महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन संतुलित करने के 7 प्राकृतिक तरीके

ख़राब जीवनशैली महिलाओं में अधिक टेस्टोस्टेरोन का कारण बन सकता है जिससे उनमें कई नुकसान हो सकते हैं - चलिए महिलाओं में टेस्टोस्टोन संतुलित करने के तरीकों के बारे में समझते हैं।

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Brijesh Yadav

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टेस्टोस्टेरोन हार्मोन पुरुष प्रधान के रूप में देखा जाता है क्योकि यह पुरुष जननांगों के विकास और पुरुषत्व के विकास में अहम् होता है, लेकिन महिलाओं के समग्र स्वास्थ को बनाये रखने रखने में यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। टेस्टोस्टेरोन से जुड़े फायदों में ऊर्जा, मांसपेशियों की ताकत, मूड विनियमन और समग्र जीवन शक्ति में योगदान देना प्रमुख है।

परन्तु महिलाओं में असंतुलित टेस्टोस्टेरोन के नुकसान भी देखे जा सकतें हैं, जिसमें अनियमित मासिक धर्म चक्र, अधिक रक्त स्राव, कामेच्छा में कमी, मूड में बदलाव और अन्य हार्मोनल गड़बड़ी जैसी विभिन्न जटिलताएं हो सकती हैं। जिसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जिसमें सबसे महत्वपूर्ण खराब जीवनशैली, दवाओं का उपयोग, अधिक तनाव, और अनुवांशिकता आदि हैं।

आजकल महिलाओं के सेहत सम्बन्धी समस्याओं में असंतुलित टेस्टोस्टेरोन एक प्रमुख कारक बनता जा रहा है, इसलिए सेहत सम्बन्धी चिंताओं से बचने के लिए इसको संतुलित करना और असंतुलित होने से बचाना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। तो चलिए आज के इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से जानते हैं की महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन स्तर संतुलित करने के प्राकृतिक तरीके क्या हो सकते हैं।

महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन संतुलित करने के प्राकृतिक तरीके

1. नियमित व्यायाम:-  व्यायाम शारीरिक स्वास्थ के लिए बहुत जरूरी है यह सभी जानते हैं। लेकिन नियमित व्यायाम महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन स्तर को नियंत्रित रखने में मदत कर सकता है। अधिक वासा, मोटापा, निष्क्रिय जीवन हार्मोनल असंतुलन का कारण बनते हैं। और नियमित व्यायाम वजन प्रबंधन में भी सहायता करता है, वसा को कम करता है जिससे हार्मोन संतुलित रहते हैं और अन्य शारीरिक दिक्क्तें दूर रहती हैं।

2. संतुलित आहार:- स्वस्थ और संतुलित आहार से तातपर्य एक ऐसे भोजन से जिसमें पर्याप्त मात्रा में खनिज और पोषक तत्व मौजूद हों, जो हार्मोनल संतुलन को बनाये रखने में मदत कर सकते हैं। एवोकाडो, नट्स, बीज, लीन प्रोटीन और रंगीन फलों और हरी सब्जियों में पर्याप्त पोषक तत्व पाए जाते हैं, जैसे एवोकाडो और नट्स से प्राप्त स्वस्थ वसा हार्मोन संश्लेषण में सहायता करते हैं, जबकि लीन प्रोटीन हार्मोन विनियमन के लिए आवश्यक अमीनो एसिड प्रदान करते हैं।पोषक तत्वों से भरपूर हरी सब्जियाँ हार्मोनल स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट और सूक्ष्म पोषक तत्व प्रदान करती हैं। इसलिए यह महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को संतुलित करने में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।1

3. अधिक तनाव:- लम्बें समय तक तनाव ग्रषित रहने से हार्मोन असंतुलित हो सकते हैं, इसके  अतरिक्त अन्य शारीरिक समस्याएं होने का जोखिम भी बढ़ जाता है। महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन अन्तुलित होने का एक प्रमुख कारण तनाव होता है, क्योकि अधिक तनाव कोर्टिसोल हार्मोन के स्तर को बढ़ता है और अधिक कोर्टिसोल हार्मोन उत्पादन में बाधा डाल सकता है और संतुलन को बाधित कर सकता है। इसलिए ध्यान, योग, गहरी सांस लेना और व्यायाम तनाव को कम करने में मदत करते हैं, जिसके कारण कोर्टिसोल के स्तर को संतुलित करने में मदद मिलती है और अन्य हार्मोन भी संतुलित रहते हैं।2

