Asthma in Hindi | अस्थमा लक्षण, उपचार और रोकथाम

Asthma in Hindi – WHO  के अनुसार दुनिया भर में हर साल लगभग 339 मिलियन लोग अस्थमा से पीड़ित पाए जाते हैं। और एक रिपोर्ट के अनुसार 2019 में अस्थमा नें लगभग 262 मिलियन लोगों को प्रभावित किया और उसमे से लगभग 455 000 लोगों की मृत्यु हो गई। लेकिन ...

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Anshika Sharma

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Asthma in Hindi – WHO  के अनुसार दुनिया भर में हर साल लगभग 339 मिलियन लोग अस्थमा से पीड़ित पाए जाते हैं। और एक रिपोर्ट के अनुसार 2019 में अस्थमा नें लगभग 262 मिलियन लोगों को प्रभावित किया और उसमे से लगभग 455 000 लोगों की मृत्यु हो गई।

लेकिन सवाल तो यह है की आज के इस दौर में, अस्थमा के बढ़ते हुए मामलों के पीछे का कारण क्या है? और इसका इलाज और उपचार क्या है? 

हालाँकि अस्थमा सभी उम्र के लोगों में पाया जा सकता है और किसी भी लिंग यानि पुरुष या महिला दोनों को हो सकता है। कमी मामलों में तो यह दीर्घकालीन और जानलेवा भी हो सकता है सायद इसीलिए एक पुरानी कहावत काफी प्रचलित है की दमा दम के साथ ही जाती है।

इस ब्लॉग के माध्यम से चलिए जानते हैं अस्थमा और इससे जुड़े तथ्यों के बारे में।

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अस्थमा क्या है What is asthma in Hindi?

अस्थमा एक प्रकार की स्वांस से जुडी हुई एक बीमारी है जो फेफड़ों को बहुत बुरी तरह से प्रभावित करता है, जिसका अन्य नाम ब्रोन्कियल अस्थमा भी है।

अस्थमा से पीड़ित व्यक्ति के स्वसन नाली या वायु मार्ग संकीर्ण और सुजा हुआ हो सकता है जिस कारण से व्यक्ति को साँस लेने में काफी दिक्कत आती है।

अस्थमा को एक दीर्घकालीन बीमारी के रूप में जाना जाता है। और इसे नजरअंदाज करने से कई मामलों में इससे पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है लेकिन सही उपचार और देखभाल के साथ, अस्थमा से पीड़ित अधिकांश लोग स्वस्थ जीवन जी सकते हैं और अस्थमा से जुड़े लक्षणों पर अच्छा नियंत्रण बनायें रख सकते हैं।

अस्थमा के दौरे से क्या अर्थ होता है?

( Asthma in Hindi ) अस्थमा के दौरे से तात्पर्य अस्थमा के लक्षणों में अचानक बदलाव आना है। हालाँकि अस्थमा के दौरे हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं और जानलेवा भी हो सकते हैं।

अगर व्यक्ति को किसी कारण जैसे घबराहट, डर, प्रदूषण आदि या कोई विशेष कारण न होने पर भी, अचानक साँस लेने में परेशानी आ जाये और तुरंत इलाज न मिलाने पर मौत का खतरा तक बना रहे तो ऐसी स्थिति को अस्थमा के अटैक की श्रेणी में रखा जा सकता है।

अस्थमा के दौरे के समय क्या होता है?

  • सूजन: वायुमार्ग की मांसपेशियों में ज्यादा सूजन आ जाती है। जिस वजह से फेफड़ों तक पर्याप्त हवा न तो पहुँचती है और न ही बहार निकल पाती है ।
  • ब्रोंकोस्पज़म (Bronchospasm): इस स्थिति में वायुमार्ग की मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं। जिस वजह से हवा अच्छे से पास नहीं हो पाती है। 
  • बलगम का उत्पादन: हो सकता है की जब किसी को अस्थमा का दौरा पड़े उस दौरान शरीर में अधिक बलगम बना हो क्योकि बलगम साँस लेने में काफी परेशानी पैदा करता है।

अस्थमा के प्रकार क्या हैं? Types of asthma in hindi

अस्थमा को कई प्रकारों के वर्गीकृत किया जा सकता है। क्योकि यह अस्थमा के गंभीरता, अवस्था, और कारणों पर निर्भर करता है। अस्थमा के कुछ मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं:-

