बीते कुछ समय में लोगों का ध्यान कला गेहूं के तरफ केंद्रित हुआ है ऐसा इसके अनोखे गहरे रंग के कारण हो सकता है लेकिन इसके पीछे एक मुख्य कारण कला गेहूं के फायदे और नुकसान भी हो सकता है।
गेहूं घास (ग्रामीनी) परिवार का अनाज है लेकिन दुनिया भर में प्रमुख खाद्य पदार्थों में से एक है और मुख्य भोजन के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। 2019 में प्रकाशित एफएओ की रिपोर्ट के मुताबिक विश्व में गेहूं उत्पादन की मात्रा लगभग 765.7 मिलियन टन है।
हालाँकि स्वस्थ को मद्देनजर रखते हुए ही कला गेहूं का विकास राष्ट्रीय कृषि-खाद्य जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (NABI) के द्वारा किया गया। इसमें एक प्रजनन परियोजना के तहत, जापान से प्राप्त गेहूं प्रजाति (EC866732) को एक उच्च पैदावार और रोग संरोधक गेहूं प्रजाति PBW621 के साथ क्रॉसब्रीडिंग करके कला गेहूं पौधों का विकास किया गया है।
काले गेहूं की अन्य दो किस्में बैंगनी और नीला गेहूं होती हैं। एग्रोपाइरोन गुणसूत्र (Agropyron Chromosome) की अधिकता होने के कारण इसका रंग नीला हो जाता है। लेकिन रंगीन गेहूं में एंथोसायनिन से भरपूर में पाया जाता है जो एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट होता है। इसलिए सेहत सम्बन्धी कला गेहूं के फायदे अनेक देखने को मिल सकते हैं जिसकी चर्चा आगे हम विस्तार से करेंगें।
कला गेहूं और समान्य गेहूं के बीच अंतर
रंग:- जैसा नाम से ही प्रतीत होता है, काले गेहूं में गहरे काले या गहरे बैंगनी रंग के दाने होते हैं, जो इसे एक अनोखा और आकर्षक रूप देते हैं। और वही सामान्य गेहूं में आमतौर पर हल्के पीले या हल्के भूरे रंग के दाने होते हैं।
पोषक समाग्री:- काला गेहूं अपनी उच्च पोषण सामग्री के लिए जाना जाता है, जिसमें एंटीऑक्सिडेंट, फाइबर, विटामिन आयरन और जिंक जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। सामान्य गेहूं भी पौष्टिक होता है लेकिन आम तौर पर इसमें काले गेहूं की तुलना में एंटीऑक्सीडेंट और खनिजों का स्तर कम होता है।
स्वाद:- काले गेहूं का स्वाद अधिक मजबूत, पौष्टिक होता है, और वहीँ सामान्य गेहूं में हल्का और अधिक तटस्थ स्वाद होता है।
उपलब्धता:- समान्य गेहूं आसानी से उपलब्ध होता है जबकि कला गेहूं आसानी से उपलब्ध नहीं हो सकता है और इसका दाम में भी समान्य गेहूं की तुलना में अधिक हो सकता है।
कला गेहूं के फायदे
समान्य गेहूं की तुलना में कला गेहूं में पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट अधिक मात्रा में पाया जाता है इसलिए कला गेहूं के फायदे अधिक देखने को मिल सकता है चलिए विस्तार से समझते हैं:-
विभिन्न पोषक तत्वों से भरपूर:- कला गेहूं पोषक तत्वों से भरपूर होता है1, इसमें प्राकृतिक रूप में एंथोसायनिन (40-140 ppm) पाया जाता है जो एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी होता है, इसके अतिरिक्त इसमें कार्बोहाइड्रेट (62.10%) क्रूड प्रोटीन (20.50%), आहार फाइबर (2.40%), विटामिन और खनिजों भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। – [कला गेहूं के पोषक तत्व सम्बन्धी शोध2]
- काले गेहूं में पाए जाना वाले विटामिन:- इसमें विटामिन बी1, बी2, बी3, बी5, बी6 और बी9, विटामिन ई, और विटामिन K की अधिकता पाए जाती है।
- काले गेहूं में पाए जाने खनिज:- लोहा, मैग्नीशियम, तांबा, सेलेनियम, मैंगनीज, जिंक, कैल्शियम, सेलेनियम, आयरन, कॉपर, पोटेशियम, और कॉपर आदि पाए जाते हैं।
