6 कारण जो काले अंगूर को अधिक स्वास्थ्यवर्धक बनाते हैं

अंगूर एक स्वादिष्ट और मधुर फल है जिसकी अनेकों किस्में पाई जाती हैं लेकिन इसकी एक किस्म कला अंगूर हमारे स्वास्थ्य के लिए अधिक फायदेमंद हो सकती है। आइये काले अंगूर के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से समझते हैं।

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Brijesh Yadav

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विश्व भर में अंगूर की कई प्रजातियां पाई जाती है जो खाने में मधुर, पौष्टिक और स्वास्थ्य वर्धक भी होती हैं। लेकिन अंगूर की एक प्रजाति अपने अनोखे रंग के कारण अधिक प्रचलित है जिसे हम “कला अंगूर” के नाम से जानते हैं।

काले अंगूर का यह रंग उसमें मौजूद एंथोसायनिन योगिक की अधिक मात्रा के कारण आता है जो की एक एंटीऑक्सीडेंट है। और अमूमन उन सभी फल और सब्जियों में यह पाया जाता है जिनका रंग नीला या बैगनी होता है।

काले अंगूर (बिना बीज या बीज आधारित) का उपयोग रेड वाइन, अलकोहल आदि के निर्माण में भी अधिक मात्रा में किया जाता है। इसलिए यह अनुमान लगाना बहुत आसान हो जाता है की कला अंगूर ना केवल अपने विशेष रंग बल्कि अपने उपयोग और पोषक तत्वों की वजह से स्वास्थ्य संबंधी लाभों के कारण भी प्रचलित है।

आइये आज हम काले अंगूर के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त  करें ताकि इसके उपयोग से हम अपने स्वाथ्य का सम्पूर्ण विकास कर पाएं।

हमारे स्वास्थ्य पर काले अंगूर के फायदे क्या हैं?

पोषक तत्वों से भरपूर

एक कप बीजरहित काले अंगूरों (138 ग्राम) की खुराक में मौजूद पोषक तत्व:-

  • ऊर्जा – 89.7 kcal
  • कार्बोहाइड्रेट – 24g 8%
  • फाइबर – 0.966g 4%
  • कैल्शियम – 19.3mg 2%
  • विटामिन सी – 15mg 25%
  • विटामिन ए – 99.4iu 2%

काले अंगूर में विटामिन c की अच्छी मात्रा पाए जाने के कारण यह हमारे इम्मून के विकास में मदत कर सकता है जो सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।

इसके अतिरिक्त काले अंगूर में कई प्रकार के रसायनिक योगिक पाए जाते हैं जो एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इन्फ्लेमेटरी, कैंसर-रोधी, और एंटीबैक्टीरियल गुण प्रदर्शित करते हैं। जो कई प्रकार से हमारे सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है।

काले अंगूर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण

कला अंगूर विटामिन सी का उच्य माध्यम है। इसके अलावां इसमें कई प्रकार के पॉलीफेनोल्स जैसे रेस्वेराट्रोल आदि रसायनिक योगिक पाए जाते हैं जो प्रमुख एंटीऑक्सीडेंड छमता को प्रदर्शित करते हैं।1

इसके छिलके में कैटेचिन और एपिकैटेचिन, कैफिक एसिड, कैटेचिन गैलेट एपिकैटेचिन और गैलिक एसिड जैसे योगिक पाए जाते हैं यह सभी योगिक एंटीऑक्सीडेंट क्षमता को प्रदर्शित करते हैं। जो निश्चित रूप से कई प्रकार के शारीरिक समस्याओं को दूर कर सकते हैं।2

काले अंगूर में मौजूद यह एंटीऑक्सीडेंट मुक्त कणों के कारण होने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदत कर सकते हैं। ऑक्सीडेटिव तनाव के कारण कई गंभीर शारीरिक समस्याओं के उत्त्पन्न होने का खतरा बढ़ सकता है जैसे कैंसर, मधुमेह, अल्जाइमर, पार्किंसंस और हृदय रोग आदि। 

हृदय स्वास्थ्य में सुधार

काले अंगूर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकते हैं इसलिए इसको अपने आहार श्रंखला में साबित करना हृदय जोखिमों को कम कर सकता है।3

