काला नमक – इतिहास, परिचय, फायदे और नुकसान

क्या आप जानते हैं की साधारण नमक की तुलना में काला नमक अधिक फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इसमें पोषक तत्वों की अधिकता पाई जाती है। चलिए हमारे स्वास्थ्य पर काला नमक के फायदों को विस्तार से समझते हैं।

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Brijesh Yadav

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नमक जिसके बिना कोई भी भोजन निरस व फीका लग सकता है। इसका इस्तेमाल ना केवल भारत बल्कि विश्व में, कई सदियों से भोजन को स्वादिष्ट और जायकेदार बनाने के लिए बहुतायत में किया जाता रहा है।

हमारे घरों में इस्तेमाल किए जाने वाले नमकों में लगभग 70 प्रतिशत नमक समुंद्र से ही प्राप्त किया जाता है और बाकी का 30 प्रतिशत नमक अन्य माध्यमों से प्राप्त किया जाता है।
लेकिन साधारण नमक जो हम अपने घरों में इस्तेमाल करते हैं, उसके हमारे सेहत पर बहुत से नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं। जिसकी पुष्टि आधुनिक मेडिकल साइंस ने 1836 में ही किया और इससे होने वाली कुछ बीमारियों के बारे में बताया जैसे ब्लड प्रेसर, किडनी से जुड़ी समस्याएं, दिल का दौरा आदि।

जिसके बाद नमक इस्तेमाल में थोड़ी बहुत तब्दीली आई। लेकिन इन सबके बावजूद नमक का उपयोग आज भी खाद्य पदार्थों को जायकेदार बनाने के लिए बहुतायत में किया जाता है।

साधारण नमक या रिफाइंड नमक के दुष्प्रभाव को देखते हुए, सेहत प्रेमी लोग इसके अन्य सेहतमंद विकल्पों को ढूढते हैं। तो चलिए इस ब्लॉग पोस्ट में हम उन्ही विकल्पों में से एक “काला नमक” के बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं, और काला नमक के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से समझते हैं।

काला नमक का संक्षिप्त इतिहास

काले नमक का एक प्राचीन इतिहास रहा है। लगभग 300 ईसा-पूर्व में आयुर्वेदिक चिकित्सा पर आधारित पुस्तक “चरक संहिता” में भी इसका जिक्र देखने को मिलता है, जिसमे “महर्षि चरक” ने काला नमक का उपयोग कई प्रकार के रोगों को ठीक करने के लिए एक औषधि के रूप में दर्शाया है, और इसके गुणों व लाभों की व्याख्या विस्तार से किया है।

काला नमक का क्या होता है?

काला नमक को सुलेमानी नमक, ब्लैक रॉक साल्ट, हिमालियन काला नमक, बंगाल में बिट लबन, नैपाल में बिरे नून, आदि अन्य कई नामों से जाना जाता है। लेकिन इंटरनेट पर उपयुक्त जानकारी ना होने के कारण अक्सर लोग सेंधा नमक और काला नमक को एक ही नाम से पुकारने लगते हैं।

काला नमक गहरे बैगनी (लगभग काले रंग) के पत्थर व क्रिस्टल के जैसा दिखाई देता है, और पीसने के बाद वह हल्का पिंक रंग का दिखाई देने लगता है।
हालांकि साधारण नमक के जैसे ही इसमें एक प्रमुख योगिक सोडियम क्लोराइड मौजूद होता है जो इसे नमकीन स्वाद देता है। इसके आलावां इसमें सोडियम सल्फेट, आइरन सल्फाइड (जो इसे गहरा बैगनी रंग देता है), हाइड्रोजन सल्फाइड जैसे योगिक कुछ मात्रा में पाए जाते हैं।

भारत और इसके आस पास के पड़ोसी देशों में काले नमक का इस्तेमाल बहुतायत में विभिन्न प्रकार से किया जाता है। खास कर इसका उपयोग मशालों और चाट मसलों में किया जाता है।

काला नमक कैसे बनता है?

