शीर्ष 7 सहदेवी पौधे के फायदे और कुछ नुकसान की संभावनाएं 

सहदेवी का पौधा कई प्रकार के स्वास्थ्यवर्धक औषधीय गुणों से भरपूर होता है लेकिन अक्सर लोग इसे एक खास-फूस समझने की भूल करते हैं। आइये स्वास्थ्य पर सहदेवी के फायदों के बारे में विस्तार से समझते हैं।

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Anshika Sharma

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ऐसे पौधे जो खेतों-खलिहानों, रास्तों और हमारे आसपास आसानी से पाए जातें हैं हम उन्हें अक्सर खरपतवार समझ लेते हैं और यही हमारी भूल होती है। इसी श्रेणी में सहदेवी का पौधा भी आता है, लोग इस पौधे को घासफूस समझने की गलती करते हैं। लेकिन इसके अनेको स्वास्थ्य लाभ देखे जा सकते हैं क्योकि इसमें औषधीय गुणों की विस्तृत श्रंखला पाई जाती है। आयुर्वेद में इसे शरीर में सूजन, दर्द आदि कई रोगों को दूर करने वाली औषधि के रूप में दर्शाया गया है।

आइए, अपने स्वास्थ्य को बढ़ाने और रोगों को दूर रखने वाली उन औषधीय पौधों की श्रखला में से इस ब्लॉग पोस्ट में सहदेवी के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करें। ताकि स्वास्थ्य की दृष्टि से इस पौधे का सही उपयोग किया जा सके।

सहदेवी की पहचान

सहदेवी के पौधे को कई अन्य नामों से जाना जाता है लेकिन सहदेवी ही इसका सबसे प्रचलित नाम है। इस पौधे को इंग्लिश भाषा में Fleabane (फ्लीबेन) Little Ironweed (लिटिल आयरनवीड), Purple Fleabane (पर्पल फ़्लीबेन) जैसे नामों से जाना जाता है।

सहदेवी का वैज्ञानिक नाम Vernonia cinerea (Linn.) Less. (वर्नोनिया साइनैरिया) है, लेकिन अन्य समानर्थी वैज्ञानिक नामों से भी यह जाना जाता है जैसे Syn-Conyza cinerea Linn., Cyanthillium cinereum (Linn.) H. Rob, संभवतः इसके पीछे का कारण इस पौधों के वर्गीकरण के इतिहास और पौधों के संबंधों की बदलती समझ हो सकती है। सहदेवी पौधों की Asteraceae (ऐस्टरेसी) परिवार से सम्बन्धित है।

यह पौधा विशेष रूप से वर्षा ऋतू में अधिक पाया जाता है जो खाली पड़े मैदानी भागों में तथा सड़कों के किनारों पर आसानी से मिल जाता है। इसका एक मुख्य तना होता है जो सीधा जमीन से 120 cm (4 feet) की उचाई प्राप्त कर सकता है, जिसमें से कई छोटे,  पतले तने निकलते हैं। सहदेवी का फूल हल्का बैगनी या सफेद रंग के हो सकते हैं।

सहदेवी का उपयोग तांत्रिक दृष्टि से भी काफी प्रचलित है।लेकिन इससे कहीं अधिक इस पौधे में मौजूद औषधीय गुणों के कारण इसके उपयोग से कई स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त किया जा सकता है।  

स्वास्थ्य संबंधी सहदेवी के फायदे (Sahadevi ke fayde)

पारम्परिक चिकित्सा में सहदेवी के पौधे का उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए काफी प्रचलित हैं। हालाँकि कई शोध सहदेवी में सूजनरोधी, एंटीऑक्सीडेंट गुणों के अतिरिक्त कई प्रकार के योगिक पाए जाने का समर्थन करते हैं और साथ ही  इसका उपयोग सूजनरोधी, मधुमेहरोधी, रेनोप्रोटेक्टिव, कैंसररोधी, एंटीवायरल, रोगाणुरोधी गतिविधियों में किये जाने की संभावना को भी अंकित करते हैं। आइये हमारे स्वास्थ्य पर सहदेवी के फायदों के बारे में विस्तार से समझते हैं।1

एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि 

कई शोध सहदेवी के पौधे के प्रत्येक भाग (तने, पत्ते, फूल) में एटीओक्सीडेंट गुण होने का समर्थन करते हैं। लेकिन तने की तुलना में पत्ते और फूल (विशेष रूप से पत्तों) में अधिक सक्रिय एंटीऑक्सीडेंट जैसे  टैनिन (Tannins), कैटेचिन (Catechins) जो की एक प्रकार का फ्लेवोनोइड्स (Flavonoids) है आदि होने का समर्थन करते है, जो ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने, लाल रक्त कोशिका की रक्षा करने और विभिन्न रोगों में उपयोगी हो सकते हैं।23

