किशमिश उन सूखे मेवों में से एक है जिन्हें स्वास्थ्यवर्धक और पौष्टिक माना जाता है। किशमिश अंगूर को सूखा कर प्राप्त किया जाता है, ताकि लम्बे समय तक इसका इस्तेमाल किया जा सके। संस्कृत में शुष्क-द्राक्षा के नाम से जाना जाता है और मनुक्का भी इसका लोकप्रिय नाम है।
अंगूर के कई प्रजातियां होती हैं उन्हीं में से काले अंगूर की एक प्रजाति है और यह कई प्रकार के हो सकते हैं। काले अंगूर को स्वास्थ्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है और उसी को सूखा कर काली किशमिश (Black Raisins) प्राप्त किया जाता है।
हालाँकि, काली किशमिश स्वाद में मीठी होती है और इसमें उच्च फाइबर, विटामिन और आवश्यक खनिजों के साथ-साथ एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी जैसे औषधीय गुण भी पाए जाते हैं।
इसलिए हमारे स्वास्थ्य पर काली किशमिश के फायदे कई देखने को मिल सकते हैं ,जिसकी चर्चा हम इस पोस्ट में विस्तार से करेंगे और साथ ही उपयोग, सवधानी व नुकसान सम्बन्धी पहलुओं पर भी नजर डालेंगे।
काली किशमिश के पोषक तत्व
एक कप (145g) काली किशमिश में पाए जाने वाले महत्वपूर्ण पोषक तत्व:-
- ऊर्जा:- 434 kcal
- शर्करा (शुगर):- 94.5 g
- फाइबर:- 6.52 g
- प्रोटीन:- 4.78 g
- कार्बोहाइड्रेट:- 115 g
- कार्ब्स:- 107 g
- आयरन:- 2.6 mg
- कैल्शियम:- 89.9 mg
- विटामिन C:- 3.34 mg
काले किशमिश में अन्य विटामिन जैसे विटामिन E, विटामिन K, विटामिन B-6, B-3 B-2, B-1, भी पाए जाते हैं, साथ ही अन्य महत्वपूर्ण खनिज जैसे पोटैसियम, मगनीशियम, ज़िंक, कॉपर, भी पाए जाते हैं। हालाँकि पर्यावरण, जगह, परिस्थिति आदि का प्रभाव काले किशमिश के पोषक तत्वों में भिन्नता का कारण बन सकता है।
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काली किशमिश खाने के फायदे (Black Raisins Benefits)
पेट के लिए फायदेमंद
काली किशमिश हमारे पाचन तंत्र की कार्य क्षमता को बेहतर कर सकती है। क्योकि इसमें उच्च मात्रा में आहारीय फाइबर पाया जाता है।
उचित मात्रा में आहारीय फाइबर के सेवन करने से कब्ज से राहत मिल सकती है, मल त्यागने संबंधी परेशानियों में राहत मिल सकती है, अच्छे माइक्रोबायोटा को भी प्रोत्साहित कर सकता है। इसके अलावां आहारीय फाइबर कई गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकारों में भी लाभदायक हो सकता है।12
एनीमिया में फायदेमंद
आयरन की कमी से एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है जो थकान, कमजोरी, चक्कर आना, त्वचा का पीलापन आदि लक्षणों का कारण बनता है। काली किशमिश आयरन, विटामिन बी, फेनोलिक्स और फ्लेवोनोइड एंटीऑक्सीडेंट का एक अच्छा स्रोत है, जिसका प्राकृतिक तरीके से आयरन की कमी को दूर करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
एनीमिया से पीड़ित चूहों का 12 सप्ताह तक रोजाना काले किशमिश के अर्क से इलाज किया गया। परिणामस्वरूप जिन चूहों का इलाज काली किशमिश से किया गया, उनमें खून की कमी वाले चूहों की तुलना में पूर्ण रक्त गणना (सीबीसी) मापदंडों में महत्वपूर्ण सुधार देखा गया।
हालाँकि, यह अध्ययन एनीमिया के खिलाफ काली किशमिश के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाता है। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि यह अध्ययन पशु आधारित है। इसलिए इंसानों पर इसका असर जानने के लिए विस्तृत शोध की जरूरत है।3
हृदय जोखिम बढ़ाने वाले कारकों पर सकारात्मक प्रभाव
काली किशमिश पॉलीफेनोलिक यौगिकों से भरपूर होता है जो एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करते हैं और कोशिका क्षति को रोकने में मदद कर सकते हैं। इन यौगिकों की मौजूदगी के कारण काली किशमिश हृदय जोखिमों को बढ़ने वाले कारकों के प्रभाव को कम करने में मदत कर सकता है।
उच्च कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित 41 वर्ष की आयु के 38 लोगों को 5 सप्ताह तक प्रतिदिन 90 ग्राम काली किशमिश दी गई। 5 सप्ताह के बाद, उनमें डायस्टोलिक रक्तचाप में सुधार पाया गया, साथ ही एंटीऑक्सीडेंट क्षमता में वृद्धि हुई और मुक्त कणों के प्रभाव में कमी आई। इसलिए, काली किशमिश हृदय संबंधी जोखिमों को कम करने में उपयोगी हो सकती है, लेकिन इस पर और शोध की आवश्यकता है।4
प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए सहयोगी
काले अंगूर से बने किशमिश में विटामिन, और खनिज भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, साथ ही महत्वपूर्ण योगिक जसी एंथोसायनिन, रेस्वेराट्रॉल और पॉलीफेनोलिक भी पाए जाते हैं। जो संभवतः संक्रमण से लड़ने और मुक्त कणों के प्रभाव से ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने, प्रतिरक्षा कोशिकाओं के कार्य को बढ़ाने में मदद कर सकतें हैं। इसलिए कला किशमिश प्रतिरक्षा प्रणाली की कार्य क्षमता को बढ़ने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
काली किशमिश के अन्य फायदों की संभावनाएं
- ऊर्जा का बेहतरीन स्त्रोत माना जाता है।
- त्वचा के लिए फायदेमंद हो सकता है।
- आँखों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है।
- मस्तिष्क के कार्यछमता को बेहतरार करने की संभावनाए हैं
ध्यान दें:- काले किशमिश में कई एंटीऑक्सीडेंट यौगिक और पोषक तत्वों की एक विस्तृत श्रृंखला पाई जाती है, इसलिए इसके कई स्वास्थ्य लाभ देखने को मिल सकते हैं। यहां प्रस्तुत काली किशमिश खाने के फायदे संभावनाओं पर आधारित हैं। सटीक और स्पष्ट जानकारी के लिए अभी भी पर्याप्त शोध का अभाव है।
काली किशमिश को कैसे खाएं?
