मुख्य 7 पपीता खाने के फायदे और नुकसान की संभावनाएं

पपीते में मौजूद पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट गुण हमारे स्वास्थ्य पर कई प्रकार के लाभ प्रदान कर सकता है। लेकिन पपीता खाने के नुकसान की आशंकाएं भी बनी रहती है। चलिए विस्तार से जाने पपीता खाने के फायदे और नुकसान

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Anshika Sharma

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आसानी से उपलब्ध पपीता (Papita) के पौधे के प्रत्येक भाग को एक औषधि के रूप में उपयोग किया जा सकता है। इसके जड़, पत्ते, फल आदि का उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य फायदों को लेने के लिए किया जाता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से पपीता के फायदे इसमें पाए जाने वाले विटामिन, खनिज, एंटीऑक्सीडेंट गुण पर निर्भर करते हैं जो कई बिमारियों को दूर रखने में मदत कर सकतें हैं।

हालाँकि अधिकतर लोगों को पपीता का फल खाना बहुत पसंद होता है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनको इसका स्वाद बिलकुल भी नहीं भाता है। लेकिन पपीता खाने के स्वास्थ्य लाभों को जानने के बाद इसकी पूरी उमींद है की पपीता के प्रति आपकी पसंद और नापसंद में धोड़ा बदलाव आये।

इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से हम पपीता खाने के फायदे (Papaya Benefits) और कुछ संभावित नुकसान की विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगें।

यह भी जाने:- पपीता के पत्तों के फायदे और नुकसान

पपीता के फल में मौजूद पोषक तत्व

100 ग्राम पपीता के फल में मौजूद पोषक तत्व:-

कैलोरी43 kcalविटामिन ए47 µg
वसा0.26 gप्रोटीन0.47 g
सोडियम8 mgविटामिन सी60.9 mg
कार्बोहाइड्रेट10.8  gपोटेशियम182 mg
फाइबर1.7 gफोलेट37 µg
सुगर7.82 gविटामिन-k2.6 µg

इन पोषक तत्वों के अलावां पपीते में फेनोलिक्स, फ्लेवोनोइड्स एल्कलॉइड्स और लाइकोपीन जिसे कैरोटीनॉयड भी कहा जाता है पाए जाते हैं जो पपीता को एंटीऑक्सिडेंट, जीवाणुरोधी, कैंसर विरोधी, सूजन विरोधी, आदि गुण प्रदान करते हैं।1

पपीते के बीजों में भी कई प्रकार के फ्लेवोनोइड्स पाए जाते हैं। इसके बीज में लिपिडिक फाइटोकेमिकल्स और ओलिक एसिड जैसे महत्वपूर्ण फैटी एसिड भी पाए जाते हैं।

पपीता खाने के फायदे 

महत्वपूर्ण विटामिन, खनिज, और विभिन्न गुणों के कारण हमारे स्वास्थ्य पर पपीता फल को खाने के कई फायदे देखने को मिल सकते हैं। हालाँकि पूरी तरह से पका हुआ पपीता के फल को सिर्फ धोने मात्र की मेहनत करके हम सीधा ही खा सकते हैं, लेकिन इसका कच्चा फल को बिना पकाये खाना नुकसानदायक को सकता। (मुख्य रूप से गर्भवती महिलाओं के लिए)

एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर

पपीता में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट जैसे कैरोटीनॉयड और फ्लेवोनॉयड्स आदि विभिन्न शारीरिक रोगों को दूर करने में कारगर हो सकते हैं, यानी शारीरिक रोग प्रिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं।

मुक्त कण ऑक्सीडेटिव तनाव को बढ़ाते हैं जिसके कारण कई बीमारियां उजागर हो सकती हैं जिसमें श्वसन, पाचन, एल्ज़िमर, हृदय संबधी रोग आदि होने का खतरा बढ़ता है। क्योकि पपीता में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट मुक्त कणों के प्रभाव को कम करते हैं, इसलिए यकृत रोग, अल्जाइमर, उम्र बढ़ने, हृदय रोग और कैंसर जैसी स्थितियों में फायदेमंद हो सकता है।2

