पपीता के पत्ते के फायदे और नुकसान | Papaya Leaf Benefits

पपीता और इसके पत्तों में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के कारण सेहत संबधी इसके अनेकों फायदे पाए जा सकते हैं। चलिए विशेष रूप से पपीता के पत्ते के फायदों और नुकसान की संभावनाओं के बारे में विस्तार पूर्वक समझते हैं।

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Brijesh Yadav

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पपीता (Papita – Papaya) एक उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाने और विश्व के विभिन्न भू-भाग में प्राकृतिक रूप से उगने वाला पौधा है जिसके अनेकों स्वास्थ सम्बन्धी लाभ मिल सकते हैं। हालाँकि पपीता अपने गुणकारी गुणों और स्वास्थ सम्बन्धी लाभों के लिए जाना जाता है लेकिन इसके अन्य भाग जैसे बीज, पत्तियाँ, जड़ें, फूल, छाल, और लेटेक्स के भी कई चमत्कारी फायदे होते हैं जो हमारे स्वस्थ को कई प्रकार से लाभ पंहुचा सकते हैं।

इस ब्लॉग पोस्ट में हम पपीता के पत्ते के फायदे और नुकसान से जुड़े विभिन्न पहलुओं को जानेगें ताकि हम अपने स्वास्थ्य कल्याण को बढ़ावा देने में पपीता के पत्तियों का इस्तेमाल सही तरीके से कर सकें।

पपीता के पत्ते के फायदे

औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण पपीते के पत्ते (Papaya Leaf Benefits) को शारीरिक लाभों के साथ जोड़ कर देखा जा सकता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और सूजन रोधी गुण स्वस्थ लाभ में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। तो चलिए हमारे स्वास्थ में पपीता के पत्ते के फायदे और इसके जूस पीने के फायदों के बारे में विस्तार से समझते हैं:-

1. पोषक तत्व:- पपीते की पत्तियों को पोषक तत्वों का पावरहाउस कहा जा सकता है, क्योकि इसमें सभी आवश्यक विटामिन और खनिज पाए जाते हैं, जिनमें विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन, विटामिन 12, विटामिन ई और बी आदि शामिल है। इनमें कैल्शियम, मैग्नीशियम और आयरन जैसे महत्वपूर्ण खनिज भी पाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, इसमें एंटी इन्फ्लमेट्री, कैंसर विरोधी गुण भी पाए जाते हैं जिसके कारण पपीते के पत्ते के जूस को नियमित पीने से कई प्रकार से स्वस्थ कल्याण को बढ़ावा देने में मदत मिल सकता है।1

2. प्रतिरक्षा प्रणाली समर्थन:- एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर में आने वाली बीमारियों से बचाव करने में मदत करती है। पपीता के पत्ते के जूस का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकता है, क्योकि इसमें पोषक तत्वों को साथ एंटीऑक्सीडेंट भी भरपूर स्तर में पाए जाते हैं, जो हानिकारक मुक्त कणों से लड़ने और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त पपीते के पत्तों के अर्क या चाय का नियमित सेवन भी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकता है।2

3. पाचन स्वास्थ्य:- पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए पपीता बहुत लाभकारी माना जाता है, हालाँकि इसके पत्तियों का सेवन भी पाचन में सुधार पंहुचा सकतें हैं क्योकि इनमें पपेन जैसे एंजाइम होते हैं, जो प्रोटीन के पाचन में सहायता करते हैं। ये एंजाइम पाचन समस्याओं को कम कर सकते हैं और सूजन और अपच जैसे लक्षणों को कम कर सकते हैं। इसके अतरिक्त इसमें फाइबर ही पाया जाता है जो पाचन को बेहतर कर सकता है। अपने आहार में पपीते के पत्ते के जूस, चाय, या काढ़ा पीने से आंत स्वस्थ और पाचन सुचारू हो सकता है।

4. प्लेटलेट्स स्तर में सुधार:- पपीता पत्ती के अर्क के सेवन करने से प्लेटलेट और आरबीसी स्तर में काफी सुधार देखा जा सकता है। इसका उपयोग करने से थ्रोम्बोपोइज़िस और एरिथ्रोपोइज़िस की प्रक्रिया को तेज कर सकता हैं। इसलिए पपीते के पत्ते का इस्तेमाल प्लेटलेट्स बढ़ाने की दवा के रूप में उपयोग करने की सलाह दी जा सकती है।3

