केसर (Saffron) का उपयोग ना केवल स्वाद, रंग और गंध के लिए किया जाता है बल्कि विभिन्न स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए भी इसका उपयोग सदियों से होता आया है। केसर पर हुए कई शोधों में यह पाया गया है की इसमें विभिन्न महत्वपूर्ण सक्रिय योगिक होते हैं जो इसे एंटीऑक्सीडेंट, एन्टीइन्फ्लैमटोरी, और कैंसर रोधी जैसी कई औषधीय गुण प्रदान करते हैं।
हालाँकि केसर अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है जिसके सही उपयोग से कई फायदे भी मिल सकते हैं। लेकिन महिलाओं और पुरुषों के शरीर में हार्मोनल संतुलन, चयापचय (metabolism), और शारीरिक संरचना में कई अंतर होते हैं। इसलिए विशेष रूप से महिलाओं के लिए केसर के फायदे और नुकसान को जानना महत्वपूर्ण है।
यहाँ आपको महिलाओं के लिए केसर के फायदे और नुकसान से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने का मौका मिलेगा।
महिलाओं के लिए केसर के फायदे
केसर में विभिन्न औषधीय गुण होते हैं, जो इसमें मौजूद सक्रिय यौगिकों पर निर्भर करते हैं। इसलिए, यह महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए कई तरीकों से फायदेमंद हो सकता है।
1. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) महिलाओं में होने वाला एक हार्मोनल विकार है जो आमतौर पर प्रजनन आयु की महिलाओं में पाया जाता है। इसमें अनियमित पीरियड्स, अत्यधिक बालों का बढ़ना (हिर्सुटिज़्म), मुंहासे, वजन बढ़ना, और प्रजनन संबंधी समस्याएं जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।
केसर पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के लक्षणों को कम करने में मदत कर सकता है।
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से पीड़ित मादा चूहों पर हुए अध्ययन में पाया गया की जिन मादा चूहों को केसर के अर्क और केसर में पाए जाने वाले प्राकृतिक योगिक एंथोसाइनिन दिया गया उनमें प्रजनन से जुड़े हार्मोन, जैसे ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन, टेस्टोस्टेरोन और एस्ट्रोजेन का स्तर सामान्य हो गया। साथ ही, फॉलिकल स्टिम्युलेटिंग हार्मोन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर सामान्य हो गए। एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि बढ़ी जिसके कारण ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन संबंधी मार्कर्स में सुधार हुआ।
यह परिणाम दर्शाते हैं कि केसर के अर्क और एंथोसाइनिन अंडाशय में हार्मोन के असंतुलन, एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम और सूजन-संबंधी कारकों में सुधार करके PCOS के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं।1
ध्यान दें: संबंधित शोध पशु आधारित है और PCOS के लक्षणों पर केसर के प्रभाव के साक्ष्य भी सीमित हैं। इसलिए, सटीक और विश्वसनीय परिणामों के लिए और अधिक व्यापक शोध की आवश्यकता है।
2. प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS)
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (Premenstrual syndrome) महिलाओं में मासिक धर्म से पहले होने वाली एक स्थिति है जिसमें महिलाएं विभिन्न लक्षणों को अनुभव करती है जैसे पेट में ऐंठन या दर्द, सिरदर्द, स्तनों में संवेदनशीलता, थकान या ऊर्जा की कमी, सूजन या वजन बढ़ना, चिड़चिड़ापन, उदासी या अवसाद आदि।
सिमित शोधों में यह पाया गया है की केसर प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के लक्षणो को कम करने में मदत कर सकता है।
PMS के लक्षणों से पीड़ित 20-45 साल की महिलाओं पर एक अध्ययन में, उन्हें प्रतिदिन 30 मिलीग्राम (15 मिलीग्राम दिन में दो बार) केसर के कैप्सूल 6 महीने तक दिए गए। परिणामस्वरूप, पाया गया कि केसर PMS के लक्षणों से राहत देने में प्रभावी था।2
एक अन्य अध्ययन में 78 महिलाओं को शामिल किया गया, जिनकी उम्र 18 से 35 वर्ष थी। उन्हें प्रतिदिन 30 मिलीग्राम केसर के कैप्सूल दिए गए। अध्ययन के परिणाम बताते हैं कि केसर PMS के लक्षणों की गंभीरता को कम करने में प्रभावी है।3
3. रजोनिवृत्ति से जुड़े लक्षण
रजोनिवृत्ति (Menopause) महिलाओं में होने वाली उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें उनके प्रजनन काल का अंत होता है और मासिक धर्म आना बंद हो जाता है। यह आमतौर पर 45 से 55 वर्ष की उम्र में होता है।
मेनोपॉज़ के दौरान, महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव आते हैं, जो विभिन्न शारीरिक और भावनात्मक लक्षणों का कारण बन सकते हैं।
- गर्मी के झोंके (Hot flashes)
- योनि में सूखापन
- वजन बढ़ना
- चिड़चिड़ापन
- अवसाद
- मूड स्विंग्स
- थकान
मेनोपॉज़ की प्रक्रिया कुछ समय पहले शुरू होती है, जिसे पेरिमेनोपॉज़ (Perimenopause) कहा जाता है। इसके बाद की अवधि को पोस्ट-मेनोपॉज़ (Post-Menopause) कहा जाता है। इन परिस्थितियों में भी महिलाएं विभिन्न लक्षणों का अनुभव कर सकती हैं।
एक अध्ययन में 60 महिलाओं को शामिल किया गया, जिनमें से 56 महिलाओं ने परीक्षण पूरा किया। उन्हें 6 सप्ताह के लिए या तो केसर (30 मिग्रा/दिन) या प्लेसीबो दिया गया। नतीजों में यह पाया गया की रजोनिवृत्ति के बाद महिलाएं जिन्होंने केसर का सेवन किया था उनमें गर्मी के झोंके (Hot flashes) और अवसाद के लक्षणों में कमी आई।4
