वर्तमान समय में, यौन स्वास्थ्य लोगों के बीच एक प्रमुख चिंता का विषय बन गया है। भागदौड़ भरी जिंदगी, तनाव, चिंता, गलत खानपान, और अस्वास्थ्यकर जीवनशैली के कारण यौन स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। परिणामस्वरूप, पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन की कमी, वीर्य की गुणवत्ता में गिरावट, और यौन इच्छा में कमी जैसी समस्याएं देखने को मिल रही हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सालम पंजा यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है?
सालम पंजा (Dactylorhiza hatagirea) एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है, जो अपने स्वास्थ्यवर्धक गुणों के लिए जाना जाता है। इसमें कई महत्वपूर्ण फाइटोकेमिकल्स और पोषक तत्व पाए जाते हैं, जैसे एल्ब्यूमिन, इंडोल एल्कलॉइड, फेनोलिक्स, सैपोनिन, विटामिन, और खनिज आदि। ये यौगिक सालम पंजा को एक प्रभावी जड़ी-बूटी बनाते हैं, क्योंकि यह एंटीऑक्सीडेंट, सूजन रोधी, जीवाणुरोधी, मधुमेह रोधी, और कैंसर रोधी जैसे गुण प्रदर्शित करते हैं।1
यहां यौन स्वास्थ्य पर सालम पंजा के प्रभावों के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी।
पुरुषों के यौन स्वास्थ्य के लिए सालम पंजा के फायदे
यूनानी और आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा यौन से जुडी विभिन्न समस्याओं के निदान के लिए सदियों से सालम पंजा का उपयोग किया जाता रहा है।
हालाँकि यौन स्वास्थ्य पर सालम पंजा के फायदों से जुड़े शोध आधारित साक्ष्य सिमित हैं और अधिक शोध की आवश्यकता महसूस होती है। लेकिन, उपलब्ध अध्ययनों में यौन समस्याओं को दूर करने के लिए सालम पंजा के इस्तेमाल को लेकर सकारात्मक पहलुओं को उजागर किया गया है।2
एनाबॉलिक प्रभाव प्रदर्शित करता है।
सालम पंजा एनाबॉलिक प्रभाव (Anabolic Effect) उत्पन्न कर सकता है। एनाबॉलिक प्रभाव का तात्पर्य उन शारीरिक प्रक्रियाओं से है जो शरीर में ऊतकों के निर्माण और वृद्धि को प्रोत्साहित करती हैं। यह प्रभाव विशेष रूप से मांसपेशियों की वृद्धि और मरम्मत में महत्वपूर्ण होता है।
सालम पंजा के एनाबॉलिक प्रभाव के कारण प्रजनन अंगों का वजन बढ़ सकता है जिससे यौन प्रदर्शन में सुधार देखा जा सकता है।3
सालम पंजा टेस्टोस्टेरोन स्तर को बढ़ा सकता है।
सालम पंजा टेस्टोस्टेरोन स्तर को प्राकृतिक रूप से बढ़ाने में सहायक मानी जाती है। सालम पंजा में प्राकृतिक घटक होते हैं जो शरीर में हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में सहायक होते हैं, विशेष रूप से टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में।
टेस्टोस्टेरोन एक प्रमुख पुरुष हार्मोन है, जो मांसपेशियों की वृद्धि, यौन क्षमता, प्रजनन स्वास्थ्य और यौन इच्छा को प्रभावित करता है। यह हार्मोन महिलाओं के लिए भी जरूरी है, क्योंकि यह उनमें ऊर्जा और यौन स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद करता है।4
यौन आकर्षण और प्रदर्शन में सुधार कर सकता है।
सालम पंजा विरोधी लिंग के प्रति आकर्षण को बढ़ा सकता है, यौन इक्छा की कमी को दूर कर सकता है, और यौन प्रदर्शन को बढ़ा सकता है।
अध्ययन में पाया गया कि सालम पंजा के अर्क से उपचारित चूहों में मादा चूहों के प्रति आकर्षण और यौन क्रियाओं में वृद्धि देखी गई। इसके अलावा, उन्होंने यौन क्रिया शुरू करने में कम समय लिया और हर क्रिया के बीच का समय भी घट गया। उनकी यौन क्रियाओं की आवृत्ति भी बढ़ी, यानी उन्होंने अधिक बार यौन क्रियाओं में हिस्सा लिया।5
