सालम मिश्री: फायदे, नुकसान और सावधानियां

आयुर्वेद और अन्य चिकित्सा पद्धतियों में सालम मिश्री का विशेष महत्व है। यह अपने औषधीय गुणों और स्वास्थ्य फायदों के लिए जानी जाती है जिसका उपयोग सदियों से रोगों को दूर करने के लिए किया जाता रहा है। आइए सालम मिश्री के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से समझें।

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Brijesh Yadav

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सालम मिश्री एक औषधीय पौधा है जिसकी जड़ का उपयोग स्वास्थ्य फायदों को प्राप्त करने के लिए किया जाता है। 

सालम मिश्री का पौधा आर्किड (Orchid) परिवार समूह का सदस्य है जिसमें सालम पंजा और सालम गट्टा जैसे अन्य औषधीय पौधे भी आते हैं। सालम मिश्री का वनस्पति नाम Orchis latifolia है।

इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं इसलिए यूनानी और मिस्र की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में इसका विशेष महत्व प्राचीन समय से है। आयुर्वेद में भी सालम मिश्री का उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए किया गया है।

सालम मिश्री के फायदे

सालम मिश्री में कई सक्रिय योगिक पाए जाते हैं जैसे इसमें फेनोलिक एसिड, टैनिन, फ्लेवोनॉइड्स, कौमारिन और टर्पेनॉइड्स जैसे रासायनिक तत्व होते हैं। यह रासायनिक योगिक इसे औषधीय गुण प्रदान करते हैं।1

पुरानी चिकित्सा पद्धतियों में सालम मिश्री को वीर्यवर्धक, काम उत्तेजक, ऊर्जादायक और  तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने वाला बताया गया है।2

हालाँकि सालम मिश्री के फायदों से संबंधित वैज्ञानिक शोध सीमित हैं, इसलिए सटीक प्रमाण के लिए अधिक शोध की आवश्यकता है।

1. एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर

सालम मिश्री में मौजूद सक्रिय योगिक इसे एंटीऑक्सीडेंट गुण प्रदान करते हैं।

एंटीऑक्सीडेंट गुण हानिकारक मुक्त कणों के प्रभाव को बेअसर करते हैं जिससे ऑक्सीडेटिव तनाव का खतरा कम होता है। ऑक्सीडेटिव तनाव कोशिका क्षति का कारण बनता है जो कई गंभीर बिमारिओं को उजागर कर सकता है।

सालम मिश्री में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण कोशिका क्षति होने से रोक सकता है जिससे गंभीर बीमारियां होने का जोखिम कम हो सकता है।

2. यौन स्वास्थ्य को बढ़ने में फायदेमंद

सालम मिश्री का उपयोग सदियों से योन दोषों को दूर करने के लिए होता आया है, जैसे पुरुषों में शुक्राणु की संख्या में सुधार,  टेस्टोस्टेरोन में वृद्धि, और कामोत्तेजना की कमी को दूर करना।3

डायबिटीज मेलिटस (Diabetes mellitus) एक आम बीमारी है, जो पुरुष प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। चूहों पर हुए एक अध्ययन में पाया गया की क्योकि सालम मिश्री फाइटोस्टेरोल्स (phytosterols) से भरपूर होता है जो डायबिटीज द्वारा उत्पन्न यौन अक्षमता को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।4

एक अध्ययन में टूथैच प्लांट और सालम मिश्री के अर्क से बने सप्लीमेंट को 13 पुरुषों को 14 दिनों तक दिया गया। मिले नतीजों से यह निष्कर्ष निकला गया की यह सप्लीमेंट पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन बढ़ा सकता है।5

एक अध्ययन में मालम मिश्री और यूलोफ़िया (Eulophia ) जो की ऑर्किड परिवार की एक ही एक जड़ी-बूटी है को चूहों को दिया गया। नतीजों में यह पाया गया की यूलोफ़िया की तुलना में सालम मिश्री ने अधिक कामोत्तेजक क्षमता प्रदर्शित की।6

ये अध्ययन सालम मिश्री के यौन स्वास्थ्य संबंधी फायदों की ओर संकेत करते हैं, लेकिन सटीक परिणामों के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।

3. शारीरिक ऊर्जा बढ़ा सकता है।

परम्परिक चिकित्सा में सालम मिश्री को ऊर्जा वर्धक और कमजोरी को दूर करने वाली जड़ी बूटी के तौर पर लम्बे समय से उपयोग किया जाता रहा है।

सालम मिश्री एक ऊर्जा वर्धक जड़ी-बूटी है, जिसमें कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं। यह शरीर की ताकत और सहनशक्ति बढ़ाने में सहायक हो सकती है और शारीरिक कमजोरी को दूर करने में भी मदद कर सकती है।

4. पेट संबंधी दिक्क्तों में फायदेमंद

सालम मिश्री में फाइटोन्यूट्रिएंट्स और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं साथ ही इसमें रोगाणुरोधी गुण भी पाए जाते हैं,7 जो पेट संबंधी परेशानियों को दूर करने में मदत कर सकते हैं और पाचन तंत्र की सेहत को बनाए रखने में लाभकारी हो सकता है।

सालम मिश्री अम्लता और एसिडिटी को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकती है, जिससे पेट में जलन और सूजन कम होती है। यह अपच, पेट में गैस, और सूजन जैसी समस्याओं में राहत प्रदान कर सकती है। इसके अतिरिक्त दस्त और कब्ज को दूर करने में भी लाभकारी हो सकती है।

5. हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद

सालम मिश्री हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारकों के प्रभाव को कम करके हृदय स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदत कर सकती है।