कैंसर-रोधी गतिविधि

सहदेवी कैंसर से लड़ने में फयदेमंद हो सकता है। इसके पानी और अल्कोहल (इथेनॉल) से बने अर्क पर हुए अध्ययन में पाया गया की ये अर्क कोलोरेक्टल कैंसर कोशिकाओं को मारने में प्रभावी थे, संभवतः इसके पीछे का कारण इसमें पाए जाने वाले वर्नोलाइड-ए जैसे सक्रिय यौगिकों हो सकते हैं।

अक्सर मुक्त कणों की अधिकता ऑक्सीडेटिव तनाव (Oxidative stress) का कारण बनती है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं के साथ कैंसर कोशिकाओं के विकास का भी कारण बन सकती हैं। लेकिन यह पाया गया की सहदेवी से प्राप्त दोनों अर्क कैंसर कोशिकाओं में एंटीऑक्सिडेंट और मुक्त कणों के संतुलन को प्रभावित कर सकती हैं। और मुक्त कणों के प्रभाव को कम करके संभावित रूप से कैंसर के विकास को धीमा कर सकती है या कैंसर कोशिकाओं को भी मार सकती है।4

बुखार में उपयोगी (ज्वरनाशक)

पारम्परिक तौर पर सहदेवी का उपयोग किसी भी प्रकार के बुखार को कम करने में उपयोग की जाने वाली औषधि के रूप में उपयोग होता आया है। हालाँकि चूहों पर हुए अध्ययन भी सहदेवी के पौधे के अर्क की ज्वरनाशक (बुखार कम करने वाली) क्षमता का समर्थन करते हैं।

शोधकर्ताओं ने चूहों में सामान्य शरीर के तापमान और यीस्ट-प्रेरित पाइरेक्सिया (फीवर) पर सहदेवी के प्रभाव का मूल्यांकन किया। परिणामस्वरूप 250 और 500 मिलीग्राम/किलोग्राम शरीर के वजन की खुराक देने पर मोडल चूहों के शरीर के तापमान में कमी पाई गई। इसके अलावां यह पाया गया की खुराक जितनी अधिक होगी, प्रभाव उतना अधिक होगा। दिलचस्प बात यह है कि अधिक खुराक (500 मिलीग्राम/किग्रा) पर सहदेवी का ज्वरनाशक प्रभाव आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली बुखार की दवा पेरासिटामोल के बराबर था।5

धूम्रपान छोड़ने में सहदेवी का उपयोग

धूम्रपान छोड़ने के इच्छुक लोगों के लिए सहदेवी का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। एक अध्ययन के द्वारा धूम्रपान छोड़ने में सहदेवी के प्रभाव का परीक्षण किया गया। अध्ययन के लिए चयन किया गए 121लोगों में से 111 लोगों ने इसमें भाग लिया। 111 लोगों के इस एक समूह को दो समूहों में वर्गीकृत किया गया। धूम्रपान छोड़ने के लिए 54 लोगों के एक समूह को सहदेवी का सेवन कराया गया और 57 लोगों के दूसरे समूह को प्लेसबो दिया गया।12 सप्ताह तक चले इस परीक्षण में यह पाया गया की प्लेसबो लेने वाले समूह की तुलना में सहदेवी लेने वाले लोगों में धूम्रपान छोड़ने की संभावना दोगुनी थी।6

मधुमेह विरोधी गतिविधि

सहदेवी में मधुमेह विरोधी गतिविधि देखी जा सकती हैं क्योकि यह चयापचय (Metabolism) में सुधार करके इंसुलिन स्तर में सुधार करने की क्षमता प्रदर्शित कर सकता है, जिससे ब्लड शुगर स्तर में सुधार हो सकता है।

सहदेवी के अर्क का आहार-प्रेरित मोटापे वाले चूहों पर हुए अध्ययन से प्राप्त नतीजे सकारात्मक देखे गए। चूहों को 12 सप्ताह तक उच्च वसा वाला आहार दिया गया, और उसके पश्चात 6 सप्ताह तक कुछ चूहों को 250 और 500 मिलीग्राम/किग्रा की खुराक पर सहदेवी अर्क के साथ इलाज किया गया। उपचार के 6 सप्ताह के बाद, उनमें उच्च रक्त शर्करा, इंसुलिन और लिपिड स्तर को काफी कमी पाई गई।और अर्क ने उनमें लाभकारी एडिपोनेक्टिन को भी बढ़ाया, सूजन को कम किया, और प्रमुख चयापचय मार्गों को प्रभावित करके ग्लूकोज और लिपिड विनियमन में सुधार किया। इन निष्कर्षों से पता चलता है कि सहदेवी टाइप 2 मधुमेह जैसी स्थितियों के लिए एक संभावित चिकित्सीय एजेंट हो सकता है। लेकिन इंसानों पर इसके प्रभाव के विषय पर अभी अधिक शोध की जरूरत है।7