4. पर्याप्त नींद:-  महिलाओं में हार्मोनल संतुलन बनाए रखने के लिए हर रात 7-9 घंटे की पर्याप्त, आनंदमई नींद लेना बहुत महत्वपूर्ण है। क्योकि नींद के दौरान हमारा इम्यून  शारीरिक दिक्कतों से लड़ने का कार्य करता है, हार्मोनल संतुलन में आई बाधाओं को दूर करने का भी प्रयास करता है, और हार्मोन रिलीज़ करने वाली ग्रंथियों की कार्यछमता को बेहतर करता है। इसके अतरिक्त एक अच्छी नींद तनाव को कम करने में भी मदत करता है जो हार्मोन अंसतुलित करने में प्रमुख योगदान दे सकता है।

5. अत्यधिक चीनी और प्रॉसेस्ड खाद्य पदार्थों:-  अधिक मात्रा में चीनी और प्रोसेस्ड फूड का सेवन इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ा सकता है, जिससे रक्त शर्करा के स्तर को बनाये रखने वाली शारीरिक क्षमता पर दबाव पड़ता है। जो महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है खासकर यह टेस्टोस्टेरोन हार्मोन संतुलन को बाधित कर सकता है। इसलिए अत्यधिक चीनी और प्रॉसेस्ड खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें।

6. विटामिन D:- विटामिन डी हार्मोन उत्पादन में नियामक के रूप में कार्य करता है और इसकी कमी टेस्टोस्टेरोन के स्तर को प्रभावित कर सकती है। इसलिए पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी लेना बहुत जरूरी है, सुबह के समय जब सूर्य की रोशनी मध्यम रहती है कम से कम 5 से 10 मिनट तक सूर्य के प्रकाश में रहें, इसके अतरिक्त अन्य स्वस्थ आहार से इसकी आपूर्ति बनाये रखें।

7. अंतःस्रावी अवरोधकों से बचें:-  प्लास्टिक, घरेलू क्लीनर और सौंदर्य उत्पादों में पाए जाने वाले अंतःस्रावी-बाधित रसायनों जैसे फ़ेथलेट्स और पैराबेंस के संपर्क में आने से बचें क्योकि यह महिलाओं के हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में बाधा उत्त्पन्न कर सकते हैं। क्योकि ये रसायन, शरीर में हार्मोन की नकल करते हैं, और अंतःस्रावी तंत्र के सामान्य कार्यों में हस्तक्षेप करके टेस्टोस्टेरोन के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं।3

निष्कर्ष

हार्मोन शरीर की एक नाजुक कड़ी होते हैं लेकिन शारीरिक विकास से लेकर कई महत्वपूर्ण कार्यों को अंजाम देते हैं। इसलिए टेस्टोस्टेरोन जो की एक पुरुष हार्मोन है लेकिन महिलाओं के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योकि यह उनमें हड्डयों की मजबूती, काम इच्छा, आदि कार्यों को करता है। आजकल महिलाओं में इसके असंतुलन होने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं और यह उनके लिए कई प्रकार की शारीरक दिक्क्तों के कारण बन रहा है। इसलिए इसका संतुलन करना बहुत जरूरी हो जाता है। हमने इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन संतुलित करने के प्राकृतिक तरीकों के बारे में विस्तार पूर्वक जाना जो निश्चित रूप से महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन को संतुलित करने के अलावां कई प्रकार से स्वास्थ को बढ़ने में एक अहम भूमिका निभाएंगें।

संदर्भ

  1. Krouni, Atefeh, et al. “Effect of High Fibre, Low Calorie Balanced Diet in Obese Women with Hirsutism: A Randomised Clinical Trail.Journal of Clinical & Diagnostic Research 12.6 (2018). ↩︎
  2. Kunstmann, Antje, and Kerrin Christiansen. “Testosterone levels and stress in women: the role of stress coping strategies, anxiety and sex role identification.Anthropologischer Anzeiger (2004): 311-321. ↩︎
  3. Nicolopoulou-Stamati, P., and M. A. Pitsos. “The impact of endocrine disrupters on the female reproductive system.Human Reproduction Update 7.3 (2001): 323-330. ↩︎

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