हेयर ट्रांसप्लांट: तकनीक, परेशानियां, और लागत

बाल खूबसूरती के लिहाज से बहुत अहम माना जाता है इसका पता इस बात से लगाया जा सकता है की रोजाना गूगल पर बालों और बालों की देखभाल से सम्बंधित लाखों सर्च किये जाते हैं। लेकिन वर्तमान समय में बालों का झड़ना एक बहुत ही आम समस्या बन गया है, ...

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Akash Yadav

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बाल खूबसूरती के लिहाज से बहुत अहम माना जाता है इसका पता इस बात से लगाया जा सकता है की रोजाना गूगल पर बालों और बालों की देखभाल से सम्बंधित लाखों सर्च किये जाते हैं।

लेकिन वर्तमान समय में बालों का झड़ना एक बहुत ही आम समस्या बन गया है, जिसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे उम्र, बीमारियाँ, गलत लाइफस्टाइल या आनुवांशिक, आदि। बालों का झड़ना ना केवल पुरुषों बल्कि महिलाओं के लिए भी एक चिंता का विषय बनता जा रहा है जिसमें कहीं न कहीं 85% पुरुष और 40% महिलाएं प्रभावित हैं।1

अपने होते गंजेपन को रोकने के लिए लोगों द्वारा कई प्रकार के इलाज का सहारा लिया जाता है जिसमें हेयर ट्रांसप्लांट भी एक ऑप्शन होता है।

1931 में खोजी गई हेयर ट्रांसप्लांट की यह विधि गंजेपन से शिकार लोगों के लिए किसी बरदान से कम नहीं है। लेकिन कहीं ना कहीं यह एक सर्जिकल प्रोसेस है जिस वजह से मन में कई तरह का डर और कई तरह के सवाल रहते हैं। तो चलिए आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हेयर ट्रांसप्लांट से सम्बन्धित सभी सवालों जैसे हेयर ट्रांसप्लांट कैसे होता है, प्रमुख तकनीक क्या हैं, और सवधानी आदि के बारे में विस्तार से समझते हैं ताकि हेयर ट्रांसप्लांट करने सम्बन्धी हम एक उचित निर्णय ले पाएं।

हेयर ट्रांसप्लांट क्या होता है? 

हेयर ट्रांसप्लांट एक सर्जिकल प्रोसेस होता है जिसमें प्लास्टिक सर्जन या डर्मटोलॉजिकल सर्जन शरीर के दूसरे किसी हिस्से और जहां बालों की सघनता होती है वहां से बाल की जड़ें लेकर सर के उस हिस्से में लगता है जहां बाल झड़ चुके हैं या गंजापन हो गया है।

हेयर ट्रांसप्लांट के प्रकार और तकनीक 

1931 से लेकर आज तक जैसे-जैसे विज्ञानं और तकनीक का विकास हो रहा है वैसे वैसे हेयर ट्रांसप्लांट की तकनीक का भी विकास हो रहा है और हेयर ट्रांसप्लांट करने की नई तकनीकों का इजाद हो रहा है।2

लेकिन वर्तमान समय में हेयर ट्रांसप्लांट के 2 प्रकार काफी प्रचलित हैं।

  • सिल्ट ग्राफ्ट्स (slit grafts):- स्लिट ग्राफ्टिंग में 10-15 बालों वाली स्माल फॉलिक्युलर यूनिट्स या ग्राफ्ट्स को निकला जाता है। 
  • मइक्रोग्राफ्ट्स (micro-grafts):- माइक्रो-ग्राफ्टिंग का उपयोग आमतौर पर बड़े गंजे वाली जगहों पर किया जाता है। माइक्रो-ग्राफ्ट में, ग्राफ्टेड में एक से चार बाल होते हैं।

ग्राफ्ट्स क्या होते हैं?

