीधा अपने भोजन में किया जा सकता है।

सेंधा नमक शरीर में सोडियम स्तर को नियंत्रित रखता है:-

सेंधा नमक का मुख्य तत्व सोडियम होता है, और सोडियम हमारे शरीर के लिए एक आवश्यक तत्व है। इसकी कमी से खराब नीद, और मानसिक समस्याएं उत्पन हो सकती हैं। सोडियम के कई लाभ देखने को मिलते हैं जैसे:-

  • मासपेशियों को आराम देता है
  • शरीर को नमी और उचित मात्रा बनाए रखता है
  • लो ब्लड प्रेसर को कंट्रोल रखने में मदत करता है
  • तंत्रिका तंत्र के काम काज में सुधार करता है
  • ऑक्सीजन और दूसरे पोषक तत्व को सभी अंगों तक पहुंचाने के काम में मददगार होता है।

हालांकि सोडियम अन्य साधारण नमक में भी अच्छी खासी मात्रा में उपलब्ध होता है, जिसका उपयोग हम रोजमर्रा के जीवन में करते हैं। लेकिन अधिक सोडियम के सेवन के बहुत सारे दुष्प्रभाव भी होते हैं जिसकी चर्चा हम आगे करेंगे।

पाचन को बेहतर करता है:-

सेंधा नमक में मौजूद खनिज व पोषक तत्व पाचन से जुड़ी समस्या जैसे बदहजमी, कब्ज, सीने में जलन, आदि में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। इसमें मौजूद मैग्नीशियम पाचन तंत्र में मौजूद मांसपेशियों को आराम देने में मदद करने के लिए जाना जाता है। इसलिए सेंधा नमक का इस्तेमाल दही और छाछ में मिलाकर बड़े चाव से उपयोग में लाया जाता है।

श्वसन संबंधी लाभ:-

कई दावों के अनुसार पिंक हिमालयन नमक में मौजूद सूक्ष्म खनिज वायुमार्ग को खोलने और श्वसन क्रिया में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए सेंधा नमक को सूंघने और गुनगुने पानी में घोलकर गरारा किया जाता है। जो ना केवल बंद नाक को खोलने बल्कि गले की खरास, गले में दर्द आदि समस्याओं से राहत दिला सकता है।

त्वचा का स्वास्थ्य में लाभदायक:-

इस रॉक साल्ट का उपयोग त्वचा के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए नहाने के पानी में घोलकर या एक स्क्रब के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। कई लोगों का ऐसा मानना है की नमक में मौजूद खनिज (मैग्निसियम) त्वचा को डिटॉक्सीफाई करने और मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाने में मदद कर सकते हैं। हालांकि इस दावे को लेकर कोई वैज्ञानिक सोध उपलब्ध नहीं है।

इलेक्ट्रोलाइट को बैलेंस करता हैं:-

सेंधा नमक में विधिन्न प्रकार के इलेक्ट्रोलाइट पाए जाते हैं। इलेक्ट्रोलाइट्स एक आवश्यक खनिज हैं जो शरीर की तंत्रिका और मांसपेशियों के उचित कार्य प्रबंधन के लिए आवश्यकता होती है। सेंधा नमक में मौजूद इलेक्ट्रोलाइट ऐंठन, जकड़न, दर्द से राहत दिला सकते हैं।

आयुर्वेदिक दृष्टि से सेंधा नमक के लाभ

हालांकि साधारण नमक का उपयोग पित्त दोष को बढ़ा देता है, लेकिन आयुर्वेद में सेंधा नमक को पित्त दोष को नियंत्रित करने वाला बताया गया है। क्योंकि इसकी तासीर ठंडी बताई गई है जिससे यह पित्त दोष और इससे जुड़ी बीमारियों में लाभदायक हो सकता है।

