अगर आप उन लोगों में से हैं जो अपने सेहत को लेकर बहुत सजग रहते हैं, तो सेहत सम्बन्धी अपराजिता के फायदे के बारे में आपने जरूर सुना होगा या जानते होंगें।
हालाँकि अपराजिता का पौधा सेहत सम्बन्धी कई लाभ प्रदान करने के लिए विख्यात है लेकिन पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व के लिए भी जाना जाता है, जिसका जिक्र आयुर्वेद और अन्य कई ग्रंथों में हजारों सालों पहले ही किया गया जा चूका है। लेकिन वर्तमान के आधुनिक अध्ययनों ने भी इसकी एंटीऑक्सीडेंट गुणों और स्वस्थ लाभों को प्रमाणित किया है।
तो चलिए इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से अपराजिता के फायदे और नुकसान से लेकर इसकी पोषक महत्त्व और उपयोग के बारे में विस्तार पूर्वक समझते हैं। ताकि आप अपराजिता से सम्पूर्ण सेहत सम्बन्धी लाभ उठा सकें।
अपराजिता संछिप्त परिचय
अपराजिता जिसे नीलकंठ, इंग्लिश में बटरफ्लाई पिया (Butterfly Pea) के नाम से जाना जाता है, और इसका वानस्पतिक नाम “Clitoria ternatea” है। अपराजिता के फूल देखने में गाय के कान के समान दिखाई देता है, इसलिए इसे “गोकर्ण फूल” के नाम से भी कहा जाता है। आमतौर पर अपराजिता के फूल 2 से 3 इंच के आसपास होता है जो नीले, गुलाबी, पीले, या सफेद रंग के हो सकते हैं।
औषधीय गुणों से भर-पूर अपराजिता का पौधा ज्यादातर गर्मीयों के मौसम में उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है, और सामान्यत: 1-3 फुट तक की ऊंचाई का हो सकता है, लेकिन इसका प्रत्येक भाग बहुत गुणकारी और फायदेमंद होता है जिसमे इसके जड़, पत्ती और फूल शामिल है। जिनका जिक्र निचे किया गया है यानि अपराजिता फूल के फायदे के साथ जड़ और पत्तों के फायदों का जिक्र भी निम्नलिखित दिया गया है।
अपराजिता के फायदे
अपराजिता का पौधा कई गुणकारी पोषक तत्वों से भरभूर होता है जिसका हर भाग का इस्तेमाल कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। अपराजिता के फायदे1 निम्नलिखित दर्शाये गए हैं:-
एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लैमेटरी:- अपराजिता में कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लैमेटरी योगिक पाए जाते हैं2, जिनका जिक्र निम्नलिखित किया गया है।
- तर्नाटिन (Ternatin):- यह अपराजिता में पाए जाने वाले बायोएक्टिव यौगिकों के समूह का एक एंथोसायनिन योगिक है। और कई अध्यनों में यह पाया गया है की तर्नाटिन योगिक सूजन को कम कर सकता है3 और कैंसर कोशिका वृद्धि को रोक सकता है।
- कैम्फेरोल (Kaempferol):- कैम्फेरॉल एक प्राकृतिक फ्लेवोनॉयड कंपाउंड है,4 जो एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों के लिए जाना जाता है। कई अध्यनो में पाया गया है की यह कैंसर कोशिकाओं को मार सकता है और हृदय स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, और मधुमेह जैसी समस्याओं में फायदेमंद है।
- क्वर्सेटिन (Quercetin):- अपराजिता में पाए जाने वाला यह एक प्रमुख एंटीऑक्सीडेंट है जो आंतरिक और बाहरी कैरियों के खिलाफ लड़ता है। जो हाइपरग्लेसेमिया, सूजन, और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं में मदत करता है।
इसके अतिरिक्त माइरिकेटिन (Myricetin), पी-कौमरिक एसिड (P-coumaric acid), डेल्फ़िनिडिन-3 (delphinidin-3), और 5-ग्लूकोसाइड (5-glucoside) आदि जैसे कई एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो विभिन्न सेहत से जुड़े फायदों के लिए जाने जाते हैं।
इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है:- इसमें मौजूद विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट और अन्य योगिक इम्यून सिस्टम को मजबूत करके रोग प्रतिरोध में मदद कर सकतें हैं।
पाचन को बेहतर करता है:- अपराजिता मेटाबोलिज़म हो बेहतर करके पाचन क्रिया में सुधार करता है, जो पेट संबंधित समस्याओं को दूर करने में सहायक हो सकता है।
रक्तचाप का प्रबंधन:- कुछ अध्ययनों में पाया गया की अपराजिता का सेवन रक्तचाप को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है। जिससे ह्रदय स्वास्थ भी बेहतर बना रहता है।
त्वचा रोगों के उपचार में सहायक:- अपराजिता के फूल, जड़, और पत्तों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट संबंधित सामग्री के कारण, अपराजिता का सेवन त्वचा रोगों के उपचार में मदद कर सकता है, जैसे कि कई त्वचा एलर्जी, ल्यूकोडर्मा, लेप्रोसी, और हीमिक्रेनिया, आदि।
दमा का इलाज में कारगर:- अपराजिता के पोषक तत्व दमा जैसी श्वसन समस्याओं को कम करने में मदद कर सकते हैं।
