Amyloidosis in Hindi | एमिलॉयडोसिस क्या है? जानिए लक्षण, कारण और उपाय

Amyloidosis in Hindi – पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सेना अध्यक्ष परवेज मुशर्रफ का देहांत 5 फरवरी 2023 को हुआ, हालाँकि उसके परिवार ने ट्विटर के जरिये लोगों को बताया था की वह एमिलॉयडोसिस नाम की एक खतरनाक बीमारी से पीड़ित था। तो चलिए इस ब्लॉग पोस्ट के जरिये जानते ...

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Anshika Sharma

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Amyloidosis in Hindi – पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सेना अध्यक्ष परवेज मुशर्रफ का देहांत 5 फरवरी 2023 को हुआ, हालाँकि उसके परिवार ने ट्विटर के जरिये लोगों को बताया था की वह एमिलॉयडोसिस नाम की एक खतरनाक बीमारी से पीड़ित था। तो चलिए इस ब्लॉग पोस्ट के जरिये जानते है एमिलॉयडोसिस के बारे में।

एमिलॉयडोसिस क्या है? What is amyloidosis in Hindi?

एमिलॉयडोसिस एक प्रकार की दुर्लभ बीमारी है, जिसमें शरीर में पाए जाने वाले एक विशेष प्रकार का प्रोटीन एमेलॉइड की संख्या में वृद्धि होने लगती है, और इस वजह से शरीर के अंग सही से काम नहीं कर पते हैं।

एमेलॉइड की संख्या में वृद्धि हृदय, यकृत, प्लीहा, तंत्रिका तंत्र और गुर्दे सहित विभिन्न अंगों को प्रभावित कर सकता है।

अक्सर इस बीमारी को पहचानने में देरी हो जाती है जिस कारण से इसका इलाज बहुत मुश्किल हो जाता है इसलिए समय रहते इसका इलाज करना बहुत जरूरी हो जाता है।

क्या एमिलॉयडोसिस एक दुर्लभ बीमारी है?

एमिलॉयडोसिस एक बहुत ही दुर्लभ बीमारी है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है की अमेरिका की 33 करोड़ की जनसंख्या में लगभग 50 हजार लोगों को यह बीमारी होने की सम्भावना है और लगभग हर साल नए 4000 लोगों का इससे निदान किया जाता है।

यह बीमारी महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में अधिक देखने को मिलती है। उम्र के बढ़ने के साथ ही इस बीमारी के होने का खतरा भी बढ़ता है।

क्या एमिलॉयडोसिस एक प्रकार का कैंसर है?

एमिलॉयडोसिस कैंसर नहीं है, क्योकि कैंसर में शरीर के किसी भाग में कोशिकाओं की अनियमित ग्रोथ होती है, लेकिन एमिलॉयडोसिस, बिमारियों का समूह है जिसके कारण शरीर में एमेलॉइड प्रोटीन में अनियमित वृद्धि होती है।

हालाँकि कैंसर की वजह से एमिलॉयडोसिस हो सकता है यानि किसी व्यक्ति को अगर एमिलॉयडोसिस है तो पूरी संभावना है की यह किसी प्रकार के कैंसर के कारण हो रह हो। 

अगर किसी को एमिलॉयडोसिस के लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए। तो चलिए जानते हैं एमिलॉयडोसिस के लक्षण क्या होते हैं। 

एमिलॉयडोसिस के लक्षण। Symptoms of Amyloidosis in Hindi

हो सकता है एमिलॉयडोसिस के लक्षण शुरुआती दिनों में नजर न आये, इसी कारण से इलाज करने में देरी हो सकती है । परन्तु जैसे ही निम्नलिखित बताये गए इसके लक्षण आपको नजर आते हैं डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।

एमिलॉयडोसिस के लक्षण लोगों में भिन्न हो सकते हैं:-

  • गंभीर थकान और कमजोरी
  • सांस लेने में कठिनाई
  • हाथ या पैर में दर्द
  • हाथ और पैरों में झुनझुनी
  • टखनों और पैरों में सूजन
  • दस्त, संभवतः रक्त या कब्ज के साथ
  • जीभ बड़ी होना,
  • त्वचा में बदलाव, जैसे मोटा होना या आसानी से खरोंच आना,
  • आंखों के आसपास बैंगनी धब्बे
  • भोजन निगलने में परेशानी 

