ब्रेन हेमरेज: प्रकार, कारण, लक्षण और बचाव

मस्तिष्क एक बहुत ही जटिल संरचना है जो अरबों न्यूरॉन्स से बना होता है, जिनके द्वारा शरीर की प्रत्येक कार्यों को नियंत्रित किया जाता है। इसलिए ब्रेन में किसी भी प्रकार का आघात व्यक्ति के लिए बहुत घातक साबित हो सकता है। इस्कीमिक स्ट्रोक (Ischemic Stroke) और रक्तस्रावी स्ट्रोक (Hemorrhagic ...

Author:

Brijesh Yadav

Published on:

मस्तिष्क एक बहुत ही जटिल संरचना है जो अरबों न्यूरॉन्स से बना होता है, जिनके द्वारा शरीर की प्रत्येक कार्यों को नियंत्रित किया जाता है। इसलिए ब्रेन में किसी भी प्रकार का आघात व्यक्ति के लिए बहुत घातक साबित हो सकता है।

इस्कीमिक स्ट्रोक (Ischemic Stroke) और रक्तस्रावी स्ट्रोक (Hemorrhagic Stroke) कुछ ऐसी परिस्थितियां हैं जो मस्तिष्क के लिए बहुत ही घातक हैं और गंभीर नुकसान पहुँचती हैं। लेकिन ब्रेन हेमरेज यानी रक्तस्रावी स्ट्रोक अधिक गंभीर स्थिति है इस दौरान अगर व्यक्ति को समय पर इलाज नहीं मिलता हैं तो उसकी मौत भी हो सकती है।

तो चलिए ब्रेन हेमरेज (Brain Hemorrhage) और इसके कारण, लक्षण, इलाज के बारे में विस्तार से समझते हैं ताकी इससे जुडी किसी भी प्रकार की स्थिति से हम अपने आपको बचा सकें और अपने पूर्ण मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ा सकें।

जाने – हम जरूरत से ज्यादा क्यों सोचते हैं

ब्रेन हेमरेज क्या होता है?

रक्तस्रावी स्ट्रोक का अर्थ मस्तिष्क में किसी नस (blood vessel) के फट जाने से है जिसके परिणामस्वरूप मस्तिष्क के क्षतिग्रस्त भाग में खून का रिसाव होने लगता है, जो मस्तिष्क में मौजूद अन्य कोशिकाओं की क्षति का कारण भी बन सकता है। जिसकी वजह से कई गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

यानी रक्तस्रावी स्ट्रोक बहुत ही घातक स्थिति हैं जो मृत्यु का कारण भी बन सकती है इसलिए इस स्थिति को पहचान कर समय रहते डॉक्टरी इलाज की जरूरत होती है।

ब्रेन हेमरेज कितने प्रकार का होता हैं?

ब्रेन हेमरेज का प्रकार का निर्धारण रक्त रिसाव के स्थान और तरीके को देखते हुए किया जाता है जैसे रक्त बहाव मस्तिष्क के ऊतकों (tissue) के बाहर की ओर हो रहा है या अंदर की ओर हो रहा है। कुछ मुख्य ब्रेन हेमरेज का प्रकार निम्नलिखित दिया गया है:-

1. इंट्रासेरेब्रल हेमरेज (Intracerebral Hemorrhage):- इंट्रासेरेब्रल हेमरेज रक्त नली के फटने पर रक्त का स्राव मस्तिष्क के उत्तकों के भीतर की ओर होता है यानी रक्त रिसाव खोपड़ी के अंदर की ओर होता है। यह हेमरेज का सबसे आम कारण है और सबसे खतरनाक भी है।

2. सबरैक्नॉइड हेमरेज (Subarachnoid Hemorrhage):- सबरैक्नॉइड हेमरेज में रक्त का रिसाव मस्तिष्क के आस-पास के स्थानों में होने लगता है जिसे सबरैक्नॉइड स्पेस (Subarachnoid Space) के रूप में जाना जाता है यह तब होता है जब इस स्थान पर मौजूद रक्त वाहिका “एन्यूरिज्म (Aneurysm)” फट जाती है।

3. सबड्यूरल हेमरेज (Subdural Hemorrhage):- सबड्यूरल हेमरेज होने का मुख्य कारण मस्तिष्क के ड्यूरा मेटर और उसके नीचे की पतली परत के बीच रक्त का रिसाव होना होता है। यह अक्सर सर पर लगने वाली चोट के कारण होता है।

4. एपिड्यूरल हेमरेज (Epidural Hemorrhage):- एपिड्यूरल हेमरेज में मस्तिष्क के ड्यूरा मेटर के बाहर लेकिन खोपड़ी के भीतर रक्तस्राव होता है। यह भी अक्सर सिर की चोट के कारण होता है, जो मस्तिष्क में रक्त वाहिका को क्षति पहुँचती है और रक्त स्राव होता है।

ब्रेन हेमरेज का मुख्य कारण क्या हैं?