काली किशमिश की तासीर गर्म मानी जाती है इसलिए इसका सेवन सुबह के समय करना उचित नामा जाता है। अमूमन सर्दियों के मौषम में इसके उपयोग की सलाह दी जाती है। रोजाना 5 से 7 काली किशमिश का सेवन करना उचित होगा। और ऐसा माना जाता है की रात भर एक गिलास पानी में इसको भिगो कर खाने से इसके स्वास्थ्य फायदे अधिक देखने को मिल सकते हैं।
साथ ही जिस पानी में इसको भिगोया गया है उस पानी को खली पेट सुबह के समय पिने से भी स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं। कृपया सटीक जानकारी के लिए अपने आहार विशेषज्ञ (dietician) से जरूर सम्पर्क करें।
काली किशमिश के नुकसान और सावधानियां
अक्सर हमारे मन में यह सवाल उत्त्पन होता का की क्या काली किशमिश के कोई नुकसान हैं और क्या इसके सेवन में कोई सावधानी बरतनी चाहिए। अमूमन काले अंगूर के सेवन करने से किसी भी प्रकार की शारीरिक नुकसान देखने को नहीं मिलते हैं। लेकिन कुछ लोगों में इसके अधिक सेवन से मामूली पेट सम्बन्धी देखतें देखने को मिल सकती हैं जिसमें दस्त, पेट में गैस, पेट में जकड़न जैसा महसूस होना।
यदि कोई व्यक्ति रक्त संबंधी विकारों से पीड़ित है और खून पतला करने वाली दवाएं ले रहा है या किसी अन्य दवा का सेवन कर रहा है, तो कृपया इसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
निष्कर्ष
सदियों से लोग किशमिश का इस्तेमाल स्वास्थ्य लाभों को प्राप्त करने के लिए करतें आ रहें हैं। किशमिश अंगूर को सूखा कर बनाया जाता है। काली किशमिश काले अंगूर को सूखा कर बनाया जाता है, जो अधिक पौष्टिक माना जाता है।
काली किशमिश के फायदे (Kali Kishmish Ke Fayde) अनेक हो सकते हैं क्योकि यह पोषक तत्वों से समृद्ध है और इसमें एंटीऑक्सीडेंट योगिक भी पाए जाते हैं। काली किशमिश खाने के फायदों में शामिल है – यह पेट के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, हृदय जोखिमों को कम करता है, एनेमिया में फायदेमंद हो सकता है, इम्यून को बेहतर कर सकता है, अन्य कई प्रकार के फायदे देखने को मिल सकते हैं। हालाँकि इंसानों पर इसके इन लाभों की सटीक जानकारी के लिए विस्तृत शोध की आवश्यकता है।
अक्सर लोगों के मन में यह सवाल भी उत्त्पन होता है की क्या काले किशमिश के नुकसान भी हो सकते हैं। नुकसान की संभावनाएं बहुत कम होती है लेकिन अधिक सेवन से कुछ पेट से जुड़ समस्याएं देखने को मिल सकती है।
संदर्भ
- Barber, Thomas M et al. “The Health Benefits of Dietary Fibre.” Nutrients vol. 12,10 3209. 21 Oct. 2020, doi:10.3390/nu12103209 ↩︎
- Yusuf, Kafayat et al. “Health Benefits of Dietary Fiber for the Management of Inflammatory Bowel Disease.” Biomedicines vol. 10,6 1242. 26 May. 2022, doi:10.3390/biomedicines10061242 ↩︎
- Zaid, Fadia A. Abu, et al. “Black Raisins Improved Experimentally Induced Iron Deficiency Anemia. Biochemical and Histological Evidence.” Journal of Pharmaceutical Research International 33.34A (2021): 188-201. ↩︎
- Shishehbor, Farideh et al. “The effect of black seed raisin on some cardiovascular risk factors, serum malondialdehyde, and total antioxidant capacity in hyperlipidemic patients: a randomized controlled trials.” Irish journal of medical science vol. 191,1 (2022): 195-204. doi:10.1007/s11845-021-02566-7 ↩︎