अगर आप इंटरनेट पर सर्च करेंगे की “काला नमक कहां से प्राप्त किया जाता है” तो संभवतः आपको जवाब मिलेगा की इसको भारत, पाकिस्तान, नेपाल के हिमालय में मौजूद खदानों से निकाला जाता है, लेकिन यह पूर्ण सत्य नहीं है। इन खदानों से ज्यादातर पिंक साल्ट यानी सेंधा नमक को ही खनन किया जाता है। और सेंधा नमक के खनन से ही हिमालियन काला नमक के बनाने की यात्रा की शुरुआत हो जाती है।

काला नमक बनाने के लिए सेंधा नमक को एक विशेष प्रकार के मटकों (चीनी मिट्टी के बर्तन) में भर कर भट्ठी में उच्च ताप पर (लगभग 1500°) गर्म किया जाता है, इसी दौरान उसमे कुछ औषधियों (हरड़ के बीज, आंवला, बहेड़ा, बबूल छाल) को मिलाया जाता है।

उच्च ताप पर गर्म करने से और औषधियों का उपयोग करके पिंक साल्ट गहरे बैगनी रंग में तब्दील हो जाता है, और इसके साथ ही हमारा हिमालियन काला नमक तैयार हो जाता है।

काला नमक में मौजूद पोषक तत्व

इसमें सोडियम, क्लोराइड, आयरन, पोटेशियम, सल्फर, कैल्शियम, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व व खनिज पदार्थ पाए जाते हैं जो हमारे स्वस्थ को बेहतर करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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काला नमक फायदेमंद क्यों है?

सामान्य नमक व रिफाइंड नमक की तुलना में काला नमक में सोडियम की मात्रा कम होती है। अधिक सोडियम का होना, किसी नमक को सेहत के लिए हानिकारक बना देता है। एक शोध के पाया गया की रिफाइंड नमक में 90 फीसदी सोडियम पाया जाता है और उसमे खनिज और मिनरल लगभग ना के बराबर होतें है, जो हमारे सेहत के लिए बिलकुल भी ठीक नहीं है।
इसके विपरित काले नमक में सोडियम की मात्रा कम होती है और आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं जो इसे हमारे सेहत के लिए फायदेमंद बनते हैं।

काला नमक के फायदे

पाचन को बेहतर करने में सहायक होता है:-

काला नमक पाचन क्रिया को बेहतर करता है। क्योंकि यह शरीर में पाचन एंजाइमों के उत्पादन को उत्तेजित करता है। पाचन एंजाइम भोजन को तोड़ने और पोषक तत्वों के अवशोषित करने के लिए आवश्यक होते हैं।

इसके अलावा, काला नमक भूख बढ़ा सकता है इसलिए यह उन लोगों के लिए फायदेमंद होता है जिनको भूख कम लगती है।
काले नमक में कार्मिनेटिव गुणों पाया जाता है, जिसका अर्थ है कि यह सूजन और पेट फूलने की समस्या को कम करने में भी मदद करता है।
यह कब्ज के शिकार लोगों के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।

एसिडिटी को कम करता है:-

काले नमक में क्षारीय गुण पाया जाता हैं, जो एसिडिटी की समस्या को कम करने में बहुत मददगार साबित हो सकता है। इसे अक्सर एसिड रिफ्लक्स के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में उपयोग किया जाता है।
पेट में अधिक एसिडिटी होने से “एसिड रिफ्लक्स” और “सीने में जलन” जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं, जिनको संतुलित करने व निष्क्रिय करने में यह बहुत कारगर साबित हो सकता है।

श्वसन संबंधी समस्याओं में फायदेमंद होता है:-

अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी स्थिति (जिसमे वायुमार्ग में सूजन और संकुचन हो जाता है) में भी काले नमक को बहुत लाभकारी माना जाता है, क्योंकि काला नमक सूजन को कम करने और ब्रोन्कोडायलेशन को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है, जिससे श्वसन क्रिया में सुधार हो सकता है और अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के लक्षणों में कमी आती है।

हालांकि इस समस्या में काला नमक कितना कारगर है इससे जुड़े विस्तृत शोध अभी होना बाकी है।