कैंसर के खतरे को कम कर सकता है:- कुछ अध्ययनों में पाया गया की इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और अन्य योगिक कैंसर की संभावनाओं को कम करने में भी मदद कर सकते हैं।
रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर कर सकता है:- अपराजिता में मौजूद खनिज और विटामिन्स, खून के शर्करा स्तर को संतुलित रखने में मदद कर सकते हैं। इसमें मौजूद गुड़मार, मॉगनीशियम, और विटामिन सी का सेवन, खून के शर्करा को नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है, जो मधुमेह के प्रबंधन में सहायक हो सकता है।
बालों के मजबूतीकरण और झड़ने का रोकथाम:- इसमें मौजूद फ्लेवोनोइड्स बालों को मजबूती देने और बालों की झड़ने को रोकने में मदद कर सकता है।
दर्द निवारण में लाभकारी:- अपराजिता में पाए जाने वाले एंटी-इन्फ्लैमेटरी गुण दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त अपराजिता के फायदे अन्य कई हो सकते हैं जैसे तनाव में कमी, चिंता प्रबंधन, नींद में सुधार आदि। अपराजिता के फायदों में से यहाँ कुछ महत्वपूर्ण फायदों का ही जिक्र किया गया है और अधिक जानकारी लिए आप किसी विशेषज्ञ से परामर्श कर सकते हैं।
अपराजिता के नुकसान
अपराजिता के नुकसान सेहत पर ना के बराबर देखने को मिलता है अगर इसका सेवन संतुलित मात्रा में किया जाये। लेकिन कुछ संभावित अपराजिता के नुकसान देखने को मिल सकते हैं जो अक्सर अधिक और अव्यवस्थित तरीके से सेवन के कारण उत्त्पन होते हैं।
- एलर्जी
- मतली
- पेट दर्द
- दस्त
- अपच
- बदहजमी
हालाँकि अपराजिता के इन साइड इफ़ेक्ट पर पर्याप्त शोध का आभाव है।
अगर आपको किसी प्रकार की सेहत सम्बन्धी समस्या से जूझ रहे हैं या दवा ले रहे हैं तो अपराजिता के उपयोग करेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
अपराजिता का उपयोग कैसे करें?
अपराजिता पत्तियों को सूखा लें या सुखी हुई पत्तियां लेकर और उन्हें पाउडर बना लें और एक चमम्च गर्म दूध में डाल कर रोजाना लिया जा सकता है।
अपराजिता की जड़ के फायदे लेने के लिए इसके जड़ का उपयोग काढ़ा बनाने के लिए किया जा सकता है। अपराजिता की जड़ को लेकर अच्छे से धो लें और गर्म पानी में कुछ मिनट उबाल लें और इसका सेवन करें।
अपराजिता के फूल की चाय बना कर भी इसका सेवन किया जा सकता है जिसे “नीली चाय” भी कहा जाता है इसको बनाने के लिए बस 1 कप गर्म पानी में 1 चम्मच सूखे फूल मिलाएं और उबाल लें जिसके बाद इसे किसी बर्तन में छान लें और सेवन करें।
ध्यान देने वाली बात यह है की अपराजिता का प्रयोग करने से पहले किसी विशेषज्ञ से परामर्श जरूर करें क्योकि अपराजिता के नुकसान भी देखने को मिल सकते हैं जिनका जिक्र हमने ऊपर किया है।
निष्कर्ष
अपराजिता, जो गर्मीयों के मौसम में उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है, इसमें कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लैमेटरी गुण पाए जाते हैं। इसलिए अपराजिता के फायदे कई देखने को मिलता है जैसे यह इम्युनिटी बढ़ाता है, त्वचा सम्बन्धी समस्याओं में फायदेमंद है, पाचन बेहतर करता है आदि।
हालाँकि अपराजिता के नुकसान कम ही देखने को मिलता है लेकिन इसके संभावित नुकसान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है जैसे एलर्जी, पेट सम्बन्धी समस्याएं आदि।
अपराजिता का उपयोग करने के लिए इसके फूल और जड़ का इस्तेमाल काढ़ा या चाय के रूप में क्या जा सकता है, लेकिन अपराजित का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से अवश्य परामर्श करें।
संदर्भ
- Jeyaraj, Ethel Jeyaseela, Yau Yan Lim, and Wee Sim Choo. “Extraction methods of butterfly pea (Clitoria ternatea) flower and biological activities of its phytochemicals.” Journal of food science and technology 58.6 (2021): 2054-2067. ↩︎
- Zingare, Manju Lata, et al. “Clitoria ternatea (Aparajita): A review of the antioxidant, antidiabetic and hepatoprotective potentials.” Int J Pharm Biol Sci 3.1 (2013): 203-213. ↩︎
- Nair, Vimal, et al. “Protective role of ternatin anthocyanins and quercetin glycosides from butterfly pea (Clitoria ternatea Leguminosae) blue flower petals against lipopolysaccharide (LPS)-induced inflammation in macrophage cells.” Journal of Agricultural and Food Chemistry 63.28 (2015): 6355-6365. ↩︎
- Imran, Muhammad, et al. “Kaempferol: A key emphasis to its anticancer potential.” Molecules 24.12 (2019): 2277. ↩︎