टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल के फायदे और नुकसान के बारे में जानने की आपकी उत्सुकता यह साबित करती है की आप अपने शारीरिक स्वास्थ को लेकर चिंतित हैं और टेस्टोस्टेरोन स्तर बढ़ने के बारे में सोच रहें है और टेस्टोस्टेरोन स्तर बढ़ने के लिए अन्य विकल्पों की तलाश कर रहें हैं।
क्योंकि यह विषय आपके सेहत से जुड़ा हुआ है इसलिए टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल के फायदों के बारे में विस्तार से जानने से पहले टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल की संछिप्त परिचय और भूमिका जानना बेहद जरूरी है। इसके अतरिक्त हम टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल के नुकसान और उपयोग, सावधानी को लेकर विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएंगे।
टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल क्या होता है ?
जैसा की आप जानते हैं की टेस्टोस्टेरोन एक महत्वपूर्ण हार्मोन है जो मानसिक, शारीरिक और बौद्धिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह मुख्य रूप से पुरुषों के विकास से जुड़ा है, लेकिन महिलाओं में भी टेस्टोस्टेरोन की थोड़ी मात्रा होती है।
किसी भी वजह से टेस्टोस्टेरोन स्तर में कमी के कारण कई शारीरिक परेशानियाँ उत्त्पन होती हैं। इसलिए टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल, टेस्टोस्टेरोन बूस्टर के तौर पर उपलब्ध कराये जाते हैं, ताकि शरीर में तेजी से टेस्टोस्टेरोन स्तर को बढ़ाया जा सके। इस प्रक्रिया को टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के तौर पर जाना जाता है। दरअसल टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल फार्मास्युटिकल उत्पाद हैं जो शरीर के प्राकृतिक टेस्टोस्टेरोन उत्पादन के सहायक या प्रतिस्थापित करने के लिए डिज़ाइन किए गए होते हैं।
इन कैप्सूलों में सिंथेटिक या बायोआइडेंटिकल टेस्टोस्टेरोन होता है, और इन्हें आम तौर पर हाइपोगोनाडिज्म से पीड़ित यानि कम टेस्टोस्टेरोन स्तर वाले व्यक्तियों को दिया जाता है।
जाने:- टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने के प्राकृतिक तरीके
कैसे टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल अन्य टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी से कैसे भिन्न हैं?
टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल, टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के अन्य रूपों जैसे इंजेक्शन, जैल और पैच के समान ही टेस्टोस्टेरोन स्तर को पूरा करने के उदेश्यों को पूरा करता है, लेकिन यह वितरण और अवशोषण की अपनी विधि में अन्य से भिन्न होता है। जिसका जिक्र निम्नलिखित किया गया है कि टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल अन्य टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी से कैसे भिन्न हैं:-
डिलीवरी विधि:- टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल मौखिक रूप से लिया जाता है, आमतौर पर डॉक्टर के द्वारा दिन में एक या दो बार लेने की सलाह दी जाती है। इसके विपरीत, टेस्टोस्टेरोन इंजेक्शन में हार्मोन को सीधे मांसपेशियों में इंजेक्ट किया जाता है, टेस्टोस्टेरोन जैल को त्वचा पर पर लगाया जाता है।
अवशोषण दर:- विभिन्न टेस्टोस्टेरोन थेरेपी में शरीर के द्वारा टेस्टोस्टेरोन को अवशोषित करने की दर भी विभिन्न भिन्न हो सकती है। टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल पाचन तंत्र के माध्यम से अवशोषित होते हैं, जिस वजह से इंजेक्शन की तुलना में शरीर में टेस्टोस्टेरोन अवशोषित होने की रफ़्तार भी धीमी हो सकती है।
सुविधा:- कुछ व्यक्तियों को इंजेक्शन या जेल की तुलना में टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल का उपयोग अधिक सुविधाजनक लग सकता है, खासकर यदि वे इंजेक्शन से असहज हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के विभिन्न रूपों के लिए आपकी व्यक्तिगत पसंद भिन्न-भिन्न हो सकती हैं। कुछ व्यक्तियों को एक रूप दूसरों की तुलना में अधिक प्रभावी या उनकी आवश्यकताओं के लिए उपयुक्त लग सकता है। इसके बावजूद डॉक्टर के द्वारा आपके लिए जो रिप्लेसमेंट थेरेपी कारगर लग सकती है उसको लेकिन की सिफारिस कर सकता है।
जाने:- पुरुषों के स्वास्थ्य में टेस्टोस्टेरोन की भूमिका
टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल के फायदे
टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने की मेडिसिन का उपयोग अक्सर कम टेस्टोस्टेरोन स्तर को नियंत्रित करने के लिए करते हैं, और टेस्टोस्टेरोन का संतुलित स्तर कई तरह के शारीरिक लाभ प्रदान कर सकता है। तो चलिए टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल के फायदे के बारे में विस्तार से समझते हैं:-