इसमें पाए जाने वाले दो प्रमुख योगिक जो एंटीऑक्सीडेंट गुण प्रदर्शित करते हैं, एंथोसायनिन और रेस्वेराट्रोल हैं। इन योगिक में सूजन-रोधी और एंटी-वायरल गुण भी होते हैं। यह कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने वाले मुक्त कणों को निष्क्रिय कर सकते हैं, सूजन को कम कर सकते हैं एंडोथेलियम या रक्त वाहिकाओं की परत के कार्य में सुधार कर सकते हैं। जिससे ह्रदय स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है।45

त्वचा के लिए फायदेमंद

त्वचा स्वास्थ्य के लिए काले अंगूर के फायदे देखे जा सकते हैं। यह विटामिन C का उच्य स्रोत होता है। विटामिन C झुर्रियों को कम करता है, त्वचा का सूखापन से बचने में मदत कर सकता है, और त्वचा को जवां रखने में मदत करता है।

इसके अतिरिक्त काले अंगूर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट मुक्त कणों के प्रभाव को कम कर सकते हैं जिसके कारण त्वचा की कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव तनाव से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। यह एंटीऑक्सीडेंट सूरज से निकलने वाली यूवी विकिरण के जोखिम को भी कम कर सकते हैं। और यह मुँहासे, सनबर्न, एडिमा, हाइपरपिग्मेंटेशन और त्वचा कैंसर जैसी समस्याओं के जोखिमों को कम करने में भी उपयोगी हो सकते हैं।67

हालाँकि त्वचा से सम्बन्धित फायदों में काले अंगूर के सेवन के अलावां इसके पेस्ट को त्वचा पर लगाना भी काफी प्रचलित है।

मधुमेह में फायदेमंद होने की संभावना

मधुमेह की स्थिति में काले अंगूर का सेवन कुछ फायदेमंद हो सकता है। लेकिन इसके पूर्ण  प्रभाव को जांचने के लिए अभी विस्तृत शोध की आवश्यकता है।

अध्ययनों से पता चलता है की काले अंगूर में रेस्वेराट्रॉल, पॉलीफेनोल्स और टेरोस्टिलबिन जैसे योगिक मौजूद होते हैं। यह योगिक इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने, ग्लूकोज रिसेप्टर्स की संख्या में वृद्धि करने, ग्लूकोज का बेहतर उपयोग करने में मदत कर सकते हैं। जिससे रक्त शर्करा विनियमन और रक्त शर्करा के स्तर को कम करने की शारीरिक छमता में सुधार हो सकता है। और मधुमेह के लक्षणों में कमी देखी जा सकती है।89

और यह योगिक बीटा कोशिकाओं जो इंसुलिन का उत्पादन करते हैं, के नुकसान को रोकने में मदत कर सकते हैं और इनके काम काज में सुधार कर सकते हैं, जो मधुमेह प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण हैं।

इसके अतिरिक्त काले अंगूर में माध्यम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जिसके कारण रक्त शर्करा में तेजी से वृद्धि होने की संभावना कम हो जाती है।10

कैंसर रोधी गुण

कैंसर के खिलाफ काले अंगूर का इस्तेमाल उपयोगी हो सकता है। इसमें पाए जाने वाले पॉलीफेनोल योगिक कैंसर कोशिकाओं के वृद्धि को रोकने में मदत कर सकते हैं। पॉलीफेनोल जैसे एंथोसायनिन और रेस्वेराट्रोल योगिक शरीर में एंटीओक्सिडेंट गुण प्रदर्शित करते हैं जो सूजन को कम करने, मुक्त कणों से होने वाले सेलुलर क्षति को रोकने, डीएनए के नुकसान से बचाने में मदद कर सकते हैं। यह सभी कैंसर के विकास में योगदान दे सकते हैं।1112

क्या काले अंगूर के सेवन से नुकसान भी हो सकता है?

अमूमन अधिकतर लोगों में काले अंगूर के सेवन से नुकसान देखने को मिलते हैं। संभवतः बहुत अधिक सेवन से कुछ लोगों में दुष्प्रभाव देखने को मिल सकतें हैं जिसमें हल्के रूप में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल दुष्प्रभाव शामिल हैं जैसे मतली, पेट दर्द, पेट फूलना और दस्त आदि।