  • एलर्जिक अस्थमा (Allergic Asthma): इस प्रकार का अस्थमा तब दिखाई देता हैं जब वयक्ति को किसी चीज से अलेर्जी हो और वह उसकी संपर्क में आ जाता है, एलेर्जी किसी चीज से भी हो सकती हैं जैसे धूल के कण, पालतू जानवरों की रूसी आदि।
  • नॉन एलर्जिक अस्थमा (Non Allergic Asthma): इस प्रकार का अस्थमा किसी अलेर्जी के कारण नहीं होता है बल्कि यह अन्य कारणों से होता है जैसे वायरल इन्फेक्शन, प्रदूषण, लम्बे समय से तम्बाखू का सेवन, गंभीर चोट आदि। 
  • एडल्ट-ऑनसेट (Adult-onset): अडल्ट ऑनसेट अस्थमा से तात्पर्य यैसे अस्थमा से है जो व्यक्ति में 18 से 20 साल की उम्र के बाद होता है 
  • बाल अस्थमा (Pediatric): बच्चों में या बचपन से ही अस्थमा से शिकार लोगों को इस कटेगरी में रखा जाता है। अस्थमा की यह स्थति लम्बे समय तक रहती है, और अनुवांशिक भी हो सकता है।
  • अकुपेशनल अस्थमा (Occupational Asthma): ऑक्यूपेशनल अस्थमा यानि व्यावसायिक अस्थमा जो कार्यस्थल पर मौजूद किसी पदार्थ या केमिकल के संपर्क में आने से होता है।
  • पेरिनियल अस्थमा (Perennial Asthma): पेरिनिअल अस्थमा से तातपर्य यैसे अस्थमा से है जो पुरे साल भर वयक्ति को रहता है। आमतौर पर परिनियल अस्थमा के लक्षण हमेशा रहते है और इसके होने का कारण एलेर्जी हो सकता है।
  • सिजनल अस्थमा (Seasonal Asthma) : यह अस्थमा मौसम में होने वाले बदलव के कारण होता है। इसके लक्षण सर्दियों में ज्यादा देखने को मिलते हैं। 

हालाँकि अस्थमा के होने के कारणों को देखते हुए अस्थमा के कितने भी प्रकार में विभाजित किया जा सकता है, लेकिन किसी भी प्रकार का अस्थमा क्यों ना हो लक्षण लगभग सभी के समान हो सकते हैं।

अस्थमा होने के कारण क्या होतें हैं? Causes of Asthma in Hindi?

  • स्मोकिंग:- अस्थमा के विकाश करने में धूम्रपान एक बहुत बड़ा कारण है जो हमारे फेफड़ों को बुरी तरह से प्रभावित करता है, साँस लेने में दिक्कत पैदा करता है।
  • फेफड़े में संक्रमण दमा यानी अस्थमा का होने का कारण हो सकता हैं जिससे हवा नाली में सूजन आदि आ जाती है।

अस्थमा के लक्षण क्या हैं? Symptoms of asthma in Hindi

अक्शर लोग सोचते हैं की  सोचते हैं की अस्थमा के लक्षण क्या होते हैं और अस्थमा का पता कैसे चलता है?

तो आपको बता दें की अस्थमा ( Asthma in Hindi ) के लक्षण लोगों में अलग अलग हो सकते हैं क्योकि यह अस्थमा के प्रकार और व्यक्ति की स्थिति पर निर्भर करता है, लेकिन कुछ समान्य लक्षण जो अधिकतर मामलों में पाए जाते हैं, जिसकी मदत से अस्थमा का पता भी लगाया जा सकता है जैसे?:-

  • सीने में जकड़न
  • घरघराहट
  • खाँसी
  • सांस की तकलीफ
  • कई मामलों में सोने में परेशानी
  • लम्बे समय से कफ का बनाना जिस कारण साँस लेने में परेशानी

हालाँकि ध्यान देने वाली बात यह है की यह लक्षण अन्य किसी कारण से हो सकता है। लेकिन लम्बे समय से इन लक्षणों का होना अस्थमा हो सकता है। इसका सत्यापन अस्थमा का डॉक्टरी जाँच के बाद अच्छे से किया जा सकता है।

अस्थमा के इलाज का प्रोसेस क्या होता है?