इसके अलावा, काला नमक एलर्जी के प्राकृतिक उपचार के तौर पर भी प्रयोग में लाया जाता है। क्योंकि इसमें एंटीहिस्टामिनिक गुण होते हैं, जो शरीर की एलर्जी प्रतिक्रिया को कम करने और छींकने, कंजेशन और आंखों में खुजली जैसे लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं।

त्वचा के लिए फायदेमंद होता है:-

काले नमक का उपयोग त्वचा की बेहतर देखभाल करने के लिए एक्सफोलिएटिंग स्क्रब के रूप में किया जा सकता है, जो मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाने और रोम छिद्रों को खोलने में मदद करता है, जिससे त्वचा चिकनी और अधिक चमकदार हो जाती है।

इसके अतिरिक्त, काले नमक में डिटॉक्सिफाइंग गुण होते हैं। जो त्वचा से अशुद्धियाँ और विषाक्त पदार्थ बाहर निकलने में मदत करता है, जिससे यह मुंहाशों को होने से रोकता है। इसको नहाने के पानी में डाल कर नहाने से इसमें मौजूद खनिज त्वचा के लिए फायदा पहुचातें हैं।

मौखिक स्वास्थ के लिए फायदेमंद:-

काले नमक में रोगाणुरोधी गुण मुंह में गंध पैदा करने वाले बैक्टीरिया की वृद्धि को कम करने में मदद करते हैं, और इसमें एंटीसेप्टिक गुण मौखिक संक्रमण के इलाज और मसूड़ों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में सहायता कर सकते हैं।

काले नमक के घोल से गरारे करने या इसे प्राकृतिक माउथवॉश के रूप में उपयोग करने से मसूड़ों में संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया को कम करने और मसूड़ों के स्वास्थ्य में मदद मिल सकती है।

इसके अलावा, इसमें कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे खनिज होते हैं जो स्वस्थ दांतों और मसूड़ों को बनाए रखने के लिए आवश्यक होते हैं।

इलेक्ट्रोलाइट स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है:-

काला नमक खनिजों से भरपूर होता है जो शरीर के इलेक्ट्रोलाइट स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इलेक्ट्रोलाइट्स ऐसे खनिज हैं जो विद्युत आवेश रखते हैं और विभिन्न शारीरिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण हैं। वे उचित जलयोजन, तंत्रिका कार्य और मांसपेशियों के संकुचन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

काले नमक में सोडियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे खनिज होते हैं, जो महत्वपूर्ण इलेक्ट्रोलाइट्स हैं। सोडियम और पोटेशियम, विशेष रूप से, शरीर के भीतर तरल पदार्थों के संतुलन को बनाए रखने और तंत्रिका आवेगों के संचरण को सुविधाजनक बनाने में शामिल हैं।

बालों के लिए फायदेमंद:-

काले नमक में क्लींजिंग और एक्सफोलिएटिंग गुण पाए जाते है इसलिए इसका इस्तेमाल बालों की देखभाल के उत्पादों में या बालों से संबंधित विभिन्न समस्याओं के लिए प्राकृतिक उपचार के रूप में किया जा सकता है।

काले नमक में एंटीफंगल गुण भी होते हैं, जो डैंड्रफ से निपटने में मदद कर सकते हैं। रूसी से जुड़ी पपड़ी और खुजली को कम करने में मदद के लिए इसका उपयोग अक्सर घरेलू नुस्खों में किया जाता है।

वजन को कम करने में मदत करता है:-

क्योंकि काला नमक पाचन एंजाइमों को बढ़ा कर हमारे पाचन को बेहतर बनाता है जो वसा को घोलने में मदत करता है, इसके साथ ही इसमें सोडियम भी कम मात्रा में पाई जाती है जो हमारे वजन को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं।

काला नमक के नुकसान

इसमें कोई दो राय नहीं है की अति किसी भी चीज की अच्छी नहीं होती है। काला नमक का अधिक इस्तेमाल भी सेहत से जुड़ी समस्याओं को जन्म दे सकता है।