मांसपेशियों के निर्माण में मदद कर सकता है:- टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल के सेवन से शरीर में टेस्टोस्टेरोन स्तर बढ़ता है जिससे मांसपेशियों की वृद्धि और ताकत को बढ़ावा देने में मदत मिलती है1। क्योकि टेस्टोस्टेरोन मांसपेशी प्रोटीन के उत्पादन को बढ़ता है और अधिक शारीरिक गतिविधि के दौरान मांसपेशियों के टूटने की दर कम होती है।
यौन स्वास्थ्य को बढ़ा सकता है:- टेस्टोस्टेरोन पुरुषों और महिलाओं दोनों में यौन इच्छा (कामेच्छा) और यौन क्रिया को बरक़रार रखने में मदत कर सकता है2। यह यौन उत्तेजनाओं के लिए मस्तिष्क के रिसेप्टर्स को प्रभावित करके और जननांग ऊतकों की संवेदनशीलता को बढ़ाकर कामेच्छा को बढ़ा सकता है3।
मूड के स्वास्थ में सुधर कर सकता है:- कम टेस्टोस्टेरोन का स्तर अवसाद, चिड़चिड़ापन और मूड में बदलाव के लक्षणों को बढ़ा सकता है। और टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल के सेवन से शरीर में टेस्टोस्टेरोन स्तर में सुधार होता है जिससे मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर सिस्टम को प्रभावित करता है4, और भावनात्मक कल्याण को बढ़ावा मिल सकता है।
टेस्टोस्टेरोन ऊर्जा को बढ़ावा दे सकता है:- टेस्टोस्टेरोन बढ़ी हुई ऊर्जा और बढ़ी हुई जीवन शक्ति का कारण हो सकता है। यह थकान से निपटने और ऊर्जा स्तर में सुधार करने में मदद कर सकता है5।
टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल के फायदे में सेहतमंद त्वचा, हड्डियों में मजबूती, मस्तिष्क की कार्य छमता में सुधार,यादास्त में सुधार, आदि भी देखने को मिल सकता है। हालाँकि आपको यहाँ बताये गए फायदों के अतरिक्त भी कई फायदों का अनुभव हो सकता है, यहाँ केवल कुछ महत्वपूर्ण फायदों का ही जिक्र किया गया है। इसके अतिरिक्त टेस्टोस्टेरोन थेरेपी के प्रति व्यक्तिगत प्रतिक्रियाएँ अलग-अलग हो सकती हैं।
टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल के नुकसान
निम्नलिखित कुछ प्रमुख टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल के नुकसान दिए गए हैं6:-
हार्मोनल संतुलन को प्रभावित कर सकता हैं:- टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल, जब सही ढंग से उपयोग नहीं किया जाता है या अनुचित तरीके से अधिक उपयोग किया जाता है, तो शरीर में हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जिससे कई प्रकार की शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। लम्बे समय तक टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल का इस्तेमाल करने से, टेस्टोस्टेरोन का प्राकृतिक उत्पादन भी प्रभावित हो सकता है।
हृदय स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव हो सकता है:- टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल का सेवन हृदय स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकता है क्योकि इसके कारण शरीर में बहुत अधिक लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण हो सकता है जिससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ सकता है।
टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल प्रोस्टेट के आकर हो बढ़ा सकता है:- टेस्टोस्टेरोन बूस्टर या टेस्टोस्टेरोन टेबलेट्स का सेवन करने से प्रोस्टेट बढ़ सकता है, जिससे पेशाब करने में कठिनाई और दर्द हो सकता है। और अगर आप पहले से ही किसी प्रकार के प्रोस्टेट समस्या से पीड़ित हैं तो टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल इस समस्या हो ओर अधिक बढ़ा सकता है। इसलिए टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने की मेडिसिन लेने से पहले प्रोस्टेट परीक्षण अत्यंत आवश्यक है।
लीवर और किडनी बुरा असर डाल सकता है:- टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने की मेडिसिन, खासकर टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल लीवर और किडनी सम्बन्धी परेशानियाँ उत्पन्न कर सकता है। क्योकि टेस्टोस्टेरोन का चयापचय यकृत द्वारा होता है और गुर्दे के माध्यम से उत्सर्जित होता है। टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल की उच्च खुराक, संभावित रूप से इन अंगों पर दबाव डाल सकती है।
मनोदशा में परिवर्तन या आक्रामकता पैदा कर सकता है:- हालाँकि टेस्टोस्टेरोन बेहतर मूड और मानसिक स्वास्थ्य के लिए जाना जाता है, लेकिन टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल की अधिक उपयोग मूड में बदलाव, चिड़चिड़ापन और, कुछ मामलों में, आक्रामकता बढ़ा सकता है। ये भावनात्मक परिवर्तन तब अधिक होने की संभावना होती है जब टेस्टोस्टेरोन का स्तर सामान्य सीमा से काफी अधिक बढ़ जाता है।
इसके अतिरिक्त टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल के नुकसान में कुछ अन्य नुकसान7 जैसे मुंहासा, पेट की ख़राबी, दस्त, स्तन ऊतक वृद्धि आदि भी देखने को मिल सकता है। यहाँ केवल कुछ महत्वपूर्ण टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल के नुकसान के बारे में बताया गया है।
टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल किन्हें लेना चाहिए?