पुरुषों में शुक्राणु की संख्या और गुणवत्ता में कमी उनमें नपुंसकता का कारण बन सकता है।
सालम पंजा शुक्राणु की संख्या में वृद्धि कर सकता है, साथ ही वीर्य में फ्रुक्टोज की मात्रा को भी बढ़ा सकता है। वीर्य में मौजूद फ्रुक्टोज शुक्राणु को ऊर्जा प्रदान करता है। इसकी मात्रा कम होने से पुरुष प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है।67
मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों में अक्सर शुक्राणुओं की संख्या में कमी पाई जाती है। लेकिन मधुमेह से पीड़ित चूहों पर हुए अध्ययन में यह पाया गया की सालम पंजा के अर्क ने उनके रक्त शर्करा के स्तर को समान्य किया साथ ही उनके शुक्राणुओं की संख्या और seminal fructose (सेमिनल फ्रुक्टोज) के स्तर को भी सामान्य कर दिया।8
ध्यान दें: पुरुष यौन स्वास्थ्य पर सालम पंजा के फायदे संबंधी शोध सिमित हैं, और उपलब्ध अधिकंश शोध पशुओं पर किये गए हैं। इसलिए मनुष्यों पर इसके प्रभाव के सटीक परिणामों के लिए अधिक और विस्तृत शोध की आवस्यकता है।
निष्कर्ष
सदियों से सालम पंजा का उपयोग यौन स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के निदान के लिए होता आया है। चूहों पर किए गए शोध भी इसके यौन समस्याओं के उपचार में प्रभावी होने का संकेत देते हैं। हालाँकि, सीमित शोध के कारण सटीक निष्कर्षों के लिए अधिक अध्ययन की आवश्यकता है।
संदर्भ
- Sharma, Subhash, et al. “A comprehensive review on the phytochemistry, pharmacological properties, and in vitro propagation of an endemic medicinal orchid, Dactylorhiza hatagirea.” Naunyn-Schmiedeberg’s Archives of Pharmacology 397.5 (2024): 2621-2635. ↩︎
- Thakur, Mayank, and V K Dixit. “Aphrodisiac Activity of Dactylorhiza hatagirea (D.Don) Soo in Male Albino Rats.” Evidence-based complementary and alternative medicine : eCAM vol. 4,Suppl 1 (2007): 29-31. doi:10.1093/ecam/nem111 ↩︎
- Pratap, Singh Akhand, and Singh Rajender. “Potent natural aphrodisiacs for the management of erectile dysfunction and male sexual debilities.” Frontiers in Bioscience 4 (2012): 167-180. ↩︎
- Pant, Shreekar, and Tsewang Rinchen. “Dactylorhiza hatagirea: A high value medicinal orchid.” Journal of medicinal plants research 6.19 (2012): 3522-3524. ↩︎
- Sumalatha, K., S. A. Kumar, and S. Mohana Lakshmi. “Review on natural aphrodisiac potentials to treat sexual dysfunction.” Int J Pharm Ther 1.1 (2010): 6-14. ↩︎
- Thakur, M et al. “Improvement of penile erection, sperm count and seminal fructose levels in vivo and nitric oxide release in vitro by ayurvedic herbs.” Andrologia vol. 43,4 (2011): 273-7. doi:10.1111/j.1439-0272.2010.01068.x ↩︎
- Raju, G., and V. Rajitha. “Antifertility effect of Dactylorhiza hatagirea (D. Don) Soo. root extract using Cyclophosphamide induced male albino rats.” NVEO-NATURAL VOLATILES & ESSENTIAL OILS Journal| NVEO (2021): 5246-5250. ↩︎
- Thakur, M., S. Bhargava, and V. K. Dixit. “Evaluation of antioxidant activity and ameliorative effect of Dactylorhiza hatagirea on sexual dysfunction in hyperglycemic male rats.” Planta Medica 74.09 (2008): PA313. ↩︎