इसके अलावा काले नमक के अधिक मांग के कारण इसको बनाने में शुद्धता का ध्यान नहीं दिया जाता है, और इसमें अलग अलग चीजों की मिलावट भी किया जाता है जैसे साधारण नमक का इस्तेमाल, कोयले या टायर में पकाना, जो इसे अधिक कार्बनिक बना सकते हैं, जिस कारण से काला नमक हमारे सेहत के लिए अधिक हानिकारक बन जाता हैं।

हालांकि अच्छी गुणवत्ता वाले काले नमक के हमारे सेहत पर क्या नुकसान हो सकते हैं इसपर अभी शोध जारी है लेकिन काला नमक संभवतः कुछ सेहत संबंधी परेशानियां खड़ी कर सकता है।

हाई ब्लड प्रेसर:-

हालांकि काले नमक में सोडियम कम मात्रा में पाया जाता है लेकिन इसके बावजूद इसका अधिक सेवन सोडियम से जुड़ी शारीरिक समस्याएं जैसे हाई ब्लड प्रेसर आदि होने की संभावना को बढ़ा सकता है।

किडनी से जुड़ी समस्याएं:-

सोडियम की उच्च मात्रा लेना गुर्दे की पथरी जैसी समस्याएं होने की संभावना को बढ़ा देता हैं। हालांकि काले नमक में सोडियम कम मात्रा में पाया जाता है, लेकिन इसका ज्यादा इस्तेमाल करने से किडनी की समस्या बढ़ सकती है। इसलिए जो लोग किडनी की बीमारियों से ग्रस्त होते है उनको काला नमक के इस्तेमाल पर डॉक्टर से विचार विमर्श जरूर करना चाहिए।

आयोडीन की कमी:-

हालांकि काले नमक में कई प्रकार के खनिज और मिनरल पाए जाते हैं लेकिन इसमें आयोडीन नहीं होता है। इसलिए अगर आप अन्य दूसरे किसी माध्यम से आयोडीन का सेवन नहीं कर रहे हैं तो शरीर में आयोडीन की कमी देखी जा सकती है। आयोडीन थायराइड ग्रंथि के सही ढंग से कार्य करने के लिए बहुत जरूरी होता है।

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं:-

काला नमक पेट से जुड़ी समस्याओं के प्रबंधन के लिए जाना जाता है लेकिन इसका सेवन अधिक मात्रा में करने से कुछ लोगों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल असुविधा देखने को मिलती हैं, यह पेट में सूजन, गैस या दस्त जैसे लक्षण उजागर कर सकता है। यदि आपको ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो बेहतर होगा कि आप काले नमक का सेवन कम कर दें।

एलर्जी:-

काले नमक से सेवन से एलर्जी का होना नहीं के बराबर ही देखने को मिलता है। लेकिन कुछ लोगों में एलर्जी के लक्षण देखने को मिल सकते हैं। यदि आपको काले नमक का सेवन करने के बाद खुजली, सूजन, दाने या सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण महसूस होते हैं, तो इसका उपयोग बंद कर दें, और तुरंत चिक्तसीय सहायता लें।

निष्कर्ष

साधारण नमक (जो ज्यादातर हमारे घरों में उपलब्ध होता है) को अत्यधिक प्रॉसेस करके बनाया जाता है, जिस कारण से उसमे माजूद पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं और उसमे सोडियम की मात्रा भी अधिक होती है। जिसका हमारे सेहद पर बहुत बुरा प्रभाव देखने को मिलता है।

इसलिए काला नमक जिसमे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं और उसमे सोडियम की मात्रा भी कम होती है, जिस कारण से यह हमारे सेहत के लिए लाभदायक हो सकता है, इसलिए यह साधारण नमक का एक अच्छा विकल्प भी साबित हो सकता है।

लेकिन कुछ मामलों में काला नमक भी हमारे सेहत पर दुष्प्रभाव भी डाल सकता है। इसलिए काला नमक के अधिक उपयोग से बचाना चाहिए और किसी भी प्रकार की समस्या होने के बाद तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

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