पेरिमेनोपॉज़ल के लक्षणों को अनुभव करने वाली 86 महिलाओं को प्रतिदिन दो पर 14 मिग्रा केसर अर्क दिया गया। 12-सप्ताह बाद नतीजों का मूल्यांकन करने के बाद यह पाया गया की केसर ने मूड और मानसिक लक्षणों में सुधार किया। 33% चिंता और 32% अवसाद में कमी आई। हालाँकि अन्य लक्षणों विशेष सुधार देखने को नहीं मिला।5
ध्यान दें: रजोनिवृत्ति से जुड़े लक्षणों को कम करने में केसर के प्रभावों को समझने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।
4. यौन कार्यक्षमता
यौन कार्यक्षमता में कमी (Sexual Dysfunction) एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को यौन गतिविधियों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसमें शामिल हैं: यौन इच्छा की कमी, यौन उत्तेजना की कमी, यौन क्रिया के दौरान संतोष की कमी, और दर्द या असुविधा का अनुभव करना। यौन कार्यक्षमता में कमी पुरुषों और महिलाओं दोनों में देखी जा सकती है।
केसर महिलाओं में यौन कार्यक्षमता में कमी को दूर करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
एक अध्ययन में 18 से 55 वर्ष की विवाहित महिलाओं को 15 मिग्रा केसर कैप्सूल्स दिन में दो बार दिया गया। मरीजों का हर 2 सप्ताह में मूल्यांकन किया गया और उपचार 6 सप्ताह तक चला। नतीजों के आंकलन के बाद यह पाया गया की केसर महिला यौन कार्यक्षमता में कमी को सुधारने के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प हो सकता है।6
5. अन्य फायदे
महिला प्रजनन प्रणाली: अध्ययनों में पाया गया है कि केसर और इसमें मौजूद सक्रिय योगिक महिला प्रजनन प्रणाली में सेक्स हार्मोन, अंडोत्सर्जन (Ovulation), और ऑक्सीडेटिव तनाव से अंडाशय और गर्भाशय की सुरक्षा में सहायक हैं।7
एंटीऑक्सीडेंट और सूजन रोधी गुण: केसर में कई सक्रिय यौगिक पाए जाते हैं, जो हानिकारक मुक्त कणों के प्रभाव को कम करके विभिन्न स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने में मदद कर सकते हैं।
कैंसर रोधी गुण: केसर कैंसर के इलाज में सहायक हो सकता है। एक अध्ययन में यह पाया गया है की केसर अंडाशय के कैंसर (Ovarian Cancer ) के उपचार में सहायक हो सकता है।8
मानसिक स्वास्थ्य: अध्ययनों में पाया गया है कि केसर चिंता, अवसाद, और बेचैनी को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।910
महिलाओं के लिए केसर के नुकसान
महिलाओं के लिए केसर के नुकसान से जुड़े साक्ष्यों और शोध का आभाव है। हालाँकि सही उपयोग से किसी प्रकार के दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिलता है। लेकिन अधिक खुराक से कुछ संभावित नुकसान देखने को मिल सकते है, जिसमें शामिल है:
- चक्कर आना
- सिरदर्द
- उल्टी
- एलर्जी प्रतिक्रियाएं
सिमित अध्ययन में यह पाया गया है की गर्भावस्था में उच्च मात्रा में केसर का सेवन गर्भपात का खतरा बढ़ा सकता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को अधिक मात्रा में केसर का उपयोग करने से बचना चाहिए।1112
ध्यान दें: महिलाओं को केसर के उपयोग और खुराक को निर्धारित करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
केसर एक महत्वपूर्ण औषधीय जड़ी-बूटी है, जिसका उपयोग सदियों से विभिन्न स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए किया जाता रहा है। महिलाओं के लिए केसर के कई फायदे हो सकते हैं, जिनमें मानसिक और यौन स्वास्थ्य से संबंधित लाभ भी शामिल हैं।
हालाँकि केसर का उपयोग आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है, लेकिन इसकी अधिक मात्रा से कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं। विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं के लिए अधिक खुराक गर्भपात का कारण बन सकती है। इसलिए महिलाओं के लिए यह उचित होगा की चिकित्सक के परामर्श पर ही केसर का सेवन करें।
संदर्भ
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- Kashani, Ladan et al. “Efficacy of Crocus sativus (saffron) in treatment of major depressive disorder associated with post-menopausal hot flashes: a double-blind, randomized, placebo-controlled trial.” Archives of gynecology and obstetrics vol. 297,3 (2018): 717-724. doi:10.1007/s00404-018-4655-2 ↩︎
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- Kashani, Ladan et al. “Crocus sativus (saffron) in the treatment of female sexual dysfunction: a three-center, double-blind, randomized, and placebo-controlled clinical trial.” Avicenna journal of phytomedicine vol. 12,3 (2022): 257-268. doi:10.22038/AJP.2022.19714 ↩︎
- Hasheminasab, Fatemeh Sadat et al. “Therapeutic effects of saffron (Crocus sativus L) on female reproductive system disorders: A systematic review.” Phytotherapy research : PTR vol. 38,6 (2024): 2832-2846. doi:10.1002/ptr.8186 ↩︎
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