स्वास्थ्य सम्बन्धी तुलसी के फायदे और नुकसान की संभावनाएं

भारतीय घरों में तुलसी का पौधा होना बहुत आम है, क्योकि इसका आध्यात्मिक महत्व कई हैं। लेकिन क्या हमारे स्वास्थ्य पर तुलसी के फायदे देखे जा सकते हैं और क्या कोई नुकसान की संभावनाएं भी हैं? - चलिए विस्तार से समझते हैं।

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Anshika Sharma

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संभवतः तुलसी (basil) के अनेकों स्वास्थवर्धक फायदों के कारण ही भारतीय उपमहद्वीप में मुख्यतः हिन्दू परिवारों में इसे एक पवित्र औषधि के रूप में एक माँ के ओहदे से सम्मानित किया जाता है, और इसके प्रति इस सम्मान हो दिखने के लिए ही हर घर के आंगन में या किसी स्वच्छ स्थान पर इसे उगाया कर इसकी पूजा-आराधना भी की जाती है।

तुलसी मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप और अफ्रीका में पाई जाती है यानी उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में इसका विकास अधिक होता है। तुलसी को अंग्रेजी में बेसिल (basil) कहा जाता है जो की प्राचीन ग्रीक शब्द “बेसिलिखोन” से आया है, जिसका अर्थ  होता है “शाही”। इसका वैज्ञानिक नाम ओसीमम बेसिलिकम है जो की लैमियासी (मिंट) परिवार की एक पाक जड़ी बूटी है।

तुलसी का उपयोग मसलों के रूप में विभिन्न व्यंजनों में भी किया जाता है और औषधि के रूप में इसका उपयोग भी किया जाना स्वभाविक है। क्योकि इसमें एक विशेष प्रकार की तेज सुगंध और स्वाद होता है इसलिए इसको पहचानना बहुत आसान हो जाता है।

हालाँकि दुनियां भर में इसकी कई प्रजातियां पाई जाती हैं लेकिन इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से हम पवित्र तुलसी (Holy Basil) जिसका वैज्ञानिक नाम ओसीमम टेनुइफ़्लोरम (Ocimum Tenuiflorum) है के फायदों के बारे में चर्चा कर रहें हैं।

तुलसी के फायदे

तुलसी के फायदे इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों, विटामिन, खनिज के साथ एंटीऑक्सिडेंट जैसे फेनोलिक, फ्लेवोनोइड्स, बीटा-कैरोटीन, बीटा-क्रिप्टोक्सैन्थिन आदि पर निर्भर करते हैं। हालाँकि स्वास्थ्य सम्बन्धी फायदों के लिए मुख्य रूप से तुलसी के पत्तों का ही इस्तेमाल किया जाता है लेकिन जड़, टहनी और बीज आदि के उपयोग भी लाभदायक हो सकता है।

100g पवित्र तुलसी में मौजूद पोषक तत्व

तुलसी में मौजूद पोषक तत्व1

  • विटामिन सी
  • विटामिन ए
  • प्रोटीन: 4.2 ग्राम
  • वसा: 0.5 ग्राम
  • कार्बोहाइड्रेट: 2.3 ग्राम
  • ऊर्जा: 30 किलो कैलोरी
  • कैल्शियम: 25 मिलीग्राम
  • फॉस्फोरस: 287 मिलीग्राम
  • आयरन: 15.1 मिलीग्राम
  • जिंक

अन्य पोषक तत्व:-

  • क्लोरोफिल
  • विभिन्न फाइटोन्यूट्रिएंट्स

एंटीऑक्सीडेंट गुण की मौजूदगी

तुलसी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट जैसे यूजेनॉल, एंथोसायनिन, बीटा-कैरोटीन मुक्त कणों से होने वाले नुकसान यानी ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदत कर सकते हैं जिसके परिणाम स्वरूप हानिकारक अणुओं को निष्क्रिय करने, कोशिका क्षति में कमी करने और संभावित रूप से पुरानी गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर, हृदय रोग, गठिया और मधुमेह सहित विभिन्न जोखिम को कम करने में सहायता मिल सकती है।