इसके अतिरिक्त सेंधा नमक को वात और कफ दोष को भी संतुलित करने के लिए जिम्मेदार बताया गया है। इसलिए इन दोषों से जुड़ी बीमारियां जैसे मुंह के स्वाद में सुधार, बलगम से छाती में जकड़न महसूस होने से छुटकारा, पाचन को बेहतर करना आदि से राहत देता है।

सेंधा नमक के नुकसान

सेंधा नमक का अधिक मात्रा में सेवन करने से, सेहत से जुड़ी कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं। क्योंकि इसमें सामान्य नमक की तुलना में कम मात्रा में सोडियम पाया जाता है लेकिन फिरभी इसमें सोडियम प्रयाप्त मात्रा में होता है। इसलिए सेंधा नमक का अधिक इस्तेमाल कई बीमारियों को न्योता देता है।

आयोडिन की कमी:-

सेंधा नमक में प्राकृतिक रूप से आयोडीन नहीं पाया जाता है। अगर आप किसी अन्य मध्यम से आयोडीन का सेवन नही कर रहें है तो शुद्ध सेंधा नमक का सेवन शरीर में आयोडीन की कमी कर सकता है। आयोडिन हमारे शरीर के लिए एक आवश्यक खनिज है जो मेटाबॉलिज्म और कई अन्य महत्वपूर्ण शारीरिक कार्यों के लिए आवश्यक है।

ब्लड प्रेशर की समस्या:-

अधिक सोडियम का सेवन करने से उच्च रक्त चाप (high blood pressure) की समस्या हो जाती है। क्योंकि सेंधा नमक का मुख्य तत्व सोडियम ही होता है इसलिए इसका अधिक इस्तेमाल उच्च रक्त चाप को समस्या उत्पन्न कर सकता है। इसलिए जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है उनको सेंधा नमक का इस्तेमाल से परहेज करना चाहिए।

किडनी से जुड़ी परेसानियां:-

जिन लोगों को किडनी से जुड़ी समस्याएं हैं उनको सेंधा नमक के उपयोग से परहेज करना चाहिए क्योंकि यह किडनी से जुड़ी बीमारियां को और अधिक बढ़ा सकता है।

एलर्जी के लक्षण:-

हालांकि सेंधा नमक से एलर्जी होना कम ही देखने को मिलता है, लेकिन इसकी संभावना होती है। अगर सेंधा नमक के सेवन के बाद आपको स्किन पर सूजन, लालिमा, चक्कते, और पेट में दर्द, पेचिस, कब्ज आदि देखने को मिलता है तो हो सकता है की आपको इससे एलर्जी की समस्या हो। येसी स्थिति में सेंधा नमक के उपयोग से बचाना चाहिए।

निष्कर्ष

सेंधा नमक (pink salt) एक लवणीय खनिज है जो पाकिस्तान में मौजूद निचली हिमालय पर्वत श्रंखला में मौजूद नमक के पहाड़ से प्राप्त किया जाता है। जहां दुनियां की सबसे बड़ी नमक खदान (खेवड़ा नमक खदान) भी मौजूद है।

हालांकि सेंधा नमक का मुख्य खनिज सोडियम क्लोराइड होता है, लेकिन इसमें अन्य पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं जैसे पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्सियम आदि। इसके अतरिक्त यह पूरी तरह से प्रकृतिक होता है जिसे बिना प्रोसेस किए भी उपयोग में लाया जा सकता है। इन कारणों से यह अन्य नमक की तुलना में अधिक फायदेमंद हो जाता हैं।

सेंधा नमक के कई शारीरिक लाभ भी हो सकते हैं जैसे पेट से जुड़ी समस्याओं में लाभदायक हो सकता है, श्वसन संबंधी समस्याओं में लाभदायक हो सकता है आदि। लेकिन सेंधा नमक से जुड़ी कई लाभों के दावों का कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।

इसके अतरिक्त सेंधा नमक का अधिक उपयोग कई स्वास्थ संबंधी परेशानियां भी उजागर कर सकता है। इसलिए इसका नियंत्रित आयोग करना बहुत जरूरी हो जाता है।

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