ग्राफ्ट बालों की जड़ों के जीवित उत्तक होते हैं। दरअसल शरीर के गंजेपन वाली जगह पर बाल उगाने के लिए इन्ही ग्राफ्ट्स का ट्रांसप्लांट किया जाता है। बाल ट्रांसप्लांट करने के लिए किस प्रकार (सिल्ट ग्राफ्ट्स, मइक्रोग्राफ्ट्स) का इस्तेमाल करना है इसका निर्धारण डॉक्टर बालों और त्वचा की जाँच करने के बाद करता है।

हेयर ट्रांसप्लांट की तकनीक क्या है?

हेयर ट्रांसप्लांट (Hair transplant) की 2 तकनीकें काफी प्रचलित भी हैं, और दोनों ही तकनीकों में डोनर एरिया यानी जहाँ से बाल निकले जाने है, वहां से बाल निकल कर जहाँ जरूरत होती है वहां लगाए जाते है:-

फॉलिक्युलर यूनिट ट्रांसप्लांटेशन (FUT-Follicular Unit Transplantation)

FUT-Follicular Unit Transplantation

इस प्रोसेस में डोनर एरिया यानि सर के पीछे के हिस्से से 4 से 6 इंच का स्ट्रिप निकला जाता है और इस स्ट्रिप को 500 से 2000 ग्राफ्ट्स में डिवाइड किया जाता है और निगले गए ग्राफ्ट को जरूरत वाले स्थान पर लगाया जाता है  इन ग्राफ्ट्स का नंबर आपके बालों की क्वालटी और टाइप पैर निर्भर करता है।3 

हालाँकि इस प्रोसेस में हेयर ट्रांसप्लांट के बाद सर के पीछे निकले गए स्ट्रिप का निशान रह जाता है लेकिन बालों से ढके होने के कारण नजर नहीं आता है।

फॉलिक्युलर यूनिट एक्सट्रैक्शन (FUE-Follicular Unit Extraction)

FUE-Follicular Unit Extraction

FUE  काफी नया और एडवांस तकनीक है इस तकनीक में स्ट्रिप की जगह एक एक हेयर फॉलिकल को निकला जाता है। इस प्रोसेस में पूरे सर (scalp) को शेव(shave) किया जाता है इसके बाद सर के पीछे के हिस्से से ग्राफ्ट को एक एक करके निकला जाता है इसके बाद नीडल की मदत से जहाँ जरूरत होती है वहां लगाया जाता है।4

हालाँकि इस प्रोसेस को करने के बाद भी आपके सर पर छोटे छोटे निशान रह जाते है लेकिन उतने नजर नहीं आते है।

FUT और FUE में अंतर क्या होता है?

Follicular Unit Transplantation(FUT)Follicular Unit Extraction(FUE)
डोनर एरिया से 4 से 6 इंच की चमड़ी की स्ट्रिप निकली जाती है फिर उसको ग्राफ्ट में डिवाइड किया जाता हैसीधे ही सर के पीछे के हिस्से से एक प्रकार की पंच मशीन से हेयर फॉलिकल निकल लिए जाते हैं
डोनर एरिया की उपलब्धता कम होती है  सर के पीछे के हिस्से से निकला जाता हैडोनर एरिया की उपलब्धता ज्यादा होती है जिसमे दाढ़ी के बालों को भी निकला जा सकता है।
इसमें सर के पीछे कट (cut) और स्टीच (stitching) किया जाता हैकिसी प्रकार का कट (cut) या स्टीच (stitching) की जरूरत नहीं होती है
इसमें सर्जरी के बाद कुछ दिनों तक थोड़ा दर्द हो सकता हैइसमें दर्द FUT के मुकाबले कम होता है
हीलिंग में समय लग सकता हैFUT के मुकाबले हीलिंग में कम समय लगता है
बालों की पैदावार सही मात्रा में हो सकता हैFUT के मुकाबले बालों की पैदावार कम हो सकती है
ग्राफ्ट का सर्वाइवल रेट ज्यादा होता हैग्राफ्ट का सर्वाइवल रेट भी कम होता है
ग्राफ्ट के डैमेज होने के कम चांस होते हैं लेकिन सही देखभाल न करने से खतरा बढ़ता है ग्राफ्ट डैमेज होने के चांस अधिक होता है लेकिन सही से देखभाल करने पर खतरा और बढ़ता है
सर में कुछ महीनो तक सुन्नता (Numbness) महसूस हो सकती हैसुन्नता (Numbness) महसूस नहीं होती है