हाइपोगोनाडिज्म की स्थिति गुजरने वाले व्यक्ति:- समान्य तौर पर टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल या टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी लेने की सलाह उन व्यक्तियों को दी जाती है जिनमें टेस्टोस्टेरोन का स्तर बहुत कम हो जाता है, इस स्थिति को हाइपोगोनाडिज्म के रूप में जाना जाता है।जिससे थकान, मांसपेशियों में कमी, कम कामेच्छा और मूड में बदलाव जैसे लक्षणों का अनुभव करते हैं।
ट्रांसजेंडर व्यक्ति जिन्हें लिंग परिवर्तन की इच्छा हो:- वे लोग जिन्होंने अपना लिंग परिवर्तन कराया हो या इच्छा रखते हो वे अपने डॉक्टर के द्वारा निर्धारित टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल का उपयोग कर सकते हैं।
एण्ड्रोजन की कमी वाली महिलाएं:- कुछ महिलाओं में एण्ड्रोजन की कमी हो सकती है जैसे कम ऊर्जा, कम यौन इच्छा और मूड में गड़बड़ी, आदि, जिस कारण से डॉक्टर उन्हें टेस्टोस्टेरोन थेरेपी करने की सलाह दे सकता है।
कुछ चिकित्सीय स्थितियाँ:- कुछ चिकित्सीय स्थितियों में, जैसे कि कुछ प्रकार के स्तन कैंसर या ऑस्टियोपोरोसिस, में टेस्टोस्टेरोन थेरेपी का उपयोग किया जाता है।
ध्यान रखे की किसी भी प्रकार की टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने की दवा, टेबलेट्स, टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल का उपयोग करने से पहले डॉक्टर जैसे एंडोक्रिनोलॉजिस्ट या मूत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें, क्योकि टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल आपके शरीर बुरे प्रभाव भी डाल सकता है।
एक विशेषज्ञ आपकी शारीरिक, मानशिक जाँच के बाद ही टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल लेने की सलाह देगा, और यह भी सुनिश्चित करेगा की आपको कितना टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल लेने की जरूरत है और इससे होने वाले जोखिमों की निगरानी भी रखेगा इसलिए डॉक्टर की सलाह से ही टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल का उपयोग करें।
निष्कर्ष
हमने विस्तार पूर्वक जाना की टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल सिंथेटिक या बायोआइडेंटिकल टेस्टोस्टेरोन होता है जो टेस्टोस्टेरोन के निम्न स्तर से बचने के लिए तैयार किये जाते हैं। यह भी जाना की टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल के फायदे क्या हो सकते हैं, जिसमें मांसपेशियों में सुधार, यौन स्वास्थ्य, मनोदशा और ऊर्जा स्तर सुधार आदि शामिल हैं।
हालाँकि, टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल के नुकसान को भी अनदेखा नहीं किया जा सकता है जिसमें हार्मोनल असंतुलन और हृदय संबंधी चिंताएँ जैसे जोखिम भी होते हैं। और यह भी देखा की किन लोगों को टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल लेने की जरूरत होती है।
हालाँकि महत्वपूर्ण बात यह है की टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल डॉक्टर की सलाह से ही लेना चाहिए, क्योकि इससे होने वाले नुकसान के बारे में हम जानते ही हैं।
संदर्भ
- Griggs, ROBERT C., et al. “Effect of testosterone on muscle mass and muscle protein synthesis.” Journal of Applied Physiology 66.1 (1989): 498-503. ↩︎
- Almaiman, Amer Abdulrahman. “Effect of testosterone boosters on body functions: Case report.” International Journal of Health Sciences 12.2 (2018): 86. ↩︎
- Rizk, Paul J., et al. “Testosterone therapy improves erectile function and libido in hypogonadal men.” Current opinion in urology 27.6 (2017): 511. ↩︎
- Resnick, Susan M., et al. “Testosterone treatment and cognitive function in older men with low testosterone and age-associated memory impairment.” Jama 317.7 (2017): 717-727. ↩︎
- Clemesha, Chase G., Hatim Thaker, and Mary K. Samplaski. “‘Testosterone boosting’supplements composition and claims are not supported by the academic literature.” The World Journal of Men’s Health 38.1 (2020): 115-122. ↩︎
- What side effects may I notice from receiving this medication? ↩︎
- Risks of Testosterone Therapy ↩︎