पाचन क्रिया बेहतर

पपीता पाचन समस्याओं जैसे कब्ज, सूजन और IBS में फायदा करने के लिए जाना जाता है इसके पीछे का मुख्य कारण पपीता में पाए जाने वाले उच्य जल समग्री, फाइबर और पपेन नामक एंजाइम हो सकता है।3

पपेन एंजाइम पाचन क्रिया को बेहतर करता है क्योंकि यह प्रोटीन की छोटी इकाइयों, जैसे कि पेप्टाइड्स और आमिनो एसिड्स को तोड़ने में मदत करता है जिससे शरीर में प्रोटीन और आवश्यक पोषक तत्व आसानी से अवशोषित हो जातें हैं।

शारीरिक प्रतिरक्षा प्रणाली बढ़ने में मदत

पपीता में विटामिन और खनिज का एक अच्छा श्रोत होता है, इसमें विटामिन A, विटामिन C और कई प्रकार के खनिज पाए जाते हैं जो हमारे प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनता है।

जिस कारण से वायरल इन्फेक्शन जैसे शर्दी, खशी, जुखाम आसानी से नहीं होते हैं और चोट लगने पर घाव आसानी से और जल्दी भर जाता है।

हृदय स्वास्थ्य में सुधार 

हृदय स्वास्थ्य के लिए पपीता का सेवन फायदेमंद हो सकता है क्योकि इसमें उच्य विटामिन C, फाइबर, पोटेशियम और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। यह पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट अच्छे एचडीएल कोलेस्ट्रॉल की कार्य कुशलता को बढ़ाते हैं, ऑक्सीडेटिव तनाव से हृदय के जोखिमों को कम करते हैं और ह्रदय की मांसपेशियों को स्वास्थ्य रखने में मदत करते हैं जिससे ह्रदय के स्वास्थ्य में बढ़ोतरी होती है।4

मधुमेह में फायदेमद

पपीता मधुमेह के मरीजों को राहत प्रदान कर सकता है क्योकि पपीते में उच्च मात्रा में फाइबर होता है जो पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदत करता है। और इसके बीज में ओलिक एसिड जैसे मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड होता है जो खराब LDL कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में मदत करते हैं और अच्छे कोलेस्ट्रॉल की कार्य छमता को बढ़ने का कार्य करते हैं।   

पपीते पत्ते के अर्क में भी मधुमेह से लड़ने के गुण पाए जाते हैं। इसलिए मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति को पपीता, इसके बीज और पत्तों का सेवन फायदेमंद हो सकता है।5

त्वचा के स्वस्थ के लिए फायदेमंद

पपीता का उपयोग त्वचा के लिए फायदेमंद हो सकता हैं, यह दाग धब्बे, झुर्रियां और झाइयां हटाने आदि त्वचा संबधी समस्याओं के लिए उपयोगी हो सकता है क्योकि पपीता में विटामिन सी और लाइकोपीन पाए जाते हैं। इसलिए पपीता पेस्ट को त्वचा पर लगाने से इसके गुण उम्र बढ़ने के साथ आने वाले झुर्रियों को कम कर सकते हैं और साथ ही त्वचा पर अन्य दाग धब्बे हटा सकते हैं।

इसके अलावां पपीता घाव और संक्रमण को भरने में भी उपयोगी हो सकता है क्योकि पपीते में प्रोटीयोलाइटिक एंजाइम काइमोपैपेन और पपेन जैसे योगिक पाए जाते हैं जो पपीता को एक मलहम जैसा उपयोगी बना देते हैं।

कैंसर रोधी गुण

पपीते में पाए जाने वाले विस्तृत विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट गुण  मुक्त कण से होने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव और कोशिका की क्षति को रोकने में मदद करते हैं, जो कैंसर पैदा करने वाले यौगिकों का निर्माण कर सकते हैं।

इसके अतिरिक्त कुछ शोध इस और इसरा करते हैं की पपीते में लइकोपिन पाया जाता है जो कैंसर कोशिकाओं को रोकने में मदत कर सकता है या कैंसर के खतरे को कम कर सकता है।6