किडनी के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी

सहदेवी का उपयोगी किडनी के स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए किया जा सकता है। अध्ययनों से पता चलता है की सहदेवी में सूजन-रोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो किडनी को नुकसान पहुंचाने और रोग बढ़ने में योगदान देने वाले हानिकारक मुक्त कणों और अन्य हानिकारक कारकों से बचाने में मदत कर सकते हैं।

इसके अतिरिक्त शोध से पता चलता है कि सहदेवी के अर्क में क्षतिग्रस्त किडनी की कोशिकाओं के उपचार और पुनर्जनन को बढ़ावा देने की क्षमता है, जो संभावित रूप से विभिन्न किडनी की चोटों से उबरने में सहायता कर सकता है।8

सहदेवी के नुकसान

हमारे स्वास्थ्य पर सहदेवी के नुकसान व साइड इफेक्ट्स ना के बराबर देखने को मिलता है। लेकिन इसका अधिक उपयोग करेने से मुँह और गले का सुखना व उच्च रक्तचाप जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं।

हालाँकि व्यक्तिओं के स्वास्थ्य पर सहदेवी के फायदे और नुकसान से सम्बन्धित विषयों पर अभी विस्तृत शोध होना आवश्यक है, इसलिए इसके उपयोग करने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श करने की आवश्यकता है।9

निष्कर्ष

सहदेवी का पौधा हमारे आसपास आसानी से मिल जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम Vernonia cinerea (Linn.) Less. (वर्नोनिया साइनैरिया) है जो पौधों की Asteraceae (ऐस्टरेसी) परिवार से सम्बन्धित है।

सहदेवी में सूजनरोधी, एंटीऑक्सीडेंट जैसे कई अन्य औषधीय गुण पाए जाते हैं जिसके कारण इसके उपयोग से हमारे स्वास्थ्य पर कई सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है। सहदेवी के फायदों में कैंसर रोधी, बुखार रोधी, किडनी और मधुमेह की समस्याओं से राहत आदि शामिल है।

हालाँकि सहदेवी के उपयोग से नुकसान कम ही देखने को मिलता है लेकिन नुकसान की संभावना को पूरी तरह से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसलिए इसके उपयोग से पहले किसी विशेषज्ञ से जरूर परामर्श करें।

संदर्भ

  1. Dogra, Nittya K, and Suresh Kumar. “A review on ethno-medicinal uses and pharmacology of Vernonia cinerea Less.Natural product research vol. 29,12 (2015): 1102-17. doi:10.1080/14786419.2014.981814 ↩︎
  2. Ketsuwan, Nitinet et al. “Antioxidant compounds and activities of the stem, flower, and leaf extracts of the anti-smoking Thai medicinal plant: Vernonia cinerea Less.Drug design, development and therapy vol. 11 383-391. 13 Feb. 2017, doi:10.2147/DDDT.S126882 ↩︎
  3. Sonibare, Mubo A et al. “Antioxidant and antimicrobial activities of solvent fractions of Vernonia cinerea (L.) Less leaf extract.African health sciences vol. 16,2 (2016): 629-39. doi:10.4314/ahs.v16i2.34 ↩︎
  4. Pakpisutkul, Jidapa et al. “The Effects of Vernonia cinerea Less Extracts on Antioxidant Gene Expression in Colorectal Cancer Cells.Asian Pacific journal of cancer prevention : APJCP vol. 23,11 3923-3930. 1 Nov. 2022, doi:10.31557/APJCP.2022.23.11.3923 ↩︎
  5. Gupta, Malaya et al. “Evaluation of antipyretic potential of Vernonia cinerea extract in rats.Phytotherapy research : PTR vol. 17,7 (2003): 804-6. doi:10.1002/ptr.1230 ↩︎
  6. Lertsinudom, Sunee et al. “Vernonia cinerea pastilles is effective for smoking cessation.Journal of traditional and complementary medicine vol. 11,2 90-94. 15 Oct. 2019, doi:10.1016/j.jtcme.2019.09.006 ↩︎
  7. Naowaboot, Jarinyaporn et al. “Vernonia cinerea water extract improves insulin resistance in high-fat diet-induced obese mice.Nutrition research (New York, N.Y.) vol. 56 (2018): 51-60. doi:10.1016/j.nutres.2018.04.020 ↩︎
  8. Theja, D. Divya, and S. Nirmala. “A review of Vernonia cinerea L. ethno-medicinal uses and pharmacology shows that it could be a useful plant for medical purposes.Intelligent Pharmacy (2023). ↩︎
  9. Latha, L Yoga et al. “Toxicity study of Vernonia cinerea.Pharmaceutical biology vol. 48,1 (2010): 101-4. doi:10.3109/13880200903046203 ↩︎

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