इसके अतिरिक्त इसमें अमीनो एसिड और फोलिक एसिड पाए जाते हैं और यह ग्लूटेन-मुक्त भी होता है जो एलर्जी के खतरे को भी कम करता है। इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन, खनिज, उच्य फाइबर जो कला गेहूं के फायदे को और अधिक बढ़ा देता है, चलिए विस्तार से समझते हैं।
हृदय स्वास्थ्य में सुधार:- कला गेहूं हृदय-स्वस्थ में फायदा पंहुचा सकता है। इसमें फाइबर, ग्लिसरॉल, असंतृप्त फैटी एसिड्स और इसमें पाए जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट जैसे एंथोसायनिन शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को सामान्य बनाए रखने में मदद करते हैं, जिससे ह्रदय के स्वास्थ को बनाये रखने में मदत हो सकती है। इसके अतरिक्त उच्य रक्तचाप, स्ट्रोक और अन्य ह्रदय सम्बन्धी समस्याओं में यह फायदेमंद साबित हो सकता है।3
कब्ज की समस्या से राहत:- काले गेहूं में मौजूद उच्य फाइबर पेट सम्बन्धी दिक्क्तों में काफी फायदेमंद हो सकता है। फाइबर मल को पतला और मुलायम करता है जिससे मल त्यागने में आसानी होती है इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा की कला गेहूं कब्ज की समस्या से राहत दे सकता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार:- काले गेहूं में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं जो मनुष्यों में बीमारियाँ पैदा करने वाले बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ने में मदत करता हैं और हमें रोगों से लड़ने में मदत करता है, इसलिए कला गेहूं हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार कर सकता है।4
मधुमेह प्रबंधन में सहायता:- काला गेहूं मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है क्योकि इसमें कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स और उच्च फाइबर सामग्री होती है जो मधुमेह प्रबंधन में सहायता कर सकता है। इसका धीमा ग्लूकोज अवशोषण रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर करने में मदद कर सकता है। एंथोसायनिन सहित एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर, यह मधुमेह से जुड़े ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन से लड़ता है।5
अल्जाइमर रोग:- एक अध्यन में यह पाया गया की काले गेहूं में पाए जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट एंथोसायनिन संज्ञानात्मक कार्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है इसलिए जो लोग अल्जाइमर रोग की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है।6
वजन घटाने में सहायता:- काला गेहूं में फाइबर की उच्य मात्रा पाई जाती है और फाइबर भूख को नियंत्रित करता है। उच्य फाइबर लेने से पेट भरा-भरा लगता है, और अधिक खाना खाने की लालसा कम लगाती है। इसके अतिरिक्त काले गेहूं में मौजूद अन्य पोषक तत्व और एंटी ऑक्सीडेंट हमारे मेटाबोलिज्म को स्ट्रांग बनाते हैं जिससे वजन नियत्रित करने में यह फायदेमंद हो सकता है।7
काले गेहूं के अन्य कई फायदे हो सकते हैं क्योकि प्रत्येक व्यक्ति की शारीरिक प्रकृति भिन्न होती है। यहाँ केवल कुछ महत्वपूर्ण लाभों का ही जिक्र किया गया है।
जानें:- काले चावल के फायदे व नुकसान
कला गेहूं का नुकसान
काले गेहूं से होने वाले नुकसान के बारे में अभी विस्तृत शोध होना बाकि है, लेकिन इसके कुछ संभावित नुकसान देखने को मिल सकता है।:-
