लाजवंती का पौधा अपने संवेदनशीलता के लिए जाना जाता है यानी इसको स्पर्श करते ही इसकी पत्तियां एकदम से सिकुड़ जाती है। लाजवंती पौधे की इस प्रकृति के कारण ही इसको छुईमूई और इंग्लिश में टच मी नोट (Touch Me Not), शेमप्लांट (Shameplant) जैसे नामों से जाना जाता है।
लाजवंती का वानस्पतिक नाम मिमोसा पुडिका (Mimosa Pudica) है जो की फैबेसी (Fabaceae) परिवार से संबंधित है।
यह पौधा सामान्यतः 1-2 फीट ऊँचाई तक झाड़ियों की तरह बढ़ता है। इसके तने पतले और गोलाकार होते हैं, जिन पर कांटे लगे होते हैं।
इसकी पत्तियाँ दोहरी पिननेटल (pinnate) होती हैं, जो 10-20 जोड़े पत्तेदार भागों में विभाजित होती हैं। फूल अनेक डंठल वाले या रोएँदार होते हैं और गोलाकार आकृति बनाते हैं, जो हल्के गुलाबी या बैंगनी रंग के होते हैं।
इसकी फलियाँ फूलों के डंठल के सिरों पर गुच्छों में उगती हैं, जो आयताकार और चपटी होती हैं। प्रत्येक फली में 1-6 बीज होते हैं और फलियों की सतह पर कांटेदार बाल होते हैं।
लाजवंती का पौधा अपने औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है। आयुर्वेद में लाजवंती को अस्थमा को नियंत्रित करने, यौन इच्छा बढ़ाने वाला, दर्द को कम करने, और अवसाद (डिप्रेशन) को दूर करने वाली औषधि के रूप में वर्णित किया गया है।
पारंपरिक चिकित्सा में लाजवंती का उपयोग बालों का झड़ना या गंजापन, दस्त, आंत्र में सूजन और रक्तस्राव, अनिद्रा (insomnia), गांठें (tumors), और यूरोजेनिटल संक्रमण (urogenital infections) जैसी स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता रहा है।
लाजवंती की फायदे
लाजवंती के प्रत्येक भाग (जड़, तना, पत्तियों आदि) का प्रयोग स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए किया जाता है। इसमें कई प्रकार के रसायनिक योगिक पाए जाते हैं, जैसे कि एल्कलॉइड्स, अमीनो एसिड (विशेष रूप से माइमोसिन), फ्लेवोनोइड्स, सी-ग्लाइकोसाइड्स, स्टेरोल्स, टेरपेनोइड्स, टैनिन और फैटी एसिड।1 ये विभिन्न योगिक कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने में मदद कर सकते हैं।
1. तेजी से घाव भरने में मदत कर सकता है।
लाजवंती का उपयोग घाव को तेजी से भरने में किया जा सकता है।
चूहों पर हुए एक अध्ययन में लाजवंती के जड़ के अर्क का उपयोग इसकी घाव भरने की छमता को जांचने के लिए किया गया। परिणामों में पाया गया की लाजवंती के जड़ में फिनोल (Phenol) की उपस्थति थी, जिसने चूहों के घाव को तेजी से भरने में मदत किया।2
एक अन्य अध्ययन में लाजवंती के पत्तों के एथेनॉलिक अर्क की चूहों में कटे हुए और जलने वाले घाव भरने की क्षमता को जांचा गया। परिणामों में पाया गया कि अर्क ने घावों को भरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि लाजवंती के पत्तों में घाव भी भरने की क्षमता होती है।3
ध्यान दें: सटीक परिणामों के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।
2. अवसाद और चिंता को कम कर सकता है।
लाजवंती का उपयोग अवसाद और चिंता को कम करने के लिए लम्बें समय से किया जाता रहा है। इसे आमतौर पर चाय या ताजे पत्तों का रस बनाकर लिया जाता है।
एक अध्ययन में लाजवंती पौधे के सूखे पत्तों से बना एक अर्क, जब चूहों को दिया गया, तो उसने उन्हें अवसाद के लक्षणों से उबरने में मदद की। यह अर्क उन दवाओं के समान काम करता है जो आमतौर पर अवसाद के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाती हैं।4
3. दौरे-रोधी गुण हो सकते हैं।
लाजवंती का पौधा दौरे-रोधी गुण प्रदर्शित कर सकता है, जो मिर्गी के दौरे को कम करने में मदत कर सकता है।
अध्ययन में लाजवंती के हवा में सूखे पत्तों के पाउडर से प्राप्त मेथोनेलिक अर्क को जब चूहों को दिया गया, तो यह उनमें दौरे के लक्षणों को कम करने में प्रभावी पाया गया। अर्क की अधिक मात्रा देने से अधिक प्रभाव दिखाई दिया।5