पपीता खाने के नुकसान और सावधानियां

हमारे स्वास्थ्य पर पपीता खाने के फायदे कई देखने को मिल सकते हैं, लेकिन सेहत पर पपीता के नुकसान की भी संभावनाएं हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ लोगों के लिए पपीता के सेवन में अधिक सावधानी बरतने की जरूरत भी होती है  होती है ताकी अधिक नुकसान से बचा जा सके।

एलर्जी:-  पपीते से कई लोगों को एलेर्जी हो सकती है मुख्य रूप से जिन लोगों को लेटेक्स एलर्जी की शिकायत होती है, क्योकि पपीते में पाए जाने वाला चिटानेज़ एंजाइम क्रॉस-रिएक्टिविटी का कारण बनता है। जिस कारण से खुजली, चहरे, जीभ, गले आदि में सूजन भी हो सकती है।

पपेन के दुष्प्रभाव:- पपीते में पाए पपेन एंजाइम  पाया जाता है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है जिसमें अस्थमा और श्वसन समस्याएं प्रमुख हैं। इसके अतिरिक्त यह एंजाइम किसी अन्य बीमारी के दौरान ली जाने वाली दवाई के साथ रिएक्शन भी कर सकता है। इसलिए किसी स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित व्यक्ति को दवाई सेवन के दौरान पपीता के प्रयोग से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

पेट संबधी परेशानियां:- पपीते के बीज यह बहुत अधिक पपीता का सेवन दस्त, पेट में दर्द का कारण बन सकता है इसलिए सावधानी बरतें।

कच्चे पपीते का सेवन अधिक हानिकारक हो सकता है इसलिए गर्भवती और स्तनपान करने वाली महिलाओं को पपीते के सेवन से परहेज करना चाहिए।

निष्कर्ष

पपीता (Papita) का पौधा आसानी से उपलब्ध हो जाता है। इसके पौधे के हर एक भाग को विभिन्न शारीरिक लाभों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। पपीता फल के सेवन से कई प्रकार के स्वास्थ्य सम्बन्धी फायदे देखने को मिल सकता है, चाहे इसका सेवन किसी भी महध्यम से किया जाये जैसे पपीता का जूस, पपीता रस आदि। हमारे स्वास्थ्य पर पपीता खाने के फायदे जैसे पाचन, त्वचा, ह्रदय के लिए फायदेमंद है। मधुमेह के रोगियों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है।

पपीता खाने के नुकसान की भी कुछ संभावनाएं बनी रहती है जैसे इसके सेवन से एलर्जी हो सकती है, इसके बीज पाचन समस्याएं पैदा कर सकते हैं, गर्भवती या स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं और किसी अन्य बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को इसके इस्तेमाल में सावधानी भी बरतनी जरूरी है।

संदर्भ

  1. Sharma, Ashutosh, et al. “Phytochemistry, pharmacological activities, nanoparticle fabrication, commercial products and waste utilization of Carica papaya L.: A comprehensive review.” Current Research in Biotechnology 2 (2020): 145-160. ↩︎
  2. Kong, Yew Rong, et al. “Beneficial role of Carica papaya extracts and phytochemicals on oxidative stress and related diseases: A mini review.Biology 10.4 (2021): 287. ↩︎
  3. Muss, Claus et al. “Papaya preparation (Caricol®) in digestive disorders.Neuro endocrinology letters vol. 34,1 (2013): 38-46. ↩︎
  4. Amin, Ali H. “Ameliorative effects of Carica papaya extracts against type II diabetes-induced myocardial pathology and dysfunction in albino rats.Environmental science and pollution research international vol. 28,41 (2021): 58232-58240. doi:10.1007/s11356-021-14843-0 ↩︎
  5. Nyakundi, Benard B, and Jinzeng Yang. “Uses of Papaya Leaf and Seaweed Supplementations for Controlling Glucose Homeostasis in Diabetes.International journal of molecular sciences vol. 24,7 6846. 6 Apr. 2023, doi:10.3390/ijms24076846 ↩︎
  6. Haber, Rebecca A et al. “Papaya (Carica papaya L.) for cancer prevention: Progress and promise.Critical reviews in food science and nutrition vol. 63,30 (2023): 10499-10519. doi:10.1080/10408398.2022.2079607 ↩︎

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