हालाँकि काले अंगूर के उपयोग को लेकर कोई सावधानी से सम्बन्धित निर्देश अक्सर नहीं दिए जाते हैं लेकिन गर्भवती व स्तन पान करने वाली महिलाएं इसके उपयोग में सावधानी रख सकती है। खून को पतला करने वाली मेडिसन या किसी शारीरिक रोग से पीड़ित होने की स्थिति में इसके उपयोग में सावधानी बरतें। काले अंगूर के सेवन करने से किसी भी प्रकार के शारीरिक दुष्प्रभाव महसूस होने पर अपने डॉक्टर से जरूर परामर्श करें। 

निष्कर्ष

काला अंगूर विटामिन, खनिज, एंटीऑक्सीडेंट गुणों से परिपूर्ण होता है जिसके कारण  हमारे स्वास्थ्य पर इसके कई फायदे देखने को मिल सकते हैं। हमारे सेहत पर काले अंगूर के फायदे जैसे यह त्वचा के लिए फायदेमंद है, ह्रदय के स्वास्थ को बेहतर कर सकता है, मधुमेह में फायदेमंद हो सकता है। इसके अतिरिक्त इसमें कैंसर रोधी गुण भी देखे जा सकते हैं।

काले अंगूर के नुकसान को लेकर कोई विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं है। परन्तु लोगों में इसके नुकसान ना के बराबर ही देखने को मिलते हैं। लेकिन बहुत अधिक उपयोग करने पर कुछ पेट सम्बन्धी दिक्कतें हो सकती हैं जिसमें मतली, पेट दर्द, दस्त आदि शामिल हैं।

संदर्भ

  1. Kabir, Faisal et al. “Polyphenolic Contents and Antioxidant Activities of Underutilized Grape (Vitis vinifera L.) Pomace Extracts.Preventive nutrition and food science vol. 20,3 (2015): 210-4. doi:10.3746/pnf.2015.20.3.210 ↩︎
  2. Liu, Qing et al. “Comparison of Antioxidant Activities of Different Grape Varieties.Molecules (Basel, Switzerland) vol. 23,10 2432. 23 Sep. 2018, doi:10.3390/molecules23102432 ↩︎
  3. Dohadwala, Mustali M, and Joseph A Vita. “Grapes and cardiovascular disease.The Journal of nutrition vol. 139,9 (2009): 1788S-93S. doi:10.3945/jn.109.107474 ↩︎
  4. Wallace, Taylor C. “Anthocyanins in cardiovascular disease.” Advances in nutrition (Bethesda, Md.) vol. 2,1 (2011): 1-7. doi:10.3945/an.110.000042 ↩︎
  5. Gal, Roland et al. “The Effect of Resveratrol on the Cardiovascular System from Molecular Mechanisms to Clinical Results.International journal of molecular sciences vol. 22,18 10152. 21 Sep. 2021, doi:10.3390/ijms221810152 ↩︎
  6. Radulescu, Cristiana et al. “Phytochemical Profiles, Antioxidant and Antibacterial Activities of Grape (Vitis vinifera L.) Seeds and Skin from Organic and Conventional Vineyards.Plants (Basel, Switzerland) vol. 9,11 1470. 30 Oct. 2020, doi:10.3390/plants9111470 ↩︎
  7. Soto, María Luisa, Elena Falqué, and Herminia Domínguez. “Relevance of natural phenolics from grape and derivative products in the formulation of cosmetics.Cosmetics 2.3 (2015): 259-276. ↩︎
  8. Szkudelski, Tomasz, and Katarzyna Szkudelska. “Resveratrol and diabetes: from animal to human studies.Biochimica et biophysica acta vol. 1852,6 (2015): 1145-54. doi:10.1016/j.bbadis.2014.10.013 ↩︎
  9. Gómez-Zorita, Saioa et al. “Effects of Pterostilbene on Diabetes, Liver Steatosis and Serum Lipids.Current medicinal chemistry vol. 28,2 (2021): 238-252. doi:10.2174/0929867326666191029112626 ↩︎
  10. Zunino, Susanj. “Type 2 diabetes and glycemic response to grapes or grape products.The Journal of nutrition vol. 139,9 (2009): 1794S-800S. doi:10.3945/jn.109.107631 ↩︎
  11. Kaur, Manjinder et al. “Anticancer and cancer chemopreventive potential of grape seed extract and other grape-based products.The Journal of nutrition vol. 139,9 (2009): 1806S-12S. doi:10.3945/jn.109.106864 ↩︎
  12. Niedzwiecki, Aleksandra, et al. “Anticancer efficacy of polyphenols and their combinations.” Nutrients 8.9 (2016): 552. ↩︎

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