अस्थमा को पहचनाने या इलाज के लिए डॉक्टर कुछ प्रमुख जाँच कर सकता है जैसे:-

  • अस्थमा को लेकर आपके पारिवारिक हिस्ट्री के बारे में पूछ सकता है।
  • शरीर में होने वाले लक्षणों के बारे में पूछ सकता है।
  • आपको होने वाली किसी एलेर्जी और फेफड़ों के संक्रमण की जाँच करेगा।
  • छाती का एक्सरे करेगा।
  • खून की जाँच और त्वजा की जाँच भी कर सकता है।

इसके अलावां और भी कई प्रकार की शारीरिक जाँच हो सकती हैं।

अस्थमा का इलाज क्या है? Treatment of Asthma in Hindi

अस्थमा (Asthma in Hindi) का इलाज करने के लिए डॉक्टर उपर्युक्त बताये कारणों और लक्षणों की जाँच करने के बाद इलाज शुरू करता है, जिसका मुख्य लक्ष्य अस्थमा के लक्षणों को काम करना होता है।

  • डॉक्टर अस्‍थमा से निपटने के लिए आमतौर पर इन्‍हेल्‍ड स्‍टेरॉयड और अन्‍य एंटी इंफ्लामेटरी दवाएं मरीज को लेने के लिए कह सकता है।
  • अस्थमा का गंभीर अटैक होने पर डॉक्टर अक्‍सर ओरल कोर्टिकोस्टेरॉयड्स का कोर्स रेकमेंड करते हैं।
  • ब्रोंकॉडायलेटर्स दवाएं भी लेने को कह सकता है जो वायुमार्ग की मांसपेशियों को आराम देने का काम करती हैं जिससे अस्थमा से राहत मिलती है।
  • अस्‍थमा के इलाज और एमरजेंसी की स्थिति में इन्‍हेलर का इस्तेमाल भी रेकमेंड करता है क्योकि इसकी मदद से फेफड़े तक आसानी से दवाई पहुंचे जा सकती है।
  • डॉक्टर अस्‍थमा के इलाज के लिए नेब्‍यूलाइजर का भी प्रयोग भी कर सकता है।

अस्थमा को नियंत्रित कैसे करें? How to control Asthma in Hindi?

अस्थमा के इलाज के दौरान कुछ विशेष सावधानियां बरतने की जरूरत होती हैं जिससे अस्थमा नियंत्रित रहे और इसके अटैक का खतरा कम किया जा सके।

  • प्रदूषण से बचें:- घर के बहार जाते वक्त मास्क जरूर लगाए। आग या किसी अन्य प्रकार के धुएं से दूर रहें।
  • एलर्जी से बचें :- जिन चीजों से आपको एलर्जी है उसको नोट करें और उन चीजों से दूरी जरूर बनांयें।
  • सर्द गर्म से बचे:- चाय पिने के तुरंत बाद पानी न पिए। और ज्यादा ठंढा पानी या आइसक्रीम खाने से बचें।
  • धुंध में जाने से बचे:- सर्दियों के मौसम में धुंध में जाने से बचें क्योकि यह अस्थमा के अटैक को बुलावा भेज सकता है।
  • वाइरल इंफेक्शन से बचें:- ऐसे व्यक्ति जिनको जुखाम या खासी की दिक्कत होती है उनसे दूरी बनायें।
  • AC से बचें:- घरों या ऑफिस में AC कमरे को ठंढा रखने के लिए होता है। लेकिन अस्थमा के मरीज को इससे बचाना चाहिए।
  • खान पान में सुधर लाएं:- अस्थमा के मरीजों को अपने खान पान में सुधार लाना चाहिए जैसे फल, हरी पत्तेदार सब्जियों का इस्तेमाल ज्यादा मात्रा में करना चाहिए। और जंक फ़ूड, कॉन्ड्रिंक आदि से पहेज करना चाहिए।
  • नियमित व्यायाम करें:- नियमित व्यायाम करना बहुत जरूरी है लेकिन अस्थमा के मरीज ध्यान रखें ज्यादा व्यायाम न करें जिससे आपकी साँस तेज चलने लगे।

अस्थमा लम्बे समय तक रह सकता हैं और कई मामलों में जानलेवा भी साबित हो सकता है, लेकिन अस्थमा का सही इलाज और देखभाल से व्यक्ति हेल्थी लाइफ जी सकता है।

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