एक अन्य अध्ययन में लाजवंती (Mimosa pudica) की पत्तियों के काढ़े का उपयोग दौरे-रोधी गुण को जांचने के लिए किया गया। निष्कर्षों में पाया गया की इस काढ़े ने चूहों में पेंटाइलेंटेट्राजोल और स्ट्राइकिन पदार्थों से प्रेरित दौरे को रोकने में प्रभावी था। लेकिन पिक्रोक्सिन से प्रेरित दौरे के खिलाफ कोई प्रभाव नहीं दिखाया।6
चूहों पर हुए एक अन्य अध्ययन में लाजवंती (Mimosa pudica) की जड़ों के इथेनॉलिक अर्क का उपयोग मिर्गी-रोधी गतिविधि जांचने के लिए किया गया।अध्ययन के परिणाम बताते हैं कि इस अर्क में महत्वपूर्ण मिर्गी-रोधी गतिविधि (anti-epileptic activity) होती है।7
ध्यान दें: मानवों पर लाजवंती के मिर्गी रोधी प्रभावों की सटीक जानकारी के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।
4. मधुमेह को नियंत्रित करने में मदत कर सकता है।
लाजवंती में मधुमेह विरोधी गतिविधि पाई जाती है। जिसे मधुमेह के नियंत्रण के लिए उपयोग किया जा सकता है।8
लाजवंती के पत्तों का एथेनॉल अर्क मधुमेह (डायबिटीज) के इलाज में सहायक हो सकता है। यह इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ावा देता है, जिससे रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। यह ग्लूकोज को तोड़ने में सुधार करता है और नई ग्लूकोज बनाने की प्रक्रिया को कम करता है। इसलिए, यह अर्क मधुमेह के इलाज में सहायक हो सकता है।910
ध्यान दें: लाजवंती के मधुमेह विरोधी प्रभाव की सटीक जानकारी के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।
5. यकृत के लिए फायदेमंद हो सकता है।
लिवर की क्षति को कम करने के लिए लाजवंती का पौधा फायदेमंद हो सकता है।
शराब का अत्यधिक और नियमित सेवन यकृत की कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन के माध्यम से नुकसान पहुंचाता है, जिससे यकृत की कार्यक्षमता में कमी आती है। अध्ययन से पता चलता है कि लाजवंती के अर्क का उपयोग शराब के कारण होने वाली यकृत की क्षति के प्राकृतिक उपचार के तौर पर किया जा सकता है। क्योकि लाजवंती में मौजूद रसायनिक यौगिक शरीर में एंटीऑक्सीडेंट क्षमता को बढ़ाते हैं, जिससे यकृत को नुकसान पहुंचाने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद मिलती है।11
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लाजवंती के नुकसान और सावधानियां
लाजवंती का उपयोग पूरी तरह से सुरक्षित माना जाता है, लेकिन कुछ लोगों में इसके सेवन से संभावित स्वास्थ्य परेशानियां देखने को मिल सकती हैं।
1. पेट संबंधी परेशानियां: लाजवंती का उपयोग कुछ लोगों में पेट से जुडी समस्यों का कारण बन सकता है जैसे मरोड़, दस्त, पेट में दर्द आदि।
2. अत्यधिक सेडेशन: इसके अधिक सेवन से अत्यधिक नींद या थकान महसूस हो सकती है।
3. गर्भनिरोधक गुण: चूहों पर हुए अध्ययन में ऐसा पाया गया है की यह गर्भावस्था को रोक या कम कर सकता है। क्योकि यह मासिक धर्म चक्र को लंबा कर सकता है, हार्मोन के स्तर को प्रभावित करता है, अंडों की संख्या को कम कर सकता है। वह महिलायें जो गर्भधारण करना चाहती है इसके उपयोग करने में सावधानी बरतें और डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।1213
4. गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं इसके उपयोग करने में सावधानी बरतें और वे बिना डॉक्टर के परामर्श पर इसका उपयोग ना करें।
5. गंभीर क्रोनिक बिमारियों और किसी अन्य दवा के साथ इसके प्रयोग में विशेष सावधानी बरतें और डॉक्टर के परामर्श पर ही इसका सेवन करें।
निष्कर्ष
लाजवंती को छुईमुई के नाम से जाना जाता है। इसके नाम से ही इस पौधे की प्रकृति का पता चलता है यानी इस पौधे को छूने से इसकी पत्तियां सिकुड़ जाती है। हालाँकि इस पौधे में कई ओषधीय गुण पाए जाते है जिसके कारण हमारे स्वास्थ्य पर लाजवंती के फायदे कई देखने को मिल सकते हैं।
लाजवंती के नुकसान अमूमन नहीं देखने को मिलते हैं लेकिन कुछ लोगों में कुछ स्वास्थ्य समस्याएं देखने को मिल सकती हैं। इसलिए यह बहुत जरूरी हो जाता है की इसका उपयोग करने के पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श जरूर किया जाये।
संदर्भ
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