एक अध्ययन में देखा गया की सालम मिश्री का अर्क ने उच्च रक्तचाप वाले चूहों में रक्तचाप को कम करने और रक्त वाहिकाओं के कार्य में सुधार किया। इसने उनके रक्त वसा (ट्राइग्लिसराइड्स और एलडीएल-कोलेस्ट्रॉल) को भी कम किया और वजन प्रबंधन में मदद किया। 8

संभवतः सालम मिश्री हृदय जोखिमों को बढ़ाने वाले कारकों के प्रभाव को कम करने के संकेत देता है, जिससे ह्रदय स्वास्थ्य को बढ़ाया जा सकता है। लेकिन यह शोध चूहों पर हुआ है मनुष्यों पर इसके प्रभावों की सटीक जानकारी के लिए अधिक शोध की आवश्यकता है।

सालम मिश्री के नुकसान

सालम मिश्री के नुकसान से जुड़े तथ्यों और सबूतों का अभाव है। हालाँकि, आमतौर पर इसका सेवन सुरक्षित माना जाता है। लेकिन अगर इसका अधिक या गलत खुराक में सेवन किया जाए, या इसे अपनी शारीरिक परिस्थिति के विपरीत उपयोग किया जाए, तो इसके कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।

  • मतली या उल्टी
  • एलर्जी के लक्षण जैसे त्वजा पर लालिमा, चक्क्ते, खुजली
  • पेट से जुडी परेशानियाँ जैसे दस्त, जलन, ऐंठन

ध्यान दें: चूंकि सालम मिश्री के नुकसान से संबंधित साक्ष्यों का अभाव है, इसलिए यहां बताए गए दुष्प्रभाव सामान्य हैं। प्रत्येक व्यक्ति की शारीरिक प्रकृति अलग होती है, इसलिए दुष्प्रभाव भी भिन्न हो सकते हैं।

सालम मिश्री के सेवन में क्या सावधानी बरतें?

इसके खुराक पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। अधिक सेवन दुष्प्रभाव को उजागर कर सकता इसलिए आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह करके ही खुराक निर्धारित करें।

गर्भवती महिलाओं और स्तनपान करने वाली महिलों को अपने आहार में किसी भी प्रकार का बदलाव बहुत सावधानी से करना चाहिए, इसलिए अगर आप सालम मिश्री के  सेवन के बारे में विचार कर रहें हैं तो डॉक्टर से जरूर परामर्श लें।

किसी क्रोनिक बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को बिना डॉक्टर के सलाह के सालम मिश्री का उपयोग नहीं करना चाहिए।

दवा के साथ सालम मिश्री का उपयोग करने से प्रतिक्रिया होने की अधिक संभावना है, इसलिए इसे दवा के साथ इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतें और डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें।

निष्कर्ष

सालम मिश्री औषधीय गुणों से भरपूर पौधा है इसलिए इसका उपयोग परमपरिक चिकित्सा में विभिन्न रोगों को दूर करने के लिए प्राचीन समय से ही प्रयोग किया जाता रहा है। विदेश रूप से सालम मिश्री को बल देने वाला, ऊर्जा बढ़ाने वाला, यौन स्वास्थ्य को बढ़ाने वाला, हृदय स्वास्थ्य को बेहतर करने वाला नामा जाता है।

हालाँकि सालम मिश्री के दुष्प्रभावों से जुड़े साक्ष्यों का अभाव है, फिर भी इसके दुरुपयोग से कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए इसके प्रयोग से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें।

संदर्भ

  1. Hossain, Mohammad Musharof. “Therapeutic orchids: traditional uses and recent advances—an overview.Fitoterapia 82.2 (2011): 102-140. ↩︎
  2. Anjum, A. A., K. Tabassum, and S. Ambar. “Medicinal properties and uses of Salabmisri (Orchis latifolia Linn): A literary review.J Phytopharmacol 8.1 (2019): 18-20. ↩︎
  3. Bhargava, C. S., et al. “Evaluation of androgenic and aphrodisiac activity of Orchis latifolia L. in male albino rats.Zeitschrift für Phytotherapie 30.S 01 (2009): P04. ↩︎
  4. Thakur, Mayank, and Vinod Kumar Dixit. “Ameliorative effect of fructo-oligosaccharide rich extract of Orchis latifolia linn. on sexual dysfunction in hyperglycemic male rats.Sexuality and Disability 26.1 (2008): 37-46. ↩︎
  5. Moran, Ryan G., Alex T. VonSchulze, and Richard J. Bloomer. “Impact of an herbal dietary supplement containing Spilanthes acmella and Orchis latifolia on testosterone in young men.Journal of Biology and Life Science 8.1 (2016): 28-41. ↩︎
  6. Jagdale, S. P., S. Shimpi, and D. Chachad. “Pharmacological studies of ‘Salep’.Journal of Herbal medicine and toxicology 3.1 (2009): 153-156. ↩︎
  7. Avasthi, A. S., Sabari Ghosal Sabari Ghosal, and Sharmishtha Purkayastha Sharmishtha Purkayastha. “Study of antimicrobial activity of Orchis latifolia anupama sharma avasthi, sabari ghosal and sharmishtha purkayastha.” (2013): B-638. ↩︎
  8. Aziz, Nauman et al. “Antihypertensive, antidyslipidemic and endothelial modulating activities of Orchis mascula.” Hypertension research : official journal of the Japanese Society of Hypertension vol. 32,11 (2009): 997-1003. doi:10.1038/hr.2009.148 ↩︎

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