ब्रेन हेमरेज होने के कई कारण हो सकते हैं, कुछ ब्रेन हेमरेज के कारण निम्नलिखित दिया गया है जैसे:-

1. उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure):- लम्बे समय तक उच्च रक्तचाप की समस्या होने पर मस्तिष्क में रक्त वाहिकाओं के फटने का खतरा बढ़ जाता है क्योकि उच्च रक्तचाप के दौरान खून का दबाव अधिक होता है जिससे छोटी खून की नशों की दीवारें  कमजोर होने लग जाती हैं जिस कारण से वह फट भी सकती हैं।1

2. सिर में चोट (Trauma to the Head):- मस्तिष्क पर किसी भी प्रकार की चोट इसके भीतर रक्स्राव के खतरे को बढ़ा देती है जो ब्रेन हेमरेज का एक प्रमुख कारण होता है।

3. मस्तिष्क में कमजोर नशों का होना:- कमजोर नशें थोड़े दबाव से फट सकती हैं और यह समस्या मस्तिष्क के अतरिक्त शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है।

4. रक्त विकार:- कुछ रक्त विकार, जैसे खून का थक्के बनाना, हीमोफिलिया और सिकल सेल एनीमिया मस्तिष्क में रक्तस्राव के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। इन विकारों के कारण रक्त का फ्लो बिगड़ता है, जिससे मस्तिष्क में रक्तस्राव हो सकता है।2

5. मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं में जन्मजात से दोष होना:- कुछ व्यक्ति जन्म से ही मस्तिष्क की कमजोर रक्त वाहिकाओं (blood vessels) से पीड़ित होते हैं जो असामान्य या विकृत होती हैं। नशों की यह असामान्यताएं समय के साथ ब्रेन हेमरेज के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।

6. मस्तिष्क में ट्यूमर (Brain Tumors):- किसी भी प्रकार का ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क में रक्त वाहिकाओं (blood vessels) पर दबाव डाल सकता है, जिससे वे कमजोर हो जाती हैं और अंततः उनके फटने का खतरा रहता है।3

7. शराब और नशीली दवाओं का दुरुपयोग:-  नशीले पदार्थों का सेवन, विशेष रूप से भारी और लंबे समय तक शराब का सेवन, ब्रेन हेमरेज के जोखिम को बढ़ा सकता है। शराब रक्त वाहिकाओं को कमजोर बना सकता है जिससे उनके फटने का खतरा बढ़ सकता है, जबकि कुछ दवाएं रक्तचाप बढ़ा सकती हैं और मस्तिष्क में रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती हैं।

8. मोटापा:-  ख़राब जीवनशैली के कारण अधिक वासा का जमाव या अधिक मोटापा होने से कुछ प्रकार की बीमारियां बढ़ती हैं जिसमें हाई ब्लड प्रेसेर, हृदय रोग, मधुमेह, और एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों का सख्त और संकुचित होना) प्रमुख हैं, और यह स्थितियां ब्रेन हेमरेज होने के खतरे को बढ़ा देती हैं। इसके अतिरिक्त  नसों में वासा की मात्रा बढ़ने से खून का बहाव को बाधित होता है जिससे मस्तिष्क की नशों के फटने का खतरा बना रहता है।

ब्रेन हेमरेज के लक्षण क्या होते हैं?

ब्रेन हेमरेज के लक्षण प्रत्येक व्यक्तिओं में भिन्न हो सकते हैं क्योकि इसके लक्षण बहुत हद तक ब्रेन हैमरेज के स्थिति और गंभीरता पर निर्भर करते हैं।

ब्रेन हेमरेज के लक्षणों को पहचानकर हम समय रहते डॉक्टरी सहायता प्राप्त कर सकते हैं जिससे अत्यधिक नुकशान से बचा जा सकता है। अगर आपको निम्नलिखित बताये गए किसी भी प्रकार का लक्षण का अनुभव हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

1. अचानक तेज सिर में दर्द:- ब्रेन हेमरेज होने के दौरान अचानक तेज सिर दर्द होता है, यह ब्रेन हेमरेज का पहला और शुरुआती लक्षण होता है।

2. मतली और उल्टी: रक्तस्राव के कारण अचानक मतली और उल्टी महसूस होती है क्योकि इस दौरान मस्तिष्क में दबाव और सूजन हो सकता है।

3. भ्रम: ब्रेन में ब्लीडिंग होने के कारण भ्रम, भटकाव और चेतना में कमी जैसे लक्षण देखने को मिल सकता है।

4. देखने में परेशानी:- अचानक आँख की रौशनी में बदलाव आ जाना या दिखना बंद हो जाना ब्रेन हेमरेज के लक्षण हो सकता है।

5. बोलने में कठिनाई: अचानक से बोलने में कठिनाई और हकलाने की स्थिति और कोशिश करने के बावजूद बोलने में असमर्थता, ब्रेन हेमरेज का लक्षण हो सकता है।

6. शरीर के की हिस्से में कमजोरी या सुन्नता: ब्रेन हेमरेज के दौरान अचानक शरीर के हिस्से में सुन्नता महसूस हो सकता है। और खड़े होने या शरीर का संतुलन बनाने में परेशानी हो सकती है।