दोनों ही प्रोसेस में स्वेलिंग हो सकती है जो 6 से 8 हप्तों रह सकती है लेकिन दोनों ही प्रोसेस के रिजल्ट अच्छे मिलने की संभावना होती है।

किसी एक मेथेड को सही कहना बिलकुल भी उचित नहीं होगा क्योकि हर एक मेथेड के अपने फायदे औरनुकसान होता है। आपको किस मेथेड का इस्तेमाल करना चाहिए और कौन सा मैथेड आपके लिए सही रहेगा यह डॉक्टर आपके बालों की अच्छे तरीके से जाँच करने के बाद निर्धारित करता है।  

हालाँकि छोटे हेयर ट्रांसप्लांट जैसे आईब्रो के हेयर ट्रांसप्लांट में FUE का इस्तेमाल किया जाता है।

एक अच्छे हेयर ट्रांसप्लांट के लिए हेयर फॉलिकल को अच्छे से निकलना बहुत जरूरी होता है चाहे वह कोइ भी मेथेड क्यों ना हो। हेयर ट्रांसप्लांट का सक्सेज सर्जन का अनुभव, स्किल, और ट्रेनिंग पर निर्भर करता है। इस लिए अनुभवी सर्जन से ही हेयर ट्रांसप्लांट करवाना चाहिए।

हेयर ट्रांसप्लांट कैसे किया जाता है?

हेयर ट्रांसप्लांट (Hair transplant) के प्रोसेस की शुरुआत गंजापन किस स्तर का है यह पहचानने से होती है, इसके बाद हेयर ट्रांसप्लांट करने में किस मेथड का उपयोग किया जायेगा यह तय किया जाता है।

सर के हिस्से को लोकल एनेस्थिया देकर सुन्न किया जाता है ताकि दर्द का एहसास ना हो। इसके बाद FUT या FUE मेथेड से बाल के डोनर एरिया से ग्राफ्ट्स निकले जाते है और जहां लगाना होता है उस हिस्से में सुई की मदत से छेद कर बालों को लगा दिया जाता है। इस प्रोसेस के बाद सर पर कुछ दिनों के लिए पट्टी कर दी जाती है।

हेयर ट्रांसप्लांट में कितना समय लगता है?

यह आपके गंजापन की स्थिति, बालों के क्विलटी और डॉक्टर की कुशलता पर निर्भर करता है। लेकिन समान्य तौर पर देखा जाये तो इस प्रोसेस को करने में डॉक्टर को लगभग 8 घंटे का समय लग सकता है।

हेयर ट्रांसप्लांट कराने के बाद क्या होता है? 

  • हेयर ट्रांसप्लांट के बाद आपका ट्रांसप्लांट किया गया हिस्सा बहुत सेंसेटिव हो जाता है और  उस हिस्से में दर्द भी महसूस हो जाता है, इसलिए आपका डॉक्टर आपको पैन किलर भी लेने की सलाह दे सकता है।
  • सर्जरी के बाद संक्रमण और सूजन का खतरा काफी बढ़ जाता है इसलिए आपको एंटीबायोटिक दवाएं और सूजन ठीक करने वाली दवाएं भी लेनी पड़ सकती है।
  • हेयर ट्रांसप्लांट की सर्जरी के बाद 2 से 3 हप्तों में नए ट्रांसप्लांट किये हुए बाल झड़ने लगते है, इसमें चिंता करने की कोई बाद नहीं होती है यह हीलिंग प्रोसेस का ही हिस्सा होता है।
  • नए बाल उगने में 6 से 9 महीने का वक्त लगता हैं।

हेयर ट्रांसप्लांट कराने में कितना खर्च हो सकता है? 