कई मामलों में अचानक हाई ब्लड प्रेशर के साथ सीने में दर्द भी देखने को मिल सकता है 

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एमिलॉयडोसिस में डॉक्टर से कब मिलें:-

हालाँकि उपर्युक्त बताये गए लक्षण अन्य समान्य बीमारियों में भी देखे जाते है इसलिए बातये गए किसी भी प्रकार के लक्षण 2 दिनों से ज्यादा समय तक रहते हैं तो इसको नजर अंदाज नहीं करना चाहिए और डॉक्टर से तुरंत मिलना चाहिए।

एमिलॉयडोसिस के प्रकार। Types of Amyloidosis in Hindi

एमिलॉयडोसिस के कई प्रकार हो सकते है और प्रत्येक के अलग लक्षण, कारण और उपचार हो सकता है। जिसका निर्धारण डॉक्टर के जाँच के बाद आसानी से किया जा सकता है।

एमिलॉयडोसिस के कुछ समान्य प्रकार:-

  • प्राथमिक एमिलॉयडोसिस (Primary amyloidosis AL):- यह एमिलॉयडोसिस का सबसे आम प्रकार कहा जा सकता है, और यह अस्थि मज्जा (bone marrow) में अघिक एमिलॉयड प्रोटीन के निर्माण से होता है। यह अक्सर एक प्रकार के रक्त कैंसर से भी जुड़ा होता है जिसे मल्टीपल मायलोमा कहा जाता है। आमतौर पर यह हृदय, गुर्दे, यकृत और तंत्रिकाओं को प्रभावित करता है
  • माध्यमिक एमिलॉयडोसिस (Secondary amyloidosis AA):- इस प्रकार का एमिलॉयडोसिस पुरानी सूजन संबंधी बीमारियों से जुड़ा हुआ होता है, जैसे रूमेटोइड गठिया, सूजन आंत्र रोग, और सोरायसिस। और यह सबसे अधिक गुर्दे, यकृत और प्लीहा को प्रभावित करता है।
  • वंशानुगत एमिलॉयडोसिस (Hereditary amyloidosis ATTR):- इस प्रकर के एमिलॉयडोसिस एक पीढ़ी से दुसरे में जाते हैं जो डीएनए में आये बदलावों के कारण होता है। इसमें लिवर अधिक प्रोटीन का निर्माण करने लगता है। वंशानुगत अमाइलॉइडोसिस के दो मुख्य रूप होते  हैं: वंशानुगत ट्रांसथायरेटिन (टीटीआर) एमिलॉयडोसिस और पारिवारिक अमाइलॉइड पोलीन्यूरोपैथी (एफएपी)
  • सेनेइल सिस्टमिक एमिलॉयडोसिस (Senile systemic amyloidosi SSA):- इस प्रकार का एमिलॉयडोसिस वृद्ध लोगों में अधिक देखने को मिलता है। इसलिए उम्र के बढ़ने के साथ ही इसके होने का खतरा अधिक होता है।
  • डायलिसिस से संबंधित एमिलॉयडोसिस:- इस प्रकार का एमिलॉयडोसिस उन लोगों में होता है जिन्हें गुर्दे की समस्या होने के कारण डायलिसिस की आवश्यकता होती है। यह जोड़ों, टेंडन और अन्य ऊतकों में अमाइलॉइड प्रोटीन का अधिक निर्माण होने लग सकता है।

धयान देने वाली बात यह है की एमिलॉयडोसिस का प्रकार, इसके इलाज और लक्षणों को प्रभावित करता है। यानी इसके अलग अलग व्यक्तियों में लक्षण और इलाज अलग अलग हो सकता हैं। इसलिए यह बहुत जरूरी है की प्रॉपर जाँच से एमिलॉयडोसिस के प्रकार को समझा जाये।

एमिलॉयडोसिस होने के कारण। causes of Amyloidosis in Hindi

हालाँकि एमिलॉयडोसिस शरीर में असमान्य रूप से एमेलॉइड प्रोटीन में होने वाली वृद्धि के कारण होता है। और इस प्रोटीन के वृद्धि में कई कारण हो सकते हैं:-