7. दौरे पड़ना:- मस्तिष्क में रक्तस्राव के कारण दौरे पड़ने की समस्या होना शुरू हो सकती है।

8. होस या चेतना में कमी:- अक्सर देखा गया है की रक्तस्राव की अवस्था में व्यक्ति को होस या चेतना नहीं रख पता है।

हालाँकि ध्यान देने वाली बात यह है की यह सभी लक्षण मस्तिष्क में रक्तस्राव के अलावां अन्य किसी कारण से भी हो सकते हैं। इसलिए इन लक्षणों के महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर की सहायता अनिवार्य है क्योकि वह ब्रेन हेमरेज की स्थिति को पहचानने में मदत कर सकता है।

क्या ब्रेन हेमरेज को होने से रोका जा सकता है? 

मस्तिष्क में रक्तस्राव होना यानी ब्रेन हेमरेज के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। चलिए विस्तार से समझते की ब्रेन हेमरेज से बचने के उपाय क्या हैं:-

1. उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करें:- उच्च रक्तचाप ब्रेन हेमरेज के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है। इसलिए जीवनशैली में बदलाव के माध्यम से स्वस्थ रक्तचाप बनाए रखना आवश्यक हो जाता है।

2. सिर की चोट से बचें:- किसी भी तरह की काम या गतिविधियों के दौरान अपने सिर को बचने का प्रयास करें क्योकि समान्य दिखने वाली चोट ब्रेन हेमरेज का कारण बन सकती है। खेल, सिकलिंग और मोटरसाइकिल चलने आदि कार्यों के दौरान जिसमें सिर में चोट लगने का खतरा होता है हेलमेट या सिर को प्रोटेक्ट करने वाले गियर जरूर पहने।

3. धूम्रपान और शराब छोड़ें: धूम्रपान और शराब से ब्रेन हेमरेज का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए धूम्रपान छोड़ने से जोखिम कम करने में मदद मिल सकती है।

4. नियमित व्यायाम करें:- नियमित व्यायाम शरीर में उच्य वासा को संतुलित रखता है जिस कारण से मोटापा को कम करने में मदत मिलती है, जिससे ब्रेन हेमरेज के खतरे को कम किया जा सकता है।

5. स्वास्थ्य स्थितियों को नियंत्रित करें: उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय रोग जैसी स्थितियां ब्रेन हेमरेज के जोखिम को बढ़ा सकती हैं। जीवनशैली में बदलाव और दवा के जरिए इन स्थितियों को नियंत्रित करने से जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।

6. स्वस्थ आहार लें: फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, का प्रयोग करें जो विटामिन और प्रोटीन से भरपूर होता है जो शरीरिक स्वस्थ को बढ़ने में मदत करतें हैं जिससे ब्रेन हेमरेज होने का खतरा कम होता है।

निष्कर्ष

ब्रेन हेमरेज एक ऐसी स्थिति है जिसमें मस्तिष्क के किसी हिस्से में रक्त की नस का विघटन हो जाता है, यह एक गंभीर और जानलेवा स्थिति है जिसमें समय रहते इलाज होना बहुत अनिवार्य होता है।

हालाँकि ब्रेन हेमरेज होने के कई कारण हो सकते हैं जिसमें हाई ब्लड प्रेसेर, कोई चोट, दिमाग की नशों का कमजोर होना, या कोई अन्य बीमारी आदि इसके पीछे जिम्मेदार कारक हो सकते हैं। समय रहते इसका इलाज इस बात पर निर्भर करता है की आप इसके लक्षणों से कितना अवगत हैं, ब्रेन हेमरेज के लक्षण जिसमें बोलने के कठिनाई, अचानक सिर में दर्द होना, शरीर पर कण्ट्रोल न होना, होस खोना, यादास्त कम होना, अचानक शरीर का कोई हिस्सा सुन्न पड़ जाना आदि देखने को मिलते हैं। लेकिन प्रत्येक व्यक्ति में इसके लक्षण भिन्न हो सकते हैं।

हालाँकि ब्रेन हेमरेज होने के चांस को कम करने के लिए एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बहुत जरूरी है।

क्योकि ब्रेन हेमरेज बहुत ही घातक स्थिति है इसलिए किसी प्रकार के लक्षण महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।

संदर्भ

  1. McCORMICK, WILLIAMS F., and DAVID B. ROSENFIELD. “Massive brain hemorrhage: a review of 144 cases and an examination of their causes.Stroke 4.6 (1973): 946-954. ↩︎
  2. González-Duarte, Alejandra, et al. “Clinical description of intracranial hemorrhage associated with bleeding disorders.Journal of Stroke and Cerebrovascular Diseases 17.4 (2008): 204-207. ↩︎
  3. Mandybur, T. I. “Intracranial hemorrhage caused by metastatic tumors.Neurology 27.7 (1977): 650-650. ↩︎

Leave a Comment