समान्य तौर पर भारत में हेयर ट्रांसप्लांट का खर्च या लगत 25000 से 100000 रूपये तक हो सकती है। लेकिन इसमें कितनी लगत लगेगा यह बहुत सारे फेक्टर पर निर्भर करता है जैसे-

  • आपका शहर या इलाका क्या है
  • आपका ट्रांसप्लांट किस डॉक्टर के द्वारा किया जा रहा है
  • आप हेयर ट्रांसप्लांट के लिए किस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं
  • गंजेपन की समस्या का स्तर क्या है
  • आपके बाल कितने घने हैं और बाल ट्रांसप्लांट के अधिक मात्रा में उपलब्ध है या नहीं

हालाँकि मार्किट में DHI तकनीक भी धीरे धीरे काफी प्रचलित हो रही है, यह एक आधुनिक तकनीक है जिसमे माइक्रो सर्जिकल टूल का उपयोग किया जाता है जिस वजह से इस प्रोसेस में दर्द नहीं होता है लेकिन इसको करने का खर्च 2 से 3 लाख रुपये हो सकते हैं।

निष्कर्ष

हेयर ट्रांसप्लांट, गंजापन से शिकार लोगों के लिए बाल को वापस उगने का एक अच्छा माध्यम हो सकता है। हालाँकि इसकी शुरुआत 1931 में हो गई थी लेकिन समय के साथ हेयर ट्रांस्पलांट करने की नई तकनीकों का ईजाद हो चूका है। वर्तमान समय में FUT और FUE सबसे प्रचलित हेयर ट्रांसप्लांट है क्योकि इनमें सफलता अधिक होती है और लागत कम हो सकती है।

FUT में चमड़ी की स्ट्रिप निकली जाती है फिर उसको ग्राफ्ट में डिवाइड करके नीडल के सहारे ट्रांसप्लांट किया जाता है। FUE में सीधा ही डोनर एरिया से ग्राफ्ट निकाल कर ट्रांसप्लांट किया जाता है। एक सफल हेयर ट्रांसप्लांट डॉक्टर की कुशलता पर बहुत अधिक निर्भर करता है इसलिए किसी कुशल डॉक्टर से ट्रांसप्लांट करना चाहिए।

क्या हेयर ट्रांसप्लांट परमानेंट होता है?

हेयर ट्रांसप्लांट परमानेंट रहने के लिए ही किया जाता है लेकिन यह कितने समय तक रहेगा, आपकी शारीरिक कंडीशन और देखभाल पर बहुत अधिक निर्भर करता है। कुछ स्थियों में जब ट्रांसप्लांट उचित जांच के द्वारा नहीं किया जाता है तो पहले जैसी स्थिति थोड़े ही समय में हो सकती है।

हेयर ट्रांसप्लांट के बाद दर्द कितने समय तक रहता है?

हेयर ट्रांसप्लांट के बाद कुछ दर्द हो सकती है, लेकिन यह व्यक्ति के शरीर और हेयर ट्रांसप्लांट के प्रक्रिया के प्रकार पर निर्भर करता है। आम तौर पर पर दर्द एक से दो हप्ते तक रह सकता है।

सन्दर्भ

  1. Zito, Patrick M., and Blake S. Raggio. “Hair transplantation.” (2019). ↩︎
  2. Jimenez, Francisco, et al. “Hair transplantation: basic overview.Journal of the American Academy of Dermatology 85.4 (2021): 803-814. ↩︎
  3. Tan, Tyng Yuan, et al. “Follicular transection rate in FUT in Asians: 15 years later.Hair Transpl Forum Intl. Vol. 27. No. 1. 2017. ↩︎
  4. Sharma, Ravi, and Anushri Ranjan. “Follicular unit extraction (FUE) hair transplant: curves ahead.Journal of Maxillofacial and Oral Surgery 18.4 (2019): 509-517. ↩︎

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