5. कैंसर से लड़ने वाले गुण:- शोध से पता चलता है कि पपीते की पत्तियों में कैंसर रोधी गुण हो सकते हैं। इनमें एल्कलॉइड और फ्लेवोनोइड जैसे प्राकृतिक यौगिक होते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद में फायदेमंद शाबित हो सकते हैं।4 हालाँकि इन प्रभावों की पुष्टि के लिए अभी और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है।

6. डेंगू बुखार का प्रबंधन:- पपीते की पत्तियों का उपयोग लंबे समय से उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में डेंगू बुखार के इलाज के रूप में किया जाता रहा है। मच्छर के काटने से होने वाले इस वायरल संक्रमण में तेज बुखार और कम प्लेटलेट काउंट सहित अन्य कई गंभीर लक्षण पैदा हो सकते हैं। लेकिन पपीते की पत्ती का अर्क प्लेटलेट काउंट बढ़ाने और डेंगू के कुछ लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।5

7. मधुमेह के स्तर में सुधार:- चूहों पर हुए शोध में पता चला है की पपीता के पत्ते में मौजूद हाइपोग्लाइसेमिक और एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव ने मधुमेह से पीड़ित चूहों में लिपिड प्रोफाइल में सुधार किया और इंसुलिन के स्तर में भी सुधार हुआ। इसके अलावा, पत्ती के अर्क से लीवर और अग्न्याशय दोनों की कार्य क्षमता में सकारात्मक सुधार देखा गया। पपीते के पत्ते के जूस का नियमित सेवन करने से मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है।6

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पपीता पत्ते के जूस के नुकसान

हालाँकि पपीता के पत्ते के जूस या अर्क का इस्तेमाल करने से हम ही साइड इफ़ेक्ट देखने को मिलते है लेकिन कुछ लोगों में इसके पत्ते का सेवन से कुछ संभावित शारीरिक दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। चलिए विस्तार से जानते हैं की पपीता पत्ते या पपीता के पत्ते के जूस के नुकसान क्या हो सकते हैं:-

1. एलर्जी:- पपीते की पत्तियों से एलर्जी की प्रतिक्रिया अक्सर देखने को नहीं मिलती है लेकिन कुछ लोगों को इससे एलर्जी हो सकती है। कुछ व्यक्ति पपीते के पत्तों में पाए जाने वाले यौगिकों के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं और उन्हें खुजली, पित्ती या सूजन जैसे लक्षणों का अनुभव हो सकता है। यदि आप पहली बार पपीते की पत्तियों का सेवन कर रहे हैं, तो थोड़ी मात्रा से शुरुआत करें। यदि आपको किसी प्रकार की एलर्जी की प्रतिक्रिया का कोई संकेत दिखाई देता है, तो तुरंत उपयोग बंद कर दें।

2. पेट सम्बन्धी परेशानियां:- जबकि पपीते की पत्ती के सेवन करने से कई लोगों के पाचन में फायदा मिल सकता है, लेकिन कुछ लोगों को हल्के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल असुविधा का अनुभव हो सकता है, जैसे दस्त या पेट में ऐंठन। ये लक्षण आमतौर पर अस्थायी होते हैं और पपीते के पत्ते का कम सेवन करने से कम हो जाते हैं। यदि आप अक्सर पाचन समस्याओं से घिरे रहते हैं, तो पपीते के पत्तों को अपने आहार में शामिल सावधानी पूर्वक करें।

3. मतली व उलटी:- पपीते की पत्ती का स्वाद कुछ लोगों के लिए मतली और उलटी के लिए जिम्मेदार हो सकता है, जिससे डिहाइड्रेशन की समस्या भी हो सकती है। इसलिए इसका इस्तेमाल करने की शुरुआत धीरे-धीरे शुरू कर सकते हैं और अगर इससे फायदा नहीं होता है तो उपयोग बंद कर दें।

हालाँकि पपीते के पत्ते के नुकसान अन्य कई हो सकते हैं, यह व्यक्ति के शारीरिक स्थिति पर निर्भर करता है। इसलिए इसके इस्तेमाल से पहले या किसी प्रकार के दुष्प्रभाव देखे जाने पर बेहतर मार्गदर्शन के लिए अपने डॉक्टर से तुरंत परामर्श ले।

पपीते की पत्ती का इस्तेमाल कैसे करें?