  • जेनेटिक म्यूटेशन:- एमिलॉयडोसिस के वंशानुगत रूप, जैसे कि वंशानुगत ट्रान्सथायरेटिन (टीटीआर) एमाइलॉयडोसिस से कुछ जिन में गलत म्यूटेशन हो जाने के कारण शरीर में प्रोटीन के उत्पादन में वृद्धि होने लग जाता है।
  • सूजन संबंधी बीमारियां:- माध्यमिक एमिलॉयडोसिस, जिसे एए एमिलॉयडोसिस भी कहा जाता है, अक्सर पुरानी सूजन संबंधी बीमारियों जैसे रूमेटोइड गठिया, सूजन आंत्र रोग, और सोरायसिस के कारण प्रोटीन का अधिक निर्माण होने लग जाता है।
  • अन्य चिकित्सा स्थितियां:- चिकित्सा स्थितियां, जैसे किडनी रोग, भी एमिलॉयडोसिस का कारण बन सकती हैं।
  • अन्य  कारण:- कुछ मामलों में, एमिलॉयडोसिस होने के कारणों को अच्छे तरीके से समझा नहीं जा सका है और वह आनुवंशिकी और पर्यावरणीय जोखिम सहित कई कारकों से संबंधित हो सकता है।

एमिलॉयडोसिस के जोखिम को बढ़ाने वाले कारक:-

ऐसे करक जो एमिलॉयडोसिस के खतरे को बढ़ा सकता है:-

  • उम्र 
  • परिवार का इतिहास
  • किडनी की बीमारी  
  • अन्य रोग 

एमिलॉयडोसिस से किस प्रकार के जोखिम हो सकते हैं?

एमिलॉयडोसिस कई प्रकार के शारीरक जोखिम को बढ़ा सकता है और कई मामलों में यह जानलेवा भी हो सकता है:-

  • दिल:- एमिलॉयडोसिस दिल की बिमारियों का जोखिम को बढ़ा देता है जिसमे हार्ट फेलियर, हार्ट अटैक, लो ब्लड प्रेशर, आदि हो सकती है। इसलिए एमिलॉयडोसिस से हुए दिल संबधी दिक्कतें जानलेवा हो सकती हैं।
  • तंत्रिका तंत्र:- एमिलॉयडोसिस तंत्रिका तंत्र के जोखिम को बढ़ा सकता है और मस्तिष्क पर भी असर डाल सकता है, जिस वजह से हाथ पैर में सुन्नता, भर्म आदि हो सकता है।
  • लिवर:- यह लिवर फेलियर के जोखिम को बढ़ा सकता है।
  • गुर्दे के विफलता का जोखिम एमिलॉयडोसिस के कारण बढ़ जाता है।
  • अन्य:- एमिलॉयडोसिस अन्य कई तरह के शारीरिक जोखिम को बढ़ा सकता है जैसे:- पेट से जुडी बीमरियां, जोड़ो में दर्द, त्वचा सबधी बीमारिया, त्वचा का मोटा होना।

एमिलॉयडोसिस का इलाज कैसे होता है? How is Amyloidosis treated in Hindi

एमिलॉयडोसिस का इलाज इसके प्रकार और गंभीरता और प्रभावित अंगों पर निर्भर करता है :-

  • मेडिकल थेरेपि:- एमिलॉयडोसिस में प्रोटीन बनाने की प्रोसेस को धीमा करने, प्रभावित अंगों को सही से काम करने, दर्द को कम करने , दिल की विफलता को रोकने के लिए कई तरह की मेडिकल थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है।
  • कीमोथेरेपी:– कीमोथेरेपी का इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं प्लाज्मा सेल जो अधिक प्रोटीन बनता है उसको नष्ट करने के लिए किया जाता है।
  • स्टेम सेल प्रत्यारोपण:- स्टेम सेल प्रत्यारोपण के जरिये क्षतिग्रस्त कोशिकाओं और ऊतकों को सवस्थ कोशिकाओं के साथ बदला जाता है।
  • सर्जरी:- एमिलॉयड बढे हुए प्रोटीन को जीभ और मसूड़ों के हटाने के लिए सर्जरी का सहारा लिया जा सकता है।

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