मधुमेह सम्बन्धी फायदे हो सकते है

तुलसी में मधुमेह विरोधी गुण हो सकते हैं। इसके पत्तो का नियमित सेवन करने से रक्त शर्करा के स्तर और मूत्र में ग्लूकोज के स्तर में कमी आ सकती है।

चूहों पर हुए एक अध्यन में यह पाया गया की तुलसी एक अर्क में मधुमेह रोधी गुण ग्लूकोज रिलीज को कम करने, ग्लाइकोजेनोलिसिस को रोकने और/या ग्लाइकोजेनेसिस को उत्तेजित करने की क्षमता के कारण हो सकते हैं। हलाकि की इंसानों पर इसके प्रभाव का अभी विस्तृत शोध होना अनिवार्य है।2

कैंसर से जुडी संभावनाएं

तुलसी में तनाव-विरोधी, एंटीऑक्सीडेंट और प्रतिरक्षा-मॉड्यूलेटिंग गुण पाए जाते हैं जो कैंसर की रोकथाम और उपचार में प्रभावी हो सकते हैं। पशुओं में फ़ाइब्रोसारकोमा, त्वचा पेपिलोमा और ठोस ट्यूमर पर हुए अध्ययन में नतीजे सकारात्मक देखे गए हैं, यानी तुलसी के अर्क में कैंसर रोकथाम की संभावनाएं अधिक हैं।3

हालाँकि अधिकतर शोध पशुओं पर हुए हैं इसलिए इंसानों पर इसके कैंसर रोधी प्रभाव की सम्पूर्ण पुष्टि करने के लिए अभी विस्तृत शोध होना आवश्यक है।

हृदय स्वास्थ्य

तुलसी का नियमित सेवन हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकती है क्योकि यह मेटाबॉलिक सिंड्रोम के जोखिम को कम कर सकती है। मेटाबोलिक सिंड्रोम, जिसे “प्रीडायबिटीज” या “सिंड्रोम एक्स” के रूप में भी जाना जाता है, इसमें चार घातक स्थितियां शामिल है जिसमें सेंट्रिपेटल मोटापा, उच्च रक्तचाप, ऊंचा कोलेस्ट्रॉल स्तर, और शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ना। जिसके कारण  पुरानी सूजन, मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक आदि जोखिम का खतरा बढ़ जाता है।4

हालाँकि हृदय के स्वास्थ्य पर तुलसी के प्रभाव की पुस्टि की जाँच के लिए अभी बड़े पैमाने पर अध्ययन की आवश्यकता है।

तेजी से घाव भरने में मदतगार

चूहों पर हुए एक अध्ययन में यह पता चला है कि तुलसी के अर्क में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण घाव को तेजी से भरने में योगदान दे सकते हैं और यह केलोइड्स और हाइपरट्रॉफिक निशान जैसी असामान्य उपचार स्थितियों के प्रबंधन में भी फायदेमंद हो सकता है। हालाकिं मनुष्यों पर अभी विस्तृत शोध की आवश्यकता है।

गैस्ट्रिक अल्सर से राहत

तुलसी एडाप्टोजेनिक गुणों के लिए जानी जाती है, जो तनाव और इसके प्रतिकूल प्रभावों से निपटने में शरीर की सहायता करती है। पवित्र तुलसी के पत्तों से प्राप्त किया गया अर्क गैस्ट्रिक अल्सर से निपटने में लाभकारी हो सकता है क्योकि यह अम्लता को कम करने, पेप्टिक गतिविधि को नियंत्रित करने और बलगम स्राव को बढ़ाने में मदत कर सकता है।