अब जब हमने पपीता के पत्ते के फायदे और नुकसान के बारे में जान लिए है और नुकसान को लेकर सावधानियों को समझ लिया है, तो चलिए पपीते की पत्तियों का अर्क कैसे तैयार करें, पपीते की पत्तियों को अपने आहार में शामिल करने के तरीके और खुराक के बारे में विस्तार से समझ लेते हैं।

पपीते की पत्ती का अर्क कैसे तैयार करें?

  • ताज़ी पत्तियाँ इकट्ठा करें:– पपीते की ताज़ी, हरी पपीते की पत्तियों को इकठ्ठा करें और यह जरूर सुनिश्चित करें कि वे स्वच्छ और कीटनाशकों से पूरी तरह मुक्त हों।
  • अच्छी तरह धोएं:- किसी भी गंदगी या अशुद्धता को हटाने के लिए पत्तियों को साफ पानी से अच्छे तरीके से धोएं।
  • छोटे टुकड़ों में काटें:- पत्तियों को छोटे टुकड़ों में काट सकते हैं जिससे थोड़ी आसानी हो सकती है।
  • पेस्ट बनायें:- अब इन पत्तों को अच्छे से पीस लें और पेस्ट की तरह तैयार कर लें।
  • रस निकालें:- कुचली हुई पत्तियों से रस निकलने के लिए एक बारीक़ कपडे पर रख कर अच्छे से निचोड़ें ताकि उसका रास निकले लगे। रस निकलने के लिए आप छलनी का भी उपयोग कर सकते हैं।

पपीते के पत्तों को आहार में शामिल कैसे करें?

  • पपीते के पत्ते की चाय:- पपीते के पत्तों को अपनी दिनचर्या में शामिल करने का सबसे आसान तरीका है पपीते के पत्तों की चाय बनाना। ताजे या सूखे पपीते के पत्तों को गर्म पानी में डुबोएं और इसके अर्क का आनंद लें।
  • सलाद:- अनोखे और थोड़े कड़वे स्वाद के लिए आप ताजी पपीते की पत्तियों को बारीक काट सकते हैं और उन्हें सलाद में मिला सकते हैं।
  • स्मूदी:- पोषक तत्वों से भरपूर स्मूदी बनाने के लिए ताजा पपीते के पत्तों को अन्य फलों और सब्जियों के साथ मिलाएं।

निष्कर्ष

पपीता के पत्ते के फायदे और नुकसान के बारे में जानने के बाद हम इस नतीजे पर पहुंचते हैं की इसके फायदों में पाचन को बेहतर करना, डेंगु बुखार में फायदेमंद, प्लेटलेट्स बढ़ने में मदत और इम्यून बेहतर कर सकता है। हालाँकि पपीता के पत्ते के जूस के नुकसान अक्सर देखने को कम ही मिलते हैं लेकिन एलर्जी, पेट सम्बन्धी दिक्कते हो सकती है। इसलिए इसके उपयोग करने से पहले और किसी भी प्रकार के दुस्प्र्भाव देखे जाने पर अपने डॉक्टर से जरूर परामर्श करे ताकि संभावित नुकसान से बचा जा सके।

संदर्भ

  1. Ugo, Nwamarah Joy, Adesanmi Raymond Ade, and Asogwa Tochi Joy. “Nutrient composition of Carica papaya leaves extracts.Journal of Food Science and Nutrition Research 2.3 (2019): 274-282. ↩︎
  2. Sharma, Anshu, et al. “Carica papaya L. leaves: Deciphering its antioxidant bioactives, biological activities, innovative products, and safety aspects.Oxidative Medicine and Cellular Longevity 2022 (2022). ↩︎
  3. Dharmarathna, Sinhalagoda Lekamlage Chandi Asoka, et al. “Does Carica papaya leaf-extract increase the platelet count? An experimental study in a murine model.Asian Pacific Journal of Tropical Biomedicine 3.9 (2013): 720-724. ↩︎
  4. Singh, Surya P., et al. “Therapeutic application of Carica papaya leaf extract in the management of human diseases.DARU Journal of Pharmaceutical Sciences 28 (2020): 735-744. ↩︎
  5. Charan, Jaykaran, et al. “Efficacy and safety of Carica papaya leaf extract in the dengue: A systematic review and meta-analysis.International Journal of Applied and Basic Medical Research 6.4 (2016): 249. ↩︎
  6. Juárez-Rojop, Isela Esther, et al. “Hypoglycemic effect of Carica papaya leaves in streptozotocin-induced diabetic rats.BMC complementary and alternative medicine 12 (2012): 1-11. ↩︎

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