एलर्जी:- हालाँकि कला गेहूं ग्लूटेन फ्री होता है इसलिए ग्लूटेन से सम्बन्धित एलर्जी की समस्या कम ही देखने को मिल सकती है। लेकिन कला गेहूं से अन्य एलर्जी की समस्या देखने को मिल सकती है जिससे खुजली, लालिमा आदि लक्षण देखने को मिल सकते हैं।
पेट सम्बन्धी परेशानियां:- कला गेहूं का अधिक सेवन करने से पेट सम्बन्धी दिक्क्तें देखने को मिल सकता है जिसमे दस्त, पेट दर्द आदि शामिल है।
कला गेहूं से होने वाले नुकसान के बारे में कम शोध समाग्री उपलब्ध है। ऊपर बताये नुकसान अनुभव पर आधारित हैं। इसके अतरिक्त भी अन्य कई परेशानियां आपको देखने को मिल सकती है क्यकि भिन्न व्यक्तिओं की शारीरिक प्रकृति भी भिन्न होती है। हालाँकि अधिकतर मामलों में काले गेहूं के अधिक सेवन जोखिमों को कारण बनेगा। कला गेहूं के नुकसान की संभावना में अपने डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।
निष्कर्ष
गेहूं दुनिया भर में एक प्रमुख खाद्य पदार्थ के रूप में उपयोग किया जाता है जिसकी विभिन्न किस्में हो सकती है। और उन्हीं किस्मों में से एक कला गेहूं के फायदे और नुकसान का जिक्र इस ब्लॉग पोस्ट में हमने किया।
ब्लैक गेहूं पोषक तत्वों से भरपूर होता है और इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं जिसके सेहत सम्बन्धी बहुत से फायदे हो सकते हैं जैसे ह्रदय के सेहत में फायदेमंद, मोटापा प्रबंधन, मधुमेह की समस्या में फायदेमंद आदि, जिसका जिक्र हमने विस्तार से किया।
हालाँकि काले गेहूं से होने वाले नुकसान के बारे में अभी विस्तृत शोधा होना बाकि है लेकिन इसके अधिक सेवन करने से कुछ संभावित साइड इफ़ेक्ट देखने को मिल सकते हैं। किसी भी प्रकार की सेहत सम्बन्धी परेशानी की स्थिति में अपने डॉक्टर से जरूर सम्पर्क करें।
संदर्भ
- Mahalik, Gyanranjan. “A Review on Usefulness and Nutritional Benefits of Black Wheat on Health System.” ↩︎
- Kumari, Anita, et al. “Influence of biofortified colored wheats (purple, blue, black) on physicochemical, antioxidant and sensory characteristics of chapatti (Indian flatbread).” Molecules 25.21 (2020): 5071. ↩︎
- Garg, Monika, et al. “Rising demand for healthy foods-anthocyanin biofortified colored wheat is a new research trend.” Frontiers in Nutrition 9 (2022): 878221. ↩︎
- Sharma, Natasha, et al. “Evaluation of anthocyanin content, antioxidant potential and antimicrobial activity of black, purple and blue colored wheat flour and wheat-grass juice against common human pathogens.” Molecules 25.24 (2020): 5785. ↩︎
- Liu, Yanping, et al. “Dietary black-grained wheat intake improves glycemic control and inflammatory profile in patients with type 2 diabetes: a randomized controlled trial.” Therapeutics and clinical risk management (2018): 247-256. ↩︎
- Tikhonova, Maria A., et al. “Evaluating the effects of grain of isogenic wheat lines differing in the content of anthocyanins in mouse models of neurodegenerative disorders.” Nutrients 12.12 (2020): 3877. ↩︎
- Yoon, Young, et al. “Black wheat extracts (arriheuk) regulate adipogenesis and lipolysis via adenosine monophosphate (AMP) activated protein kinase (AMPK)/sirtuin 1 (SIRT1) signaling pathways.” Foods 12.14 (2023): 2727. ↩︎