पवित्र तुलसी पर हुए एक अध्ययन में संकेत मिले कि 100 मिलीग्राम/किग्रा होली बेसिल अर्क की खुराक इथेनॉल (Ethanol) और पाइलोरिक लिगेशन (Pyloric Ligation) अल्सर के खिलाफ सकारात्मक प्रभाव दिखा सकती है। हालाँकि यह अध्ययन इस और भी संकेत करता है एस्पिरिन-प्रेरित (Aspirin-Induced) अल्सर के खिलाफ इसके अर्क के परिणाम सकारात्मक नहीं रहें।5

तुलसी के नुकसान और सावधानियाँ

स्वास्थ्य पर तुलसी के फायदे कई हो सकतें हैं लेकिन तुलसी के पत्ते खाने के नुकसान की संभावनाओं से भी इंकार नहीं किया जा सकता है जिसके कारण इसके इस्तेमाल को लेकर कुछ मामलों में सावधानी बरतनी भी अनिवार्य हो जाता है।

एलर्जी:- हालाँकि तुलसी के नुकसान में एलर्जी की संभावना बहुत कम होती है लेकिन कुछ लोगों में एलर्जी के लक्षण जिसमें खुजली, जलन, लालिमा आदि देखने को मिल सकतें हैं।

– गर्भवती महिलाओं को तुलसी के अधिक सेवन करने से बचना चाहिए, हालाँकि इसपर कोई खास शोध नहीं है और न की कोई पर्याप्त तथ्य हैं लेकिन फिर भी गर्भवती महिलाओं को अपने खान पीन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है इसलिए तुलसी के इस्तेमाल को लेकर अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें।

– अगर आप किसी प्रकार की खून पतला करने की दवाई का सेवन कर रहे हैं तो तुलसी के इस्तेमाल से बचना चाहिए क्योकि तुलसी को भी खून पतला करने के लिए जाना जाता है।

– लिवर से जुड़ी परेशानी होने पर तुलसी के अधिक सेवन करने से बचाना चाहिए

निष्कर्ष

उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में अधिक फैलने फूलने वाली तुलसी की विश्व भर में अनेको प्रजातियां पाई जाती है। भारत में तुलसी के फायदों और स्वास्थवर्धक गुणों को देखते हुए इसे एक पवित्र जड़ी बूटी के रूप में पूजा जाता है।

हमारे स्वास्थ पर तुलसी के फायदे कई हो सकते हैं जैसे मधुमेह, ह्रदय स्वास्थ्य, कैंसर, गैस्ट्रिक अल्सर आदि समस्याओं में यह फायदेमंद हो सकती है। लेकिन तुलसी के पत्ते खाने के नुकसान की संभावना भी हो सकती है इसलिए इसके प्रयोग में थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए और किसी प्रकार से स्वास्थ्य पर इसके नारात्मक प्रभाव दिखने पर इसका उपयोग तुरंत बंद कर देना चाहिए।

संदर्भ

  1. Pattanayak, Priyabrata, et al. “Ocimum sanctum Linn. A reservoir plant for therapeutic applications: An overview.Pharmacognosy reviews 4.7 (2010): 95. ↩︎
  2. Ezeani, Chinelo, et al. “Ocimum basilicum extract exhibits antidiabetic effects via inhibition of hepatic glucose mobilization and carbohydrate metabolizing enzymes.Journal of intercultural ethnopharmacology 6.1 (2017): 22. ↩︎
  3. Singh, N., et al. “Therapeutic potential of Ocimum sanctum in prevention and treatment of cancer and exposure to radiation: An overview.International Journal of pharmaceutical sciences and drug research 4.2 (2012): 97-104. ↩︎
  4. ​​Cohen, Marc Maurice. “Tulsi-Ocimum sanctum: A herb for all reasons.Journal of Ayurveda and integrative medicine 5.4 (2014): 251. ↩︎
  5. Pattanayak, Priyabrata, et al. “Ocimum sanctum Linn. A reservoir plant for therapeutic applications: An overview.Pharmacognosy reviews 4.